Celebration of 18th Mahaparinirvana Day of Maharishi Santsevi Paramhans in Jamalpur महान संत थे महर्षि संतसेवी जी महाराज, आदर्श व विचारों को करें आत्मसात: स्वामी शीलनिधान बाबा, Munger Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsMunger NewsCelebration of 18th Mahaparinirvana Day of Maharishi Santsevi Paramhans in Jamalpur

महान संत थे महर्षि संतसेवी जी महाराज, आदर्श व विचारों को करें आत्मसात: स्वामी शीलनिधान बाबा

जमालपुर में संतमत सत्संग आश्रम में महर्षि संतसेवी परमहंस का 18वां महापरिनिर्वाण दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सत्संग, प्रवचन, ध्यान, भजन और पुष्पांजलि का आयोजन किया गया। संतमत के महात्मा स्वामी शील निधान...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुंगेरSat, 7 June 2025 02:54 AM
share Share
Follow Us on
महान संत थे महर्षि संतसेवी जी महाराज, आदर्श व विचारों को करें आत्मसात: स्वामी शीलनिधान बाबा

जमालपुर। निज प्रतिनिधि स्थानीय संतमत सत्संग आश्रम नयागांव परिसर में महर्षि संतसेवी परमहंस की 18वीं महापरिनिर्वाण दिवस समारोहपूर्वक मनाया गया। समारोह में विशेष सत्संग के अलावा प्रवचन, ध्यान साधना, भजन, पुष्पांजलि, महर्षि संत सेवी परमहंस के जीवन व उपदेश पर परिचर्चा एवं प्रसाद वितरण का कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मौके पर संतमत के महात्मा स्वामी शील निधान बाबा ने कहा कि महर्षि संतसेवी अपने सतगुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज के परम प्रिय उत्तराधिकारी शिष्य थे। गुरु महाराज उन्हें अपना मस्तिष्क मानते थे। गुरु महाराज के परिनिर्वाण होने के उपरांत उन्हें संतमत का आचार्य पद मिला था और वह बड़े महान एवं विद्वान संत थे।

उन्होंने कहा कि सन्तसेवी जी महाराज ने आचार्य पद पर रहते हुए संतमत सत्संग का बहुत अधिक प्रचार प्रसार किया। इसलिए उनके आदर्श व विचारों को सत्संगी आत्मसात करें। संरक्षक शिवनारायण मंडल ने कहा कि महर्षि संतसेवी जी को जमालपुर से गहरा लगाव था। वे अपने जीवन काल में प्रत्येक साल जमालपुर प्रवास कर संतमत का प्रचार प्रसार करते थे। यही कारण है कि जमालपुर संतमत का गढ़ माना जाता है। सचिव ओमप्रकाश गुप्ता ने कहा की संतसेवी जी महाराज का बचपन का नाम महावीर लाल था। परंतु गुरु महाराज ने संतों की सेवा से प्रसन्न होकर उनका नाम संतसेवी रखे थे। कोषाध्यक्ष सीताराम वैद्य ने कहा की संत सेबी जी महाराज ने 18 वर्ष पहले आज के दिन ही भागलपुर कुप्पाघाट में महापरिनिर्वाण हुए थे। परंतु उनकी यादें सत्संगियों के दिलों-दिमाग में हमेशा से अमर रहेगी। प्रचारमंत्री राजन कुमार चौरसिया ने कहा कि सनसेवी जी महाराज को गुरु महाराज ने नए सत्संगियों को गुरु दीक्षा देने का आदेश दिए थे, जिसके तहत सन्तसेवी जी महाराज ने हजारों नए सत्संगियों को गुरु दीक्षा भेद भजन देकर संतमत सत्संग से जोड़ने का काम किया। वे बड़े विद्वान महात्मा थे। उन्होंने जग में ऐसे रहना, ओम विवेचन, गुरु महिमा, लोक परलोक हितकारी, शक्ति क्या है, सुख-दुख, योग महात्मय सहित दर्जनों पुस्तक की रचना की। मंच संचालन प्रधानमंत्री राजेंद्र कुमार चौरसिया ने किया। मौके पर भुज नारायण पंडित, परमानंद मंडल, महेश दास, मदन लाल मंडल, गुरदास, रामस्वरूप मंडल, अभिमन्यु साह, प्रमोद यादव, जवाहर साह, सुबोध शर्मा, पुनीत मंडल, सुशील पंडित, भामिनी देवी, भूदेश्वरी देवी सहित सैकड़ो सत्संगी मौजूद थे।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।