बकाए वेतन की मांग को लेकर भिक्षाटन किया
मुंगेर विश्वविद्यालय में लंबे समय से वेतन नहीं मिलने के कारण शिक्षकों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। डॉ. चंदन कुमार के नेतृत्व में शिक्षकों ने अनशन किया और भिक्षाटन करके अपनी पीड़ा व्यक्त की। शिक्षकों ने...

मुंगेर, एक संवाददाता। मुंगेर विश्वविद्यालय में लंबे समय से वेतन नहीं मिलने से परेशान शिक्षकों का आक्रोश अब खुलकर सामने आने लगा है। सोमवार को विश्वविद्यालय के शिक्षक डॉ. चंदन कुमार की अगुवाई में, डॉ सुनील कुमार एवं डॉ श्याम कुमार ने वेतन भुगतान की मांग को लेकर विश्वविद्यालय मुख्यालय के समक्ष एक दिवसीय अनशन किया और विश्वविद्यालय में मौजूद अधिकारियों के पास जाकर भिक्षाटन करके अपनी पीड़ा को रखा। डॉ. चंदन कुमार ने विरोध कार्यक्रम से पहले विश्वविद्यालय के कुलसचिव को एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें उन्होंने अनशन को गंभीरता से लेने और वेतन भुगतान की दिशा में ठोस पहल की मांग की थी।
उन्होंने अपने अनशन एवं भिक्षाटन कार्यक्रम के दौरान स्पष्ट किया कि, यह केवल विरोध नहीं, बल्कि विवशता की चरम अभिव्यक्ति है। डॉ. चंदन ने कहा कि, कुछ शिक्षकों को 7 तो कुछ को 14 महीने से वेतन नहीं मिला है। सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन की उदासीनता से हम भुखमरी के कगार पर हैं। मानसिक तनाव से पठन-पाठन पर इसका सीधा असर पड़ा है। अनशनकारी शिक्षक भिक्षाटन के दौरान अपने सहयोगी के साथ कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर के पास पहुंचे और भीक्षा मांगी। इस दौरान शिक्षकों ने अपनी मांग भी उनके समक्ष रखा। डॉ श्याम कुमार ने कुलसचिव के समक्ष एनपीएस से जुड़ी एक गंभीर समस्या उठाई। उन्होंने बताया कि, मार्च, 2022 से अंशदायी पेंशन योजना (एनपीएस) में शिक्षकों से कटौती शुरू की गई, जबकि कई शिक्षक वर्ष, 2017 और 2019 में विश्वविद्यालय से जुड़े हैं। ऐसे में अब उन पर 2.37 लाख से 4.5 लाख रुपये तक की राशि जमा करने का दबाव है। इतनी बड़ी राशि हम कैसे जमा कर सकेंगे। डॉ. सुनील कुमार ने इनकम टैक्स रिटर्न से जुड़ी परेशानियों पर प्रकाश डाला। उनका कहना था कि, नवंबर से वेतन नहीं मिलने से कर भुगतान नहीं हो पाया है, जिससे 5000 रुपए की पेनल्टी भरनी पड़ेगी। संबद्ध डिग्री महाविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. सत्येंद्र कुमार ने सात सत्रों के मूल्यांकन भुगतान नहीं होने पर रोष जताते हुए कहा कि, हम पिछले 10 दिनों से आवाज उठा रहे हैं। जब तक भुगतान नहीं होगा, मूल्यांकन प्रक्रिया में भाग नहीं लेंगे। कुलसचिव ने सभी को आश्वस्त करते हुए कहा कि, वेतन का भुगतान दो जून तक हो जाएगा और वे स्वयं भी 12 महीनों से वेतन न मिलने की स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि, एनपीएस कटौती को शिक्षक वेतन मिलने पर ही जमा कर सकेंगे और इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है। किसके साथ उन्होंने कहा कि, यह भिक्षा पात्र हमें दे दें, ताकि मैं भी आपके साथ भिक्षाटन में शामिल हो सकूं। अधिकांश अधिकारियों में भिक्षा देने से किया इंकार: विश्वविद्यालय में भिक्षाटन कर रहे शिक्षक जब विभिन्न विभागों में पहुंचे तो डीएसडब्ल्यू प्रो देवराज सुमन को छोड़कर अधिकांश अधिकारियों ने भुगतान लंबित होने की बात कहकर दीक्षा देने से किनारा कर लिया। वहीं, एक शिक्षक के रूप में नोडल अधिकारी डॉ. सूरज कोनार, एनएसएस समन्वयक मुनींद्र कुमार सिंह, डॉ. राजेश कुमार सिंह एवं डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ. अंशु राय सहित अन्य लोगों ने भिक्षा देकर विरोध का समर्थन किया।
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