Ganga Dashahara Celebration Significance Rituals and Safety Measures गंगा दशहरा आज, स्नान के लिए घाटों पर उमड़ेगी भीड़, Munger Hindi News - Hindustan
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गंगा दशहरा आज, स्नान के लिए घाटों पर उमड़ेगी भीड़

गंगा दशहरा पर्व आज मनाया जाएगा। इस अवसर पर गंगा मंदिर में विशेष पूजा और आरती की तैयारी की गई है। गंगा स्नान का महत्व और धार्मिक कार्यों के फलदायक होने की मान्यता है। 2023 में मंदिर की सफाई की गई है और...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुंगेरThu, 5 June 2025 03:58 AM
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गंगा दशहरा आज, स्नान के लिए घाटों पर उमड़ेगी भीड़

मुंगेर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। गंगा दशहरा पर्व आज मनाया जाएगा। गंगा दशहरा पर स्नान को लेकर घाटों पर भीड़ उमड़ेगी। उत्तर वाहिनी गंगा तट पर स्थित गंगा मंदिर में गंगा दशहरा पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। मंदिर की सफाई कराए जाने के साथ विशेष पूजा एवं आरती की तैयारी पूरी कर ली गई है। यह शहर का एक मात्र गंगा मंदिर है, जो अत्यंत ही प्राचीन है। मंदिर के पुजारी एकलव्य दास ने बताया कि बाढ़ के दौरान मंदिर जलमग्न हो जाता है। पानी निकलने के बाद मिट्टी जम जाती है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मिट्टी हटाकर सफाई कराई गई है।

गंगा दशहरा पर सुबह 9.30 बजे मां गंगा की विशेष पूजा की जाएगी एवं शाम में मां गंगा की महाआरती की जाएगी। गंगा दशहरा का महत्व: भारतीय संस्कृति में गंगा दशहरा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन ही राजा भागीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर मां गंगा उनके पूर्वजों को मुक्ति देने के लिए स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थी। इसी कारण गंगा को भागीरथी भी कहा जाता है। हिन्दु धर्म में गंगा को मां का दर्जा प्राप्त है। पंडित कौशल किशोर पाठक ने बताया कि गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान का बहुत ही अधिक महत्व है। इस दिन गंगा स्नान करने एवं मां गंगा की पूजा करने से पापों का नाश होता है। इसदिन किए गये धार्मिक कार्य सामान्य दिनों की अपेक्षा कई गुना अधिक फलदायक होते हैं। उन्होंने बताया कि गंगा दशहरा पर इस वर्ष सिद्धि एवं रवि योग के साथ हस्त नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है। 2023 में मिट्टी में दबे मंदिर की कराई गई थी सफाई: उत्तर वाहिनी गंगा के कष्टहरणी घाट स्थित अति प्रचीन गंगा मंदिर बाढ़ के समय प्रत्येक वर्ष जलमग्न हो जाता है। पानी निकलने के बाद मिट्टी की परत साल दर साल जमती रही। सफाई नहीं होने से मंदिर पूरी तरह मिट्टी से ढ़क गया। इससे पूजा नहीं हो पा रही थी। पुजारी एकलव्य दास ने बताया कि 2023 में निगम प्रशासन की ओर से मिट्टी हटवाये जाने के बाद करीब 20 वर्षो बाद गंगा दशहरा में धूमधाम से पूजा की गई। उन्होंने बताया कि प्रत्येक साल बाढ़ में गंगा मंदिर मिट्टी से भर जाता है। गंगा दशहरा के अवसर पर मंदिर की सफाई करायी जाती है। गंगा मंदिर के बाहर अब भी मिट्टी जमी है। उन्होंने बताया कि गंगा मंदिर के बाहर गंगा तक बनी सीढ़ी के साथ चबुतरा एवं साधना कक्ष है, जो मिट्टी से वर्षो से ढ़का है। घाटों पर गोताखोर रहेंगे तैनात: गंगा दशहरा पर शहर के बबुआ घाट, सोझी घाट, कष्टहरणी घाटों पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्र से भी लोग गंगा स्नान के लिए आते हैं। सुरक्षा को लेकर घाटों पर गोताखोर तैनात रहेंगे।

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