विश्वविद्यालय सेवा आयोग से हुई प्राचार्य की नियुक्ति पर सवाल
मुजफ्फरपुर के एलएनटी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. अभय कुमार सिंह ने विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा नियमित प्राचार्यों की बहाली में अनियमितताओं का आरोप लगाया है। उन्होंने अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। विश्वविद्यालय सेवा आयोग की तरफ से नियमित प्राचार्यों की हुई बहाली पर एलएनटी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. अभय कुमार सिंह ने सवाल उठाया है। उन्होंने इस बाबत शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। पत्र की कॉपी कुलाधिपति सह राज्यपाल को भी भेजी है।
अपर मुख्य सचिव को भेजे पत्र में कहा है कि प्राचार्यों की बहाली में कई स्तर पर अनियमितता बरती गई है। विवि सेवा आयोग की तरफ से चार मार्च को जारी अधिसूचना में 156 उम्मीदवारों को प्राचार्य पद के लिए योग्य माना गया था, जबकि 141 उम्मीदवारों को विभिन्न कारणों से अयोग्य करार कर दिया गया। प्राचार्य की बहाली में आरक्षित कोटि के कई उम्मीदवारों को सामान्य कोटि में बहाल कर दिया गया। प्राचार्य ने कहा है कि इंटरव्यू के बाद जारी रिजल्ट में कई अनियमितताएं बरती गईं। सामान्य पुरुष और सामान्य महिला के लिए अलग अलग कटऑफ तय किये गये थे, लेकिन अंतिम रिजल्ट में दोनों का कटऑफ एक ही था।
प्रो. सिंह ने प्राचार्यों की बहाली में आरक्षण के नियम में भी छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि नियम के अनुसार जिन नॉन क्रीमीलेयर सर्टिफिकेट का इस्तेमाल बीसी और ईबीसी श्रेणी में किया जा सकता है, वह सर्टिफिकेट जारी होने के एक साल बाद तक ही वैध रहता है। नॉन क्रीमीलेयर सर्टिफिकेट उन्हें जारी किया जाता है, जिनकी आय आठ लाख सालाना से कम होती है। प्राध्यापकों की सालाना आय 24 लाख औसतन होती है। इसलिए इसमें यह सर्टिफिकेट मान्य नहीं होता है। आयोग ने 16 रिजल्ट बीसी श्रेणी में और ईबीसी श्रेणी में जारी किया है, जो आरक्षण नियम के विरुद्ध है।
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