World's largest adrenal tumor removed robotically at Safdarjung Hospital in Delhi दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ने रोबोटिक सर्जरी से निकाला दुनिया का सबसे बड़ा एड्रेनल ट्यूमर, Ncr Hindi News - Hindustan
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दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ने रोबोटिक सर्जरी से निकाला दुनिया का सबसे बड़ा एड्रेनल ट्यूमर

दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ने 36 वर्षीय एक महिला पर बेहद जटिल रोबोटिक सर्जरी कर दुनिया का सबसे बड़ा बड़ा एड्रेनल ट्यूमर निकाला है। सफदरजंग अस्पताल के लिए यह एक बड़ी और नई उपलब्धि मानी जा रही है।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। एएनआईSat, 26 April 2025 01:39 PM
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दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ने रोबोटिक सर्जरी से निकाला दुनिया का सबसे बड़ा एड्रेनल ट्यूमर

दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ने 36 वर्षीय एक महिला पर बेहद जटिल रोबोटिक सर्जरी कर दुनिया का सबसे बड़ा बड़ा एड्रेनल ट्यूमर निकाला है। सफदरजंग अस्पताल के लिए यह एक बड़ी और नई उपलब्धि मानी जा रही है।

सफदरजंग अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट (एमएस) डॉ. संदीप बंसल ने बताया कि 18.2 x 13.5 सेमी साइज का यह दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा एड्रेनल ट्यूमर है जिसे रोबोट द्वारा हटाया गया है।

यह जटिल रोबोटिक सर्जरी यूरोलॉजी और रीनल ट्रांसप्लांट विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. पवन वासुदेवा ने डॉ. नीरज कुमार और डॉ अविषेक मंडल के साथ मिलकर की। एनेस्थीसिया टीम में डॉ. सुशील, डॉ. भव्या और डॉ. मेघा शामिल थे।

यह सर्जरी काफी खतरों से भरी हुई थी, क्योंकि ट्यूमर न सिर्फ बहुत बड़ा हो गया था, बल्कि शरीर के तीन महत्वपूर्ण अंगों- इंफीरियर वेना कावा, लिवर और राइट किडनी पर भी फैल चुका था और खतरनाक ढंग से उनसे चिपका हुआ था।

ट्यूमर को आसपास की महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचाए बिना पूरी तरह से हटाना कठिन काम था। डॉ. वासुदेवा ने कहा कि दा विंची रोबोट के 3डी विजन के साथ इस जटिल सर्जरी को अंजाम दिया गया, जो आमतौर पर लैप्रोस्कोपी से संभव नहीं है। तीन घंटे से अधिक समय तक चली सर्जरी के बाद ट्यूमर को बिना किसी जटिलता के पूरी तरह से हटा दिया गया। ऑपरेशन के बाद मरीज को रिकवरी में भी कोई दिक्कत नहीं आई और उसे 3 दिन में ही अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

डॉ. वासुदेवा ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी के कई लाभ हैं जिनमें- छोटे कीहोल चीरे, सटीक काम, ऑपरेशन के बाद कम दर्द, ऑपरेशन के बाद जल्दी ठीक होना और काम पर जल्दी वापस लौटना शामिल है। उन्होंने बताया कि अगर यह सर्जरी ओपन रूट से की जाती, तो इसके लिए स्किन पर 20 सेंटीमीटर से ज्यादा चीरा लगाना पड़ता और इसके बाद पूरी तरह ठीक होने में कुछ हफ्ते लगते।

डॉ. संदीप बंसल ने कहा कि यह उपलब्धि रोबोटिक सर्जरी में सफदरजंग अस्पताल की विशेषज्ञता और सभी मरीजों को मुफ्त अत्याधुनिक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के प्रति समर्पण को दर्शाती है। इस प्रकार की जटिल रोबोटिक सर्जरी जो सफदरजंग अस्पताल में मुफ्त की गई है, प्राइवेट अस्पतालों में इसके लिए लाखों रुपये खर्च करने पड़ते।