साइबी शातिर अभिषेक के तार बिश्नोई गैंग से जुड़ने की आशंका
मुजफ्फरपुर के मीनापुर गांव में साइबर ठगी करने वाले अभिषेक की गिरफ्तारी से लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े होने की आशंका है। अभिषेक विभिन्न देशों के मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल कर ठगी कर रहा था। पुलिस...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। साहेबगंज के छोटे से गांव मीनापुर से राष्ट्रीय स्तर पर साइबर ठगी का नेटवर्क चला रहे शातिर अभिषेक के तार लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े होने की आशंका है। अभिषेक अलग-अलग देशों के मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल साइबर ठगी में कर रहा था। उसकी गिरफ्तारी से बड़े रैकेट का राज खुलने की संभावना है। पुलिस की छापेमारी जारी है। टेलीग्राम व अन्य सोशल मीडिया के जरिये अभिषेक शिकार को तलाशता और फांसता था। संगठित रूप से उसने ठगी का नेटवर्क बनाया था। यह अकेले अभिषेक या उसके परिवार के लोगों के द्वारा संभव नहीं है। पुलिस अधिकारियों को आशंका है कि इसमें लॉरेंस गैंग के जरिये उसे मोबाइल नंबर मुहैया कराया गया होगा।
इस बिंदु पर पुलिस छानबीन कर रही है। हालांकि, अभिषेक की गिरफ्तारी के बाद ही हकीकत सामने आएगी। राजेपुर थाने की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। अभिषेक के परिवार का स्टेटस और शिक्षा इस स्तर की नहीं है कि वह इतने संगठित रूप से साबर अपराध को अंजाम दे सके। उसके पास से मिले वाईफाई, जब्त मोबाइल के व्हाट्सएप कॉलिंग व चैट, टेलीग्राम ऐप से जुड़े नंबरों के संबंध में पुलिस छानबीन कर रही है। वह ठगी के लिए वाईफाई के जरिये वीपीएन कॉलिंग करता था। इसमें मोबाइल कॉलिंग ऐप से विदेशी नंबर का इस्तेमाल होता है। फरार अभिषेक की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी लॉरेंस बश्नोई गैंग ने उत्तर बिहार में साइबर ठगी का बड़ा नेटवर्क खड़ा किया है। इसके लिए स्थानीय युवकों के छद्म नाम से घोस्ट एकाउंट भी खोले गए हैं। साहेबगंज थाना के राजेपुर ओपी की पुलिस फरार अभिषेक की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। उसके करीबियों से भी पूछताछ की जा रही है। जेल भेजे गए अभिषेक के भाई विकास से पूछताछ में पुलिस को ठगी के मोडस के संबंध में ठोस जानकारी नहीं मिल पाई है। अभिषेक ही इस मामले में पुलिस के लिए महत्वपूर्ण कड़ी है। साइबर डीएसपी हिमांशु कुमार ने बताया कि संगठित रूप से की जा रही साइबर ठगी में बड़े गैंग की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है। कोर्ट के नोटिस पर ही सहयोग करेगी कंपनी अभिषेक के ठिकाने से जब्त नोटों से भरे डिजिटल लॉकर को खोलने से निर्माण कंपनी ने हाथ खड़े कर दिये हैं। ग्रामीण एसपी विद्या सागर ने बताया कि कंपनी से पुलिस ने सहयोग के लिए संपर्क किया था, लेकिन कंपनी के प्रतिनिधियों ने कहा कि कोर्ट से नोटिस मिलने पर वह लॉकर को खोलेंगे। राजेपुर ओपी की पुलिस ने कोर्ट में अर्जी दी है। जब्त लॉकर में फिंगर प्रिंट से डिजिटल लॉक लगा है। जिसे ऐसे खोलना संभव नहीं है। गैस कटर से लॉकर को काटने में उसके अंदर रखे नोट जल सकते हैं। इसलिए कोर्ट से नोटिस जारी करवा कर कंपनी के प्रतिनिधियों से इसे खोलवाया जायेगा।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।