शहर में जलजमाव के कारण कई इलाकों में बीमारियों का मंडराया खतरा
नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। नवादा शहर जलजमाव से त्रस्त है। सबसे घने जलजमाव वाले क्षेत्र से हो कर बार-बार आने-जाने के कारण कुछ इलाकों में लोग बीमारियों से त्रस्त हो रहे हैं।

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। नवादा शहर जलजमाव से त्रस्त है। सबसे घने जलजमाव वाले क्षेत्र से हो कर बार-बार आने-जाने के कारण कुछ इलाकों में लोग बीमारियों से त्रस्त हो रहे हैं। ऐसे मामलों में ज्यादातर लोग चर्मरोग के शिकार हो रहे हैं। यह एकदम आम समस्या बन कर रह गयी है। सामान्यत: फंगसजनित रोग की परेशानी के अलावा आम लोग पेट और पाचन से संबंधित परेशानी भी झेलने को बाध्य हैं। चूंकि जलजमाव की वजह से वाटर सप्लाई आंशिक रूप से प्रभावित हो रही है। नल-जल से हो रहे वाटर सप्लाई में कहीं-कहीं गंदगी का छिटपुट अंश रहने के कारण पेट संबंधी बीमारियों का प्रभाव देखा जा रहा है।
हालांकि बहुत सारे लोग आरओ लगा कर अपने घरों में पानी शुद्ध कर लेते हैं पर आम जन के समक्ष काफी मजबूरी है। इन परिस्थितियों में एकमात्र विकल्प यह बचता है कि नाले दुरुस्त हों और जलजमाव का स्थायी निदान निकाला जाए लेकिन नगर परिषद की अपनी बाध्यता आड़े आ रही है। राज्य मद से ऐसी योजनाओं को अमल में लाया जा सकता है और वर्तमान में राज्य मद से राशि विमुक्त ही नहीं हो पा रही है। नवादा शहर में जलजमाव की समस्या कई मामलों में गंभीर रूप से लोगों को प्रभावित कर रही है। खासकर कुछ इलाकों में, जहां गंदे पानी के जमाव से बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है। गंदे पानी के कारण दुर्गंध फैलती है और मच्छर पनपते हैं, जिससे डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियां फैलने का भी खतरा रहता है। नालों का समय पर उचित रखरखाव न होने के कारण जलजमाव की समस्या लगातार बढ़ रही है और इसी अनुपात में बीमारी भी पनप रही है। गंदे पानी के जमाव से दुर्गंध फैलने और इस कारण मच्छर पनपने से डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया समेत चर्म रोग जैसी बीमारियां फैलने का खतरा सबसे ज्यादा केन्दुआ बायपास, बड़ी दरगाह, शांति नगर, आम्बेडकर नगर, नीम टोला पावर ग्रिड के पास, डोभरापर, मिर्जापुर, माल गोदाम, शिव नगर, पटेल नगर जैसे इलाके में बनी रहती है। जलजमाव की समस्या का निदान है प्रतीक्षित नवादा शहर में नालों का रखरखाव उचित न होने के कारण बारिश का पानी सड़कों और गलियों में जमा हो जाता है, जिससे आवागमन में बाधा होती है। नगर प्रशासन ने जलजमाव की समस्या के समाधान के लिए ठोस कदम नहीं उठाए हैं, जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। जलजमाव के कारण व्यापार और जनजीवन भी प्रभावित होता है। नालियों से बहता गंदा पानी दुकानों के सामने जमा हो जाता है, जिससे ग्राहक आने से कतराते हैं और व्यापारियों को नुकसान होता है। पर्यावरण पर प्रभाव, सेहत को नुकसान खुले में बहता गंदा पानी स्थानीय जल श्रोतों को भी प्रदूषित करता है, जिससे पीने के पानी की गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है। पेट और पाचन संबंधी बीमारियां परेशानी का सबब बनी पड़ी हैं। प्रदूषित जल श्रोतों के कारण घर तक पहुंचने वाले नल जल तथा वाटर लेयर के प्रभाव से दूषित पानी पीने से लोग कई समस्याएं झेलने को मजबूर हैं। दूषित जल श्रोत पर्यावरण के साथ ही लोगों की सेहत के लिए भी नुकसानदेह साबित हो रहे हैं। ------------------------- वर्जन: नालों की सफाई के साथ ही जलजमाव आदि वाले इलाकों में नियमित रूप से डीडीटी और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जाता है। जरूरत के अनुकूल फॉगिंग आदि भी की जाती है। बारिश के दिनों में विशेष एहतियात बरती जाती है। -नागमणि सिंह, सिटी मैनेजर, नवादा नगर परिषद।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।