Inter School Ohari Struggles with Teacher Shortage and Infrastructure Issues संसाधनों की कमी से जूझ रहा इंटर विद्यालय ओहारी, Nawada Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsNawada NewsInter School Ohari Struggles with Teacher Shortage and Infrastructure Issues

संसाधनों की कमी से जूझ रहा इंटर विद्यालय ओहारी

रोह प्रखंड का इंटर विद्यालय ओहारी शिक्षकों की कमी और बुनियादी ढांचे की समस्याओं से जूझ रहा है। विद्यालय में कई विषयों के शिक्षक नहीं हैं, जिससे छात्रों को पढ़ाई में कठिनाई हो रही है। हालांकि, पीएम...

Newswrap हिन्दुस्तान, नवादाSat, 26 April 2025 09:25 AM
share Share
Follow Us on
संसाधनों की कमी से जूझ रहा इंटर विद्यालय ओहारी

रोह, निज प्रतिनिधि कभी देश को होनहार विद्यार्थी देने वाला रोह प्रखंड का इंटर विद्यालय ओहारी इन दिनों शिक्षकों की काफी से जूझ रहा है। विद्यालय में कई विषयों के शिक्षक नहीं हैं। लिहाजा संबंधित विषयों का अध्यापन कार्य सही तरीके से नहीं हो पा रहा है। विद्यालय में कक्षा 9-10 के लिए वर्ग कक्ष की कमी है। बाउंड्री, प्रधानाध्यापक कक्ष, शिक्षक कक्ष, कामन रुम, प्रयोगशाला कक्ष की आवश्यकता है। विद्यालय की स्थापना ग्रामीण बाबू केशो सिंह के अथक प्रयास से सन् 1952 में हुई थी। इसके प्रथम अध्यक्ष बाबूलाल सिंह, सचिव रामस्वरूप सिंह, संयुक्त सचिव किशोरी शरण सिंह, द्वितीय अध्यक्ष महेश्वरी प्रसाद सिंह और सचिव अनिरुद्ध सिंह रहे। विद्यालय के संस्थापक सदस्यों में महेश्वरी प्रसाद सिंह एवं गीता प्रसाद सिंह का मार्गदर्शन विद्यालय को मिलता रहा। सन् 1956 में बिहार सरकार द्वारा मंजूरी प्रदान कर सभी प्रकार की सरकारी व्यवस्था के तहत विद्यालय संचालन करने की अनुमति दी गई। इसके प्रथम प्रधानाध्यापक श्री चंद्रदेव प्रसाद सिंह थे। शुरुआती समय में विद्यालय में वर्ग 8 से 10 तक की कक्षाएं संचालित होती थीं। मगर 2012 से सरकार द्वारा स्कूल को प्लस टू किए जाने के बाद कक्षाएं 9 से 12 तक के लिए संचालित हो रही हैं। हालांकि विद्यालय में एकबार फिर से वर्ग 6 से पढ़ाई शुरू होने वाली है, क्योंकि इस विद्यालय का चयन पीएम श्री विद्यालय के रूप में हुआ है। लिहाजा इस शैक्षणिक सत्र 2025-26 से पीएम श्री इंटर विद्यालय ओहारी में कक्षा 6 से 12 वीं तक की पढ़ाई होगी। उम्मीद है कि इंटर विद्यालय ओहारी में पठन-पाठन के लिए उच्च कोटि की व्यवस्था की जाएगी। छात्रावास में रहकर अध्ययन करते थे विद्यार्थी इंटर विद्यालय ओहारी में स्थापना के समय ग्रामीणों के सहयोग से आठ कमरे का निर्माण किया गया था। जबकि विद्यार्थियों के रहने के लिए छात्रावास की व्यवस्था की गई थी। उस समय छात्रावास में लगभग 50 विद्यार्थी रह कर अध्ययन करते थे। बुजुर्ग ग्रामीणों की मानें तो इस विद्यालय में उस समय 20 से 25 किलोमीटर तक के सुदूरवर्ती गांवों के बच्चे पढ़ने आते थे, जो छात्रावास में रहकर गुरुजनों का मार्गदर्शन प्राप्त कर प्रतिभावान विद्यार्थी बन कर चमके। इस विद्यालय के लिए लगभग पांच एकड़ जमीन है। वर्तमान में करीब 2 किलोमीटर की परिधि से 10 गांवों यथा ओहारी, पचंबा, पचोहिया, खरगुबीघा, देवनपुरा समेत अन्य गांवों के करीब 500 विद्यार्थी यहां पढ़ाई करने आते हैं। पुराने माध्यमिक भवन की स्थिति बहुत ही खराब है, जिसकी मरम्मत भी नहीं करायी जा सकती है। माध्यमिक के दो एवं प्लस टू भवन के चार कमरे में पढ़ाई होती है। पीएम श्री योजना के तहत वर्ग संचालित होने पर छात्र-छात्राओं को वर्ग कक्ष के अभाव में कठिनाई उत्पन्न होगी। लेकिन विद्यार्थी पीएम श्री योजना में विद्यालय के चयनित होने से उत्साहित हैं कि अब विद्यालय में नवनिर्माण होगा और आधुनिक शिक्षा पद्धति से बच्चों को अध्ययन अध्यापन कराया जाएगा। वर्ग कक्ष बनेंगे तकनीकी सहयोग मिलेंगे और बच्चे भविष्य निर्माण हेतु अग्रसर होंगे। कमिश्नर से लेकर राजदूत के पद पर पहुंचे विद्यार्थी इस विद्यालय के पूर्ववर्ती छात्र यथा डॉ. रामरक्षा प्रसाद सिंह, बिंदेश्वरी सिंह, डॉक्टर गया सिंह, सुनील कुमार, रामदेव प्रसाद, जगदीश सिंह आदि लोगों ने, न केवल विद्यालय का नाम रोशन किया, बल्कि कमिश्नर, राजदूत, डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर जैसे पदों पर आसीन हुए। इसके अलावा इस विद्यालय के विद्यार्थी विभिन्न सरकारी पदों पर चयनित हुए और देश की सेवा की। वर्तमान में भी विभिन्न उच्च पदों पर चयनित होकर यहां के छात्र समाज एवं राष्ट्र की सेवा कर रहे हैं। विद्यालय में शैक्षणिक व्यवस्था अच्छी है और पठन पाठन का बेहतर माहौल है। इसलिए विद्यालय के वर्तमान प्रभारी प्रधानाध्यापक डॉ. नागेंद्र उपाध्याय को दो बार शिक्षा दिवस के अवसर पर जिला स्तरीय पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। विद्यालय में विषयवार शिक्षकों की है कमी इंटर विद्यालय ओहारी में वर्ग 9-10 के लिए दस शिक्षकों का पद सृजित है। जबकि वर्तमान में सात शिक्षक ही पदस्थापित हैं। गणित, अर्थशास्त्र और उर्दू विषय के शिक्षक के पद रिक्त हैं। वर्ग 11-12 में शिक्षकों के पंद्रह पद सृजित हैं। जिसमें मात्र सात शिक्षक कार्यरत हैं। जबकि रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, हिंदी, भूगोल, गृह विज्ञान, मनोविज्ञान, उर्दू विषय के शिक्षक के पद रिक्त हैं। ऐसी स्थिति में छात्र-छात्राओं को अध्ययन में कठिनाई होती है। ------------ वर्जन सीमित संसाधन और शिक्षकों की कमी के बावजूद विद्यालय का पठन-पाठन कार्य के साथ ही सामाजिक, सांस्कृतिक, पर्यावरण संरक्षण के कार्यक्रम चलाये जाते रहे हैं। शिक्षकों के सहयोग से विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं। स्मार्ट क्लास आईसीटी संचालित हो रही है। - डॉ. नागेंद्र उपाध्याय, प्रभारी प्रधानाध्यापक

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।