बिहार में हरित क्रांति और इको टूरिज्म की नई दिशा : मंत्री
बिहार सरकार के पर्यावरण मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने पर्यावरण संरक्षण और वन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा कीं। उन्होंने बताया कि झारखंड के विभाजन के बाद बिहार का वन क्षेत्र सीमित...

मुजफ्फरपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। अरण्य विहार शेरपुर में सोमवार को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किए जा रहे कार्यों की समीक्षा के बाद बिहार सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण एक जनभागीदारी आधारित प्रक्रिया है, जिसमें सरकार के साथ-साथ राज्य के नागरिकों की भी समान भूमिका है। बिहार का वन क्षेत्र 15 से 17 फीसदी करने का लक्ष्य मंत्री ने बताया कि झारखंड के अलग होने के बाद बिहार का वन क्षेत्र बेहद सीमित रह गया था, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बीते 19 वर्षों में सरकार ने वन क्षेत्र को 15 से अधिक बढ़ाने में सफलता प्राप्त की है।
अब सरकार का लक्ष्य है कि साल 2028 तक इसे 17 प्रतिशत तक ले जाया जाए। उन्होंने आश्वस्त किया कि वे स्वयं इस लक्ष्य को एक वर्ष पूर्व यानी 2027 तक प्राप्त करने के लिए संकल्पित हैं। मिशन लाइफ कार्यक्रम से देश में नई चेतना जगी मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पर्यावरण संबंधी योजनाओं की सराहना करते हुए कहा कि मिशन लाइफ जैसे कार्यक्रमों ने देशभर में एक नई चेतना जगाई है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से आरंभ एक पेड़ मां के नाम अभियान को बिहार में व्यापक समर्थन मिला है, और अबतक चार करोड़ से अधिक पौधरोपण हो चुका है। बिहार सरकार ने स्वयं भी हर रविवार एक काम एक पेड़ परिजनों के नाम अभियान की शुरुआत की है, जो पर्यावरण के प्रति व्यक्तिगत जिम्मेदारी को प्रोत्साहित करता है। इको-टूरिज्म से देश में बढ़ी अपार संभावना इको-टूरिज्म पर बात करते हुए मंत्री ने कहा कि बिहार के पास इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। राजगीर, बोधगया, कैमूर, नवादा जैसे इलाके इको टूरिज्म के बेहतरीन उदाहरण बनकर उभरे हैं। उन्होंने जानकारी दी कि पिछले वर्ष देशभर में सबसे अधिक विदेशी पर्यटक राजगीर, नालंदा और बोधगया में पहुंचे, जो राज्य के लिए गर्व की बात है। अब सरकार राज्य के अन्य संभावित स्थलों को भी इको-टूरिज्म के नक्शे पर लाने की दिशा में सक्रियता से कार्य कर रही है। धूलकण के बढ़ने से राज्य में एक्यूआई बढ़ा मंत्री ने राज्य में वायु गुणवत्ता सूचकांक एक्यूआई की स्थिति पर चर्चा करते हुए कहा कि बिहार सरकार इसपर गंभीरता से निगरानी रखती है। उन्होंने बताया कि धूलकण बढ़ने के कारण ही एक्यूआई बढ़ा है और इससे निपटने के लिए राज्य सरकार नियमित अंतराल पर धूल वाले क्षेत्रों में पानी का छिड़काव करवा रही है। इससे शहरी इलाकों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिल रही है। राज्य में लगाए जाएंगे पांच करोड़ पौधे मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि इसबार राज्य में पांच करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित है। बिहार सरकार पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, और आने वाले समय में हरियाली, पर्यटन और जलवायु सुधार से जुड़े कार्यक्रमों को और गति दी जाएगी। उन्होंने आम नागरिकों से भी आह्वान किया कि वे पेड़ लगाएं, पर्यावरण को बचाएं और भावी पीढ़ी के लिए एक स्वच्छ, हरित और स्वस्थ बिहार का निर्माण करें। उस दौरान उन्होने अपने हाथों अरण्य विहार में कई पौधे भी लगाए। मौके पर वन विभाग के सभी पदाधिकारी व वन रक्षक मौजूद रहे।
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