53 हजार से अधिक स्कूलों में नहीं बने यूथ व ईको क्लब
बिहार में 53,000 से अधिक स्कूलों में यूथ और ईको क्लब नहीं बन सके हैं। शिक्षा परियोजना की रिपोर्ट के अनुसार, 76,094 स्कूलों में से केवल 22,680 में यूथ क्लब और 23,048 में ईको क्लब स्थापित हुए हैं।...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। सूबे में 53 हजार से अधिक स्कूलों में यूथ और ईको क्लब नहीं बन सके हैं। स्कूली बच्चों में यूथ क्लब के जरिए आत्मविश्वास और कौशल बढ़ाने की पहल की जानी थी। ईको क्लब का मकसद बच्चों को पर्यावरण संरक्षण से जोडना था।
बिहार शिक्षा परियोजना की रिपोर्ट के अनुसार सूबे में 76,094 स्कूलों में से 22,680 में ही यूथ क्लब और 23,048 स्कूलों में ही ईको क्लब बना है। मुजफ्फरपुर जिले में 3368 में से महज 473 स्कूलों में यूथ क्लब और 466 में ईको क्लब बनाया गया है। इस योजना के लिए स्कूलों को अलग-अलग कार्यक्रम कराने के लिए प्राथमिक से हाईस्कूल तक 5 से 15 हजार तक की राशि भी मिली थी। राज्य परियोजना निदेशक अजय यादव ने इस संबंध में सभी जिलों से जवाब मांगा है।
समस्तीपुर, मधुबनी, पूर्वी चंपारण जिलों में स्थिति खराब
यूथ क्लब और इंको क्लब बनाने के मामले में समस्तीपुर, मधुबनी, पूर्वी चंपारण जिलों में स्थिति काफी खराब है। यहां के 70 फीसदी से अधिक स्कूलों में बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल सका है। समस्तीपुर में 2848 स्कूलों में से 560 में यूथ और 557 में ईको क्लब बना है। मधुबनी में 3265 स्कूलों में से 550 में ही यूथ और 524 में ईको क्लब बन सका है। पूर्वी चंपारण में 3407 स्कूलों में से 896 में ही यूथ क्लब बना है।
वैशाली, गया, पूर्णिया जिले रहे आगे
सूबे में कुछ जिले ऐसे भी हैं, जहां स्थिति अच्छी है। वैशाली, गया, पूर्णिया जैसे जिलों में 50 फीसदी से अधिक स्कूलों में इन क्लबों के जरिए बच्चों को आत्मविश्वास-कौशल जैसे गुणों से जोड़ा जा रहा है। वैशाली में 2248 में 1240 स्कूलों में यूथ क्लब और 1252 में ईको क्लब बना है। गया में 3448 में 1757 स्कूलों में यूथ और 1694 में ईको क्लब बना है। पूर्णिया में 2283 में 1869 स्कूलों में यूथ और 1867 में ईको क्लब बना है।
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