Veterans Demand Support for Nation Building Need for Development of Martyrs Memorial शहीद स्मारक का हो सौंदर्यीकरण पूर्व सैनिकों को रोजगार दे प्रशासन, Motihari Hindi News - Hindustan
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शहीद स्मारक का हो सौंदर्यीकरण पूर्व सैनिकों को रोजगार दे प्रशासन

पूर्व सैनिकों ने शहीद स्मारक के विकास और सौंदर्यीकरण की मांग की है। उनका कहना है कि जिला प्रशासन को एक ऐसा प्लेटफार्म बनाना चाहिए जहां वे अपने अनुभव साझा कर सकें और युवाओं में राष्ट्रप्रेम की भावना...

Newswrap हिन्दुस्तान, मोतिहारीMon, 19 May 2025 11:07 PM
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शहीद स्मारक का हो सौंदर्यीकरण पूर्व सैनिकों को रोजगार दे प्रशासन

पूर्व सैनिकों को ऐसा प्लेटफार्म मिलना चाहिए, जहां से प्रेरित होकर युवाओं में राष्ट्रप्रेम की भावना जागृत हो सके। उनकी पूरी क्षमता रिटायर होने के बाद दफन हो जाती है। उनके मन में यह कसक रह जाती है कि अपने अनुभव को आने वाली पीढ़ियों के बीच शेयर नहीं कर सका। यह कहना है पूर्व सैनिक धर्मेन्द्र कुमार सिंह का। वह बताते हैं कि जिला प्रशासन कोई एक ऐसी जगह निधार्रित करे जहां नौकरी के बाद रिटायर सैनिक इच्छुक युवाओं से अपना अनुभव शेयर कर सकें। राजा बाजार में शहीद स्मारक बना है। सभी पूर्व सैनिक वहां एकत्र हो जाएं तो भवन में बैठने की जगह नहीं रहती है।

इस भवन के विकास व सौंदर्यीकरण की जरूरत है। भूप नारायण सिंह, राम किशोर तिवारी, जय प्रकाश तिवारी, अमरेंद्र प्रताप सिंह आदि पूर्व सैनिकों का कहना है कि जिला प्रशासन या जनप्रतिनिधि किसी स्तर से इस स्थल के विकास की पहल नहीं हो रही है। इस स्थल की साफ-सफाई के साथ अवैध पार्किंग बड़ी समस्या है। चहारदीवारी बनी है तो इसकी उंचाई कम है। आवारा जानवर प्रवेश कर अपना बसेरा बना लेते हैं। आसपास के लोग तो उसके कैंपस में कचरा फेंक देते हैं। जब कभी बैठक होती है तो पूर्व सैनिक खुद से सफाई करते हैं। वहां नगर निगम की ओर से साफ पीने का पानी की भी व्यवस्था नहीं है। पूर्व सैनिकों का कहना है कि दूर दराज से जिले में आये सैनिकों को रात में ठहरने के लिये आरामगृह की सुविधा नहीं है। सामाजिक समर्थन में भी कमी देखी जाती है। रंजीत तिवारी, वीरेंद्र कुमार, आलोक कुमार आदि पूर्व सैनिकों का कहना है कि जिला स्तर पर रोजगार की व्यवस्था हो। नगर निगम की ओर से साइकिल व बाइक स्टैंड आवंटित की जाती है तो उसमें पूर्व सैनिकों को प्राथमिकता दी जाये। इससे उन्हें रोजगार के अवसर मिलेंगे। रिटायर होने के बाद सभी सैनिक हार्ड वर्क करना नहीं चाहते तो उन्हें छोटे रोजगारों में प्रशासन की ओर से मदद मिलनी चाहिए। गणतंत्र दिवस व स्वतंत्रता दिवस के मौके पर वीर नारी व उनके आश्रितों व पूर्व उम्रदराज सैनिकों को सम्मानित किया जाये। इससे वे अपना उचित सम्मान भी समझेंगे। पूर्व सैनिकों ने कहा कि जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति का गठन होता है। उसमें जिला सैनिक संघ के सदस्यों को शामिल किया जाए। समिति में शामिल होने पर पूर्व सैनिकों को अपनी तथा समाज के समस्याओं व विकासात्मक कार्यो को पटल पर रखने का अवसर मिलेगा। पूर्व सैनिकों की मृत्यु होने पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर मिले। इससे उनके आश्रितों का मनोबल उंचा होता है। इससे युवा पीढ़ी में देश भक्ति की भावना जागृत होती है। शहीद स्मारक की चहारदीवारी उंची नहीं होने से लोग इस परिसर में कचरा फेंक देते हैं। गेट के सामने अवैध रूप से वाहनों की पार्किंग कर दी जाती है। स्मारक के प्रति जिला प्रशासन व लोगों की भावनात्मक विचार शून्य होते जा रहे हैं। वहीं सैनिक हेल्प डेस्क को एक्टिव करने की जरुरत है। कांटेक्ट नम्बर जो जारी किया गया है वह स्वीच ऑफ मिलता है। पूर्व सैनिक अधिकतर जमीन संबंधी समस्याओं से जुझते हैं। नौकरी के दौरान वे लोग बाहर रहते हैं । इस दौरान गांव के कुछ लोग उनकी जमीन को अतक्रिमित कर लेते हैं। सैनिक हेल्प डेस्क के प्रभारी बनाये गये सच्चिदानंद पाण्डेय का कहना है कि सैनिकों की ओर से जो शिकायत मिलती है उसका त्वरित नष्पिादन किया जाता है। पूर्व सैनिकों ने कहा, कैंटीन खुलने से होगी सहूलियत:

 पूर्व सैनिकों की मांग है कि राजा बाजार स्थित शहीद स्मारक के समीप ही एक भवन में कैंटीन खोला जाये। पड़ोस के जिले में कैंटीन की सुविधा है। दूसरे जिले में सैनिकों को जाने पर परेशानी होती है। पहले यहां कैंटीन चलता था। अपनी जरूरत का सामान किफायती दर पर पूर्व खरीदते थे। इसकी सुविधा अब बंद हो गयी है। इससे पूर्व सैनिकों को बहुत परेशानी होती है। पूर्व सैनिकों ने फिर से कैंटीन चालू करने की मांग की है।

 शिकायतें: 

1. शहीद स्मारक के सामने अवैध रूप से लोग गाड़ी पार्किंग कर गंदगी फैला देते हैं। इससे यहां लोगों को दक्कित होती है।

 2. जिला प्रशासन की ओर से स्मारक भवन का विकास व सौंदर्यीकरण नहीं किया जाता है। इससे स्थल वीरान लगता है।

 3. नगर निगम की ओर से सफाईकर्मी की व्यवस्था नहीं है। पूर्व सैनिकों को खुद से साफ-सफाई करनी होती है।

4. पूर्व सैनिकों के इलाज के लिए इसीएचएस के पैनल में मोतिहारी में कोई सिविल अस्पताल नहीं है। इससे परेशानी होती है।

 5. जिला प्रशासन के स्तर पर पूर्व सैनिकों के लिए रोजगार की व्यवस्था नहीं की जाती है। रोजगार के लिये भटकना पड़ता है। 

सुझाव:

 1. शहीद स्मारक के सामने गाड़ी पार्किंग व गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ प्रशासन की ओर से सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है।

 2. शहर के अन्य पार्कों की तरह शहीद स्मारक के भवन के विकास व सौंदर्यीकरण की जरूरत है। इसे ऐतिहासिक धरोहर बनाया जाये।

 3. नगर निगम की ओर से शहीद स्मारक में सफाईकर्मी की नियुक्ति होनी चाहिए ताकि इस स्थल की समुचित सफाई हो सके। 

4. पूर्व सैनिकों के इलाज के लिए इसीएचएस के पैनल में मोतिहारी में सिविल अस्पताल होना चाहिए।

 5. पूर्व सैनिकों को जिलास्तर पर ही रोजगार उपलब्ध कराया जाये, ताकि रिटायरमेंट के बाद उन्हें आर्थिक संकट नहीं हो।

 बोले जिम्मेदार

 शहीद स्मारक के सौंदर्यीकरण व विकास को लेकर प्रस्ताव विभाग को भेजा जाएगा। यह जिले की धरोहर है। वहां पेयजल व बिजली की सुविधा बहाल की जायेगी। जिला सैनिक कल्याण बोर्ड परिसर में ही पूर्व सैनिकों के लिए अस्पताल बनाने की योजना है। उसे भी जल्द पूरा करने की कोशिश की जाएगी। सैनिकों के रिटायरमेंट के बाद की किसी भी समस्या के समाधान के लिये जिला सैनिक कल्याण बोर्ड है। वहां त्वरित सुझाव व कार्यों का नष्पिादन होता है। मंगला कुमारी, प्रभारी जिला सैनिक कल्याण बोर्ड, पू.चं.

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