मद्य निषेध एसआई की परीक्षा में कदाचार की आशंका, एफआईआर
मुजफ्फरपुर में मद्य निषेध दारोगा (एसआई) भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े की आशंका जताई गई है। एमएसकेबी सेंटर पर बायोमेट्रिक जांच और फोटोग्राफी के लिए ऑपरेटर को बदला गया। आरोप है कि फर्जी ऑपरेटर के माध्यम...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। मद्य निषेध दारोगा (एसआई) भर्ती के लिए बीते 18 मई को हुई प्रारंभिक परीक्षा में फर्जीवाड़े की आशंका है। शहर के एमएसकेबी सेंटर पर अभ्यर्थियों की बायोमेट्रिक जांच और फोटोग्राफी करने वाले ऑपरेटर को बदल दिया गया। फर्जी ऑपरेटर के जरिए अभ्यर्थियों की जगह सॉल्वर बैठाए जाने का अंदेशा है। इस संबंध में परीक्षा में अभ्यर्थियों की बायोमेट्रिक जांच व फोटोग्राफी को नियुक्त कंपनी ने नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। बायोमेट्रिक जांच के लिए मुजफ्फरपुर के जिला हेड बनाए गए संजय कुमार ने एफआईआर में बताया है कि एमएसकेबी सेंटर पर गुपचुप तरीके से बायोमेट्रिक जांच और फोटोग्राफी करने वाला ऑपरेटर बदल दिया गया।
मुख्यालय से तैनात ऑपरेटर की जगह दूसरे को बुलाकर काम लिया गया। परीक्षा के दो दिन के बाद जांच में गड़बड़ी सामने आने पर मामला दर्ज कराया गया। एफआईआर में एमएसकेबी में तैनात सेंटर सुपरवाइजर चंदवारा आनंदबाग निवासी रघुराम ठाकुर, बायोमेट्रिक जांच के लिए बुलाए गए फर्जी ऑपरेटर नाजिरपुर निवासी राजन कुमार और मुख्यालय से प्रतिनियुक्त ऑपरेटर शिवनाथ ठाकुर को आरोपित बनाया गया है। भोजपुर जिले के पुलिस लाइन निवासी संजय कुमार ने एफआईआर में बताया है कि मद्य निषेध एसआई की परीक्षा में अभ्यर्थियों की बायोमेट्रिक जांच और फोटोग्राफी का जिम्मा सायनोसोर नामक कंपनी को मिला था। कंपनी ने संजय को मुजफ्फरपुर जिले के सेंटरों पर बायोमेट्रिक जांच व फोटोग्राफी के लिए जिला हेड बनाया था। एमएसकेबी सेंटर पर रघुराम ठाकुर को सुपरवाइजर और शिवनाथ ठाकुर को ऑपरेटर के रूप में नियुक्त किया था। परीक्षा के दिन शिवनाथ सेंटर पर नहीं आया। उसकी आईडी देकर नाजरिपुर के राजन कुमार को ऑपरेटर के रूप में बैठाया गया। ऑपरेटर बदलने की जानकारी सुपरवाइजर ने संजय को नहीं दी। संजय ने पुलिस को बताया है कि परीक्षा समाप्त होने के दो दिन बाद उन्हें इसकी जानकारी हुई। उन्होंने सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसमें ऑपरेटर बदलने की बात स्पष्ट हो गई। संजय ने एफआईआर में आशंका जताई है कि कदाचार के उद्देश्य से परीक्षा में ऑपरेटर को बदला गया। सुपरवाइजर ने पिता को ही बनवाया था ऑपरेटर : मामले की जांच कर रहे आईओ उदय कुमार सिंह ने बताया कि परीक्षा में मूल अभ्यर्थी की जगह सॉल्वर शामिल नहीं हो, इसकी जांच सुपरवाइजर और ऑपरेटर को करनी थी। इसलिए आशंका है कि सॉल्वर को परीक्षा में शामिल कराने के लिए ही ऑपरेटर बदला गया होगा। ऑपरेटर बदलने की साजिश पहले ही रचे जाने की आशंका है। आईओ उदय कुमार सिंह ने बताया कि सुपरवाइजर रघुराम ठाकुर ने अपने पिता शिवनाथ ठाकुर को ही ऑपरेटर बनवाया था, ताकि उसे दूसरे को बैठाने में कठिनाई न हो। उसने फर्जी ऑपरेटर के गले में पिता शिवनाथ का आईकार्ड दे दिया। फर्जी तरीके से काम कर रहा राजन गले में शिवनाथ की आईडी लगाए हुए था।
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