बकरीद की सामूहिक नमाज अदा कर लोगों ने एक-दूसरे को दी बधाई
नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। पवित्र जिलहिजा माह की दसवीं तारीख पर मनाया जाने वाला बकरीद जिले भर में उत्साह के साथ मनाया गया। सभी ने एक-दूसरे को गले लग कर बकरीद की बधाई दी।

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। पवित्र जिलहिजा माह की दसवीं तारीख पर मनाया जाने वाला बकरीद जिले भर में उत्साह के साथ मनाया गया। सभी ने एक-दूसरे को गले लग कर बकरीद की बधाई दी। त्याग और कुर्बानी के इस पर्व को सभी ने अपने तरीके से यादगार बनाया। शनिवार की सुबह मुस्लिम धर्मावलम्बियों ने विभिन्न मस्जिदों और ईदगाहों में बकरीद की नमाज अदा की। सुबह से मौसम साफ रहा लेकिन धूप काफी तेज रही और इसके बीच ही बकरीद की नमाज अदा की गयी। गर्मी से बचाव को लेकर सभी जगहों पर तिरपाल आदि की व्यवस्था की गयी थी ताकि नमाज में बाधा न हो।
नमाज के क्रम में मुसलमानों ने दुआ मांगी। इसके बाद सभी ने एक-दूसरे से गले मिलकर बकरीद की बधाई दी। नमाज के दरम्यान जुटे बच्चों पर त्योहार का उत्साह देखते ही बन रहा था। मुस्लिम धर्मावलम्बियों ने नमाज के बाद अपने घरों में जा कर बकरों की कुर्बानी दी। कुर्बानी का सिलसिला ग्यारहवीं और बारहवीं तारीख के असर की नमाज के पहले तक चलेगा। अर्थात रविवार और सोमवार तक तीन दिवसीय बकरीद मनायी जाएगी। पहले दिन यानी शनिवार को दी गयी कुर्बानी का मांस तीन हिस्सों में बांटा गया। एक घर, दूसरा दोस्तों और करीबियों तथा तीसरा हिस्सा गरीबों-मिस्किनों के लिए निकाला गया। दोपहर से खाने-खिलाने का दौर चला। मटन और चिकेन के साथ बाकरखानी एवं सिरमाल रोटी के अलावा सेवई-लच्छा और फिरनी का भी इंतजाम रखा गया था। शहर के विभिन्न मस्जिदों में हुई सामूहिक नमाज शहर के बड़ी दरगाह स्थित बड़ी दरगाह मस्जिद, नूरानी मस्जिद इस्लामनगर, अलमीनार मस्जिद अजमतनगर, जामा मस्जिद सब्जी बाजार, बैतुल दावत मस्जिद कुरैशी मोहल्ला, उमर मस्जिद कमालपुर, जामा मस्जिद अंसारनगर, अकबरी मस्जिद मोगलाखार, राबिया मस्जिद भदौनी, बैतुल मोकर्रम मस्जिद भदौनी, असगरी मस्जिद मोगलाखार, हनीफिया मस्जिद नन्हूनगर, औउलिया मस्जिद कमालपुर, बेलाल मस्जिद तकियापर, मोईज मस्जिद रसलूनगर, जामा मस्जिद मोगलाखार और रजा मस्जिद रजानगर भदौनी में नमाज हुई। फैजुलबारी के संचालक सह मगध प्रमंडल के काजी मौलाना नोमान अख्तर जमाली की इमामियत में गोन्दापुर स्थित ईदगाह में सबसे आखिरी में नमाज अदा की गयी। नमाज के बाद अमन-ओ-चैन की मांगी दुआ ईदगाह में नमाज पढ़ने के बाद दुआ मांगी गयी। देश-दुनिया में शांति की दुआ की गयी। मौलाना नोमान की उपस्थिति में दुआ मांगी गयी। फैजुलबारी मदरसा के इमाम मौलाना नोमान अख्तर जमाली ने तकरीर के दौरान कुर्बानी का असली मतलब समझाया। उन्होंने कहा कि जिसने पैदा किया उसकी रजा में जिंदगी गुजारना ही कुर्बानी है। सब उसी खुदा का है इसलिए सब उसी की राह में समर्पित कर देना ही बंदगी है। इस्लामिक जानकार सह नेशनल इस्लामिक फेस्टिवल फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष नेजाम खान ने बताया कि कायदे से कुर्बानी हर उस शख्स पर फर्ज है, जिसके पास साढ़े सात तोला सोना या साढ़े बावन तोला चांदी या फिर इतने सामान बराबर अन्य दौलत हो। ऐसे लोगों ने कुर्बानी दी और सबके साथ मिल कर त्योहार की खुशियां साझा की। लघु मेले में खूब मस्ती की बच्चों ने बकरीद पर सबसे ज्यादा मस्ती बच्चों ने की। पार नवादा में अजमतनगर मस्जिद के समीप लघु मेला सा लग गया। बच्चे अपने परिजनों के साथ सुबह से ही बाहर घूमने की जिद करते दिखे। उनके साथ बड़ों ने बच्चों को बाजार और अस्थायी तौर पर लगे मेला में घुमाया। खिलौने लेकर बच्चे सबसे अधिक खुश दिखे। चाट-पकौड़े और चाउमिन के साथ ही बच्चों ने आइसक्रीम, कुल्फी और फालूदा का खूब स्वाद लिया। बड़े भी बच्चों के साथ कुछ न कुछ खाते-पीते दिखे। कब्रिस्तान एवं कर्बला जाकर की जियारत मुस्लिमों ने बकरीद के मौके पर नमाज के बाद कब्रिस्तान और कर्बला जा कर जियारत की। अपने जन्नतनशीं परिजनों की याद में दुआ मांग कर उन्हें अपनी खुशियों का साझीदार बनाया। अपने आल-औलाद और परिवार की भलाई के लिए कामनाएं की। ------------------------ बकरीद पर बिका 35 लाख का लच्छा -सात लाख रुपए का रहा बाकरखानी का बाजार -दो लाख रुपए से ऊपर का रहा इत्र का बाजार नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। बकरीद में इस बार लगभग 35 लाख रुपए का लच्छा बिक गया। इतना ही नहीं लगभग दो लाख रुपए का इत्र लोगों ने बकरीद पर इस्तेमाल कर लिया। शहर के थोक व्यवसायी अकील उज्जमां उर्फ मिस्टर कहते हैं कि इस बार बकरीद में 35 लाख रुपए का लच्छा का खुदरा कारोबार हुआ। लच्छा के अलावा लगभग पांच लाख की सेवईयां भी लोगों ने खरीदी। मिस्टर ने बताया कि पैकेट वाले लच्छों की भी खासी बिक्री हुई है। पिछले बकरीद की तुलना में इस बार लगभग 40 प्रतिशत तक अधिक कारोबार हुआ। बाकरखानी और सिरमाल रोटी बिकी सात लाख की बकरीद पर बेहद चाहत के साथ खायी जाने वाली बाकरखानी और सिरमाल रोटी की बिक्री जम कर हुई। विक्रेता मोईन, मतीन और सरदार आदि ने बताया कि बकरीद पर जिलेवासियों ने लगभग सात लाख रुपए की बाकरखानी खा ली। फिरनी से भी लोग मुंह मीठा करते रहे। दो लाख रुपए का रहा इत्र का बाजार पर्व-त्योहारों पर इत्र और मजमुआं लोगों की पसंद बनी रहती है। बकरीद की नमाज में शामिल होने जाने से पूर्व लोग इत्र का उपयोग करते हैं। मिस्टर ने बताया कि लगभग दो लाख रुपए के इत्र की बिक्री जिले में हुई।
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