तंबाकू के खतरों से आगाह करने में टॉप 5 राज्यों में बिहार
बिहार के 39.4 फीसदी स्कूलों में बच्चों को तंबाकू के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया गया है, जबकि मुजफ्फरपुर में यह आंकड़ा 48 फीसदी है। मिजोरम में सबसे अधिक 56% स्कूलों में जागरूकता बढ़ी है।...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। तंबाकू के खतरों से आगाह करने में टॉप 5 राज्यों में बिहार के स्कूल भी हैं। सूबे के 39.4 फीसदी स्कूलों में बच्चों को तंबाकू के दुष्प्रभाव के बारे में बताया गया और इसका असर भी बच्चों पर पड़ा। हालांकि, अब भी 60 फीसदी से अधिक स्कूलों में इसे लेकर लापरवाही है। मिजोरम में सबसे सबसे अधिक 56% स्कूलों में बच्चे जागरुक हुए। सभी स्कूलों में इसे लेकर बच्चों को जागरूक किया जाए और बच्चे इससे दूर हो सकें, इसे लेकर विभाग की ओर से नई पहल की गई है। शिक्षा मंत्रालय का निर्देश है कि 31 मई से एक महीने का यह अभियान शुरू करें।
पहले भी विभाग ने निर्देश दिया था कि स्कूलों के आसपास तम्बाकू आदि बेचने वालों की दुकान नहीं रहे। स्कूल परिसर भी पूरी तरह तम्बाकू मुक्त हो, मगर ऐसा हो नहीं रहा। ऐसे में इसबार एक नई पहल की गई है। स्कूलों के आसपास सौ गज क्षेत्र में पीली रेखा खींची जाएगी। पीली रेखा के अंदर आने वाला पूरा इलाका तम्बाकू मुक्त होगा। इससे यह माना जाएगा कि संबंधित स्कूल परिसर के साथ ही उसके आसपास का इलाका तम्बाकू मुक्त है। इतने स्कूलों में बच्चों को किया गया जागरूक: बिहार में 39.4 फीसदी स्कूलों में बच्चों को जागरूक किया गया वहीं मुजफ्फरपुर जिले में यह आंकड़ा लगभग 48 फीसदी है। इसी तरह यूपी में 48 फीसदी, मेघालय में 50, मिजोरम में 56 फीसदी, दिल्ली में 40 फीसदी स्कूलों में बच्चों को इसके दुष्प्रभाव के बारे में बताया गया। आंध्रप्रदेश में 22 फीसदी, कर्नाटक में 27, उड़ीसा में 24, हरियाणा में 35 फीसदी स्कूलों में इससे संबंधित जागरूकता लाई गई। जिले में साढ़े तीन हजार स्कूलों के लिए चलेगा अभियान जिले में साढ़े तीन हजार स्कूलों में इसे लेकर अभियान चलेगा। शिक्षा मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि दो बिन्दुओं पर सघन अभियान चलेगा ताकि स्कूल परिसर तम्बाकू मुक्त बन सके। इसमें स्कूलों में जांच और अभियान के बाद 100 गज में पीली रेखा खींचना है। यह स्कूल मानक होगा कि अब किसी भी तरह से यह तम्बाकू का क्षेत्र नहीं है।
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