सात सदस्यीय जांच कमेटी ने डीएस पर लगाए गए आरोप को बताया गलत
मोतिहारी के सदर अस्पताल में 80 जीएनएम ने रोस्टर ड्यूटी और सरकारी आवास भत्ते के खिलाफ आरोप लगाए थे। जांच में पता चला कि अधिकांश ने आरोप पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए थे। जीएनएम सुप्रिया सागर को दोषी...

मोतिहारी, नगर संवाददाता। सदर अस्पताल में रोस्टर ड्यूटी और सरकारी आवास में रहते हुए आवास भत्ता लेने और बिजली का बिल का भुगतान नहीं करने को लेकर करीब 80 जीएनएम ने सदर अस्पताल प्रबंधक सहित डीएस पर आरोप लगाते हुए इसकी जांच की मांग सीएस से की थी। इसको लेकर सीएस ने सदर अस्पताल के सात डॉक्टर की टीम की एक जांच कमेटी बना दी। बताते हैं कि जांच कमेटी ने लगाए गए सभी आरोपों की जांच की। जांच में पाया गया कि सीएस को दिए गए पत्र में 80 जीएनएम में अधिकांश ने हस्ताक्षर ही नहीं किया है। कुछ ने जांच टीम के सामने कहा कि उनको इसके संबंध में जानकारी ही नहीं है।
रोस्टर ड्यूटी में जीएनएम नहीं, फिर भी आरोप पत्र में हस्ताक्षर जांच टीम ने डीएस के द्वारा इन आरोपों का दिया गया जबाव, रोस्टर ड्यूटी सहित अन्य आरोप की गहन जांच की। इस आरोप को जीएनएम ने बताया कि जब वे लोग कोई आरोप ही नहीं लगाए हैं तो क्या जबाव दें। जांच टीम को उस समय ज्यादा शंका हुई जब रोस्टर ड्यूटी में जीएनएम मीना लाल है ही नहीं फिर भी उनका भी आरोप पत्र पर हस्ताक्षर दिखाया गया था। जीएनएम को दूसरे अस्पताल में तबादला करने की अनुशंषा जांच टीम ने इस पूरे प्रकरण के लिए जीएनएम सुप्रिया सागर को दोषी करार दिया है। सदर हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल में तबादला करने की रिपोर्ट की है। साथ ही सीएस से यह भी अनुरोध किया है कि अगर सुप्रिया सागर का तबादला नहीं होता है तो अस्पताल में किसी प्रकार की घटना होने पर इसकी जबावदेही अस्पताल प्रबंधक या डीएस की नहीं होगी। बताया जाता है कि आए दिन सदर अस्पताल कतिपय स्टॉफ और डॉक्टर के कारण व्यवस्था बदनाम हो रहा है। जिसको लेकर चर्चा बनी रहती है। जांच टीम में ये थे शामिल जांच टीम में डॉ मुकेश कुमार, डॉ अतहर हुसैन, डॉ अशोक राम , डॉ पंकज कुमार, डॉ रश्मि श्री , डॉ मनीष कुमार , डॉ कुमार अमृतांशु शामिल थे। इस संबंध में डीएस डॉक्टर विजय कुमार ने बताया कि जांच टीम अपना रिपोर्ट सीएस को दे दी है। एक कॉपी डीएम को भी भेजी गई है। जैसा कि डीएस को जांच टीम ने बताया है। जांच कमेटी के सदस्य डॉ. अशोक राम, डॉ.मुकेश कुशवाहा, डॉ.कुमार अमृतांशु आदि ने बताया कि जांच की एक कॉपी डीएम को व एक सिविल सर्जन को भेजी गयी है।
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