खाता से 1.75 करोड़ फर्जीवाड़े के आरोपित की जमानत अर्जी खारिज
मुजफ्फरपुर में कपड़ा व्यवसायी प्रभात कुमार के नाम पर बैंक में चालू खाता खोलकर एक करोड़ 75 लाख का फर्जीवाड़ा करने के आरोपित मयंक मोहन की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी गई है। प्रभात ने साइबर ठगी का...

मुजफ्फरपुर, हिप्र। कांटी थाना के विशुनदत्तपुर निवासी कपड़ा व्यवसायी प्रभात कुमार के नाम पर गोला रोड स्थित बैंक की शाखा में चालू खाता खोलवाकर एक करोड़ 75 लाख का फर्जीवाड़ा करने के आरोपित सोनवर्षा गांव के सीएसपी संचालक मयंक मोहन की अग्रिम जमानत अर्जी शुक्रवार को खारिज कर दी गई है। प्रभात की ओर से पैरवी कर रहे हाईकोर्ट के अधिवक्ता अशोक कुमार ठाकुर ने बताया कि इस अर्जी की जिला एवं अपर न्यायाधीश-प्रथम के कोर्ट में सुनवाई चल रही थी।
उन्होंने बताया कि प्रभात के चालू खाता में उसका मोबाइल नंबर व ई-मेल के बजाय मयंक मोहन का मोबाइल व ई-मेल जुड़ा था, जिसका लाभ उठाकर साइबर ठगी की गई और प्रभात को जानकारी भी नहीं हुई। अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान पुलिस की ओर से दाखिल केस डायरी में खाता से जुड़े मोबाइल नंबर को मायंक का बताया गया है। ठगी की राशि प्रभाग के खाता में मंगाने के बाद उसे दूसरे कई खाते में ट्रांसफर कर निकासी भी कर ली गई। चालू खाता में जमा प्रभात के 50 हजार रुपये भी निकाल लिए गए।
शाखा प्रबंधक सहित चार के विरुद्ध प्राथमिकी : प्रभात कुमार ने पिछले वर्ष दस दिसंबर को साइबर थाना में प्राथमिकी कराई थी। इसमें आईसीआईसीआई बैंक की गोला रोड शाखा के प्रबंधक राहुल राज, बैंककर्मी निधि, रिचा शर्मा व कांटी के सीएसपी संचालक मयंक मोहन को आरोपित बनाया गया था। प्राथमिकी में प्रभात कुमार ने कहा है कि 16 अक्टूबर 2023 को मयंक मोहन आईसीआईसीआई बैंक में खाता खोलवाने के लिए ले गया। आईसीआईसीआई बैंक कर्मी निधि ने उसका बचत व चालू खाता खोला। बचत खाता किट व चेक दिया, लेकिन चालू खाता से संबंधित कोई कागजात नहीं दिए थे। इसी चालू खाता से मयंक ने साइबर फ्रॉड से उड़ाए गए एक करोड़ 75 लाख का ट्रांजेक्शन किया।
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