कौन हैं मोतीलाल प्रसाद जिन्हें बीजेपी ने बनाया मंत्री, जनसंघ से की थी राजनीति की शुरुआत
नीतीश सरकार में बीजेपी कोटे से मंत्री बनाए गए मोतीलाल प्रसाद का राजनीतिक सफर, पारिवारिक पृष्ठभूमि और शैक्षणिक योग्यता काफी दिलचस्प है। वह जनसंघ के समय से राजनीति से जुड़े हुए हैं और बिहार में बीजेपी के दिग्गज नेताओं के करीबी रहे हैं।

बिहार में भारतीय जनता पार्टी (कोटे) से 7 नए मंत्री बनाए गए हैं। सीतामढ़ी जिले के रीगा से बीजेपी के विधायक मोतीलाल प्रसाद को भी नीतीश कैबिनेट में जगह मिली है। मोतीलाल बीजेपी के पुराने नेताओं में से एक हैं। वह जनसंघ के समय से पार्टी से जुड़े हुए हैं। उनकी पृष्ठभूमि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की रही है। वह शुरू से ही आरएसएस से जुड़े रहे। इसके बाद जनसंघ के प्रखंडस्तरीय कार्यकर्ता के रूप में अपनी अलग पहचान रही।
यही वजह रही की सीतामढ़ी जिले में होने वाली भाजपा के बड़े नेताओं की सभाओं का उन्होंने संचालन किया। मोतीलाल प्रसाद की बीजेपी में एक ईमानदार नेता के तौर पर पहचान है। दिवंगत सुशील कुमार मोदी, नंद किशोर यादव, कैलाशपति मिश्र, ताराकांत झा जैसे कद्दावर नेता के वे काफी करीब रहे। इसी वजह से 2010 में इन्हें भाजपा ने रीगा विधानसभा से टिकट दिया, जिसमें उन्हें विजय मिली।
हालांकि 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अमित कुमार टून्ना के हाथों मोतीलाल को हार मिली। फिर 2020 में बीजेपी ने एक बार फिर उनपर भरोसा जताया और वे चुनाव जीतकर दोबारा विधायक बने।
मोतीलाल प्रसाद के पिता पंचम साह किसान थे। मोतीलाल ने इंटर तक की पढ़ाई दरभंगा से की। वह बैरगनिया के खैनी पट्टी के रहने वाले हैं। मोतीलाल तेली (वैश्य) समाज से आते हैं। उनके तीन बेटे और एक बेटी है। वह पंडित दीनदयाल उपाध्याय इंटर कॉलेज में लैब टेक्निशियन के पद पर कार्य कर चुके हैं। विधायक बनने से पहले वे दुकानदार थे।
मोतीलाल प्रसाद सीतामढ़ी जिले के तीसरे ऐसे मंत्री हैं, जो वैश्य समाज से आते हैं। इससे पहले सुनील कुमार पिंटू और रामवृक्ष चौधरी भी मंत्री रह चुके हैं।