हीट वेव के मरीजों का इलाज को ले 30 बेड का डेडिकेटेड वार्ड तैयार
मुंगेर के सदर अस्पताल में हीट वेव से ग्रसित मरीजों के इलाज के लिए 30 बेड का डेडिकेटेड वार्ड बनाया गया है। यह वार्ड पूरी तरह वातानुकूलित है और यहां सभी आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध हैं। हालांकि, अब...

मुंगेर, निज संवाददाता । हाल के दिनों में तापमान में अप्रत्याशित बढ़ोतरी के कारण जन जीवन जहां अस्त व्यस्त है। वहीं हीट वेव से ग्रसित मरीजों के इलाज के लिए सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से सदर अस्पताल में पूरी तैयारी कर ली गई है। सदर अस्पताल स्थित प्री फैब्रिकेटेड अस्पताल में 30 बेड का डेडिकेटेड हीट वेव वार्ड बनाया गया है। पूर्णत: वातानुकूलित हीट वेव वार्ड में 10 ऑक्सीजन कन्सन्टेटर लगा कर मरीजों के लिए शुद्ध पेयजल का प्रबंध किया गया है। इसके अलावा हीटवेव से ग्रसित मरीजों के इलाज के लिए सभी प्रकार की आवश्यक मेडिसीन का प्रबंध किया गया है।
हीटवेव वार्ड में आइस पैक, आरएल, एनएस, डीएनएस, ओआरएस, पारासीटामोल सहित अन्य जीवन रक्षक दवाएं रखी गई है। वार्ड में सभी बेड पर चादर व खिड़की तथा दरवाजा में परदा लगा कर डेडिकेटेड हीट वेव वार्ड बनाया गया है। पिछले दिनों अस्पताल निरीक्षण को पहुंचे मुंगेर डीएम अवनीश कुमार सिंह ने डेडिकेटेड हीट वेव वार्ड का जायजा लिया था। अस्पताल प्रबंधक मो.तौसिफ हसनैन बताते हैं कि इमरजेंसी वार्ड से रेफर होने वाले हीटवेव से ग्रसित मरीजों का इलाज इस वार्ड में होना है। हालांकि अब तक लू या हीट वेव से ग्रसित एक भी मरीज का इलाज डेडिकेटेड वार्ड में नहीं हुआ है। ----- लू के शिकार मरीजों का होगा डेडिकेटेड वार्ड में इलाज डेडिकेटेड हीट वेव वार्ड में लू से ग्रसित मरीजों का ही इलाज होगा। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा. रामप्रवेश बताते हैं कि हीट वेव का शिकार (लू) के मरीजों को हाई फीवर, पसीना नहीं आना, उल्टी, तेज सरदर्द, बेहोशी, बेचैनी, सांस लेने में तकलीफ होना लू का लक्षण है। कभी कभी हीट वेव से ग्रसित मरीज को ब्रेन स्ट्रोक भी हो जाता है। ऐसे मरीजों को हीटवेव से ग्रसित मान कर इमरजेंसी वार्ड में प्राथमिक उपचार कर डेडिकेटेड वार्ड में उपचार के लिए भेजने का निर्देश सभी चिकित्सा पदाधिकारी को दिया गया है। ---- हीट वेव से बचाव के लिए बरतें सावधानी सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डा.हर्षवर्द्धन बताते हैं कि हीट वेव से बचाव के लिए धूप में निकलने से बचना चाहिए। बहुत आवश्यक हो तभी धूप में निकलना चाहिए, धूप में छाता लेकर या सर तथा चेहरा को गमछा से अच्छी तरह ढंक कर निकलें। एसी से निकलकर सीधे धूप में ना निकलें, धूप से आकर भी सीधे एसी में नहीं बैठें, इससे स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। धूप से आकर तुरंत ठंडा पानी नहीं पीऐं, थोड़ा देर आराम के बाद ही पानी पीएं। जितना अधिक हो सके तरल पदार्थ व पानी का सेवन करें। तेज बुखार व बेचैनी या डिहाइड्रेशन होने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें। ----- बोले सिविल सर्जन विभाग के निर्देश पर लू से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए सदर अस्पताल में 30 बेड का पूर्णत: वातानुकूलित डेडिकेटेड हीट वेव वार्ड बनाया गया है। जहां सभी तरह की जीवन रक्षक दवा उपलब्ध कराते हुए चिकित्सक व नर्स की ड्यूटी लगाई गई है। हालांकि अभी तक एक भी हीट वेव से ग्रसित मरीज का इलाज डेडिकेटेड वार्ड में नहीं हुआ है। - डा. विनोद कुमार सिन्हा, सिविल सर्जन, मुंगेर।
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