Villagers Struggle with Poor Sanitation Despite Government Efforts in Madhurapur मधुरापुर में ग्रामीणों को मुंह चिढ़ा रहा स्वच्छता अभियान, Nawada Hindi News - Hindustan
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मधुरापुर में ग्रामीणों को मुंह चिढ़ा रहा स्वच्छता अभियान

कौआकोल। एक संवाददाता सरकार द्वारा गांवों की साफ सफाई को लेकर तरह तरह की योजनाएं व कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। स्थानीय पदाधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों द्वारा गांव देहातों में सफाई के नाम पर लाखों...

Newswrap हिन्दुस्तान, नवादाThu, 12 June 2025 01:52 PM
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मधुरापुर में ग्रामीणों को मुंह चिढ़ा रहा स्वच्छता अभियान

कौआकोल। एक संवाददाता सरकार द्वारा गांवों की साफ सफाई को लेकर तरह तरह की योजनाएं व कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। स्थानीय पदाधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों द्वारा गांव देहातों में सफाई के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जाने का काम किया जा रहा है। बावजूद यह योजना धरातल पर उतरता नहीं दिख रही है। लिहाजा प्रखंड के मधुरापुर गांव के ग्रामीणों को स्वच्छता अभियान मुंह चिढ़ाने का काम कर रहा है। मुख्य गली वार्ड नंबर 10 (पीसीसी सड़क) की स्थिति देखरेख के अभाव में पूरी तरह से नारकीय बनी हुई है। बीच सड़क पर ही आस पास के घरों से निकलने वाली नालियों एवं शौचालय से निकलने वाली दुर्गंधयुक्त गंदा पानी का जमाव हो जाने से सड़क नाला का रूप ले चुका है।

इस कारण उस रास्ते से गुजरने वाले ग्रामीणों एवं राहगीरों को आने जाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अक्सर ही वहां पर बाइक दुर्घटना घटित होने की आशंका बनी रहती है। गंदे एवं दुर्गंधयुक्त पानी का जमाव हो जाने के कारण कई तरह की बीमारियों का भी खतरा बना रहता है। बावजूद ग्रामीणों को इस गंदे पानी से होकर गुजरने की विवशता बनी हुई है। मोहल्ले के ग्रामीणों ने बताया कि इस समस्या से निजात दिलाए जाने के लिए स्थानीय अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों के समक्ष कई बार रखा गया। बावजूद आज तक उस पर किसी तरह का अमल नहीं किया जा सका है। जिससे ग्रामीणों में भारी असंतोष है। ग्रामीणों ने बताया कि गर्मी के दिनों में तो उस गली में कीचड़ों का जमाव कम हो जाता है। पर बरसात आते ही कीचड़ से गली बजबजाना शुरू हो जाता है। नालियों से निकलने वाला गंदा पानी तथा कीचड़ का वहां जमाव हो जाने से सड़ांध व दुर्गंध फैलने लगता है। गलियों में कीड़े रेंगने लगते हैं। जहां से होकर ग्रामीणों को प्रायः गुजरने की विवशता बनी हुई रहती है। उस मुहल्ले तथा गांव में डायरिया बीमारी फैलने का हमेशा अंदेशा बना रहता है। बावजूद इस समस्या से ग्रामीणों को निजात दिलाने के लिए न तो स्थानीय अधिकारी पहल कर पा रहे हैं और न ही जनप्रतिनिधि। लिहाजा गांव के लोग अपनी दुर्दशा के लिए खुद को कोशते रहे हैं। --------------------- गांव की गली नाली का निर्माण का उठाया जाता रहा है मुद्दा ग्रामीणों की शिकायत है कि गांव की नालियों का जर्जर हो जाने तथा इसके निर्माण कराए जाने का मुद्दा हर बार पंचायत समिति की बैठक में उठाया जाता रहा है। पर इस समस्या के प्रति न तो कोई अधिकारी गंभीर हैं और न ही विभाग। लिहाजा ग्रामीणों को इसी गंदगी भरी गलियों से होकर प्रतिदिन गुजरने की विवशता बनी हुई है। जेठ की कड़कड़ाती धूप तथा बरसात के दिनों में इन गलियों से बदबू आनी शुरू हो जाती है। प्रत्येक वर्ष लोगों को डायरिया जैसे भयानक बीमारी का दंश झेलना पड़ता है। बावजूद न तो इस समस्या का समाधान जनप्रतिनिधि निकाल पा रहे हैं और न ही अधिकारी। कई बार ग्रामीणों द्वारा मनरेगा के अधिकारियों से भी इस गली का कायाकल्प करने का आग्रह किया गया। पर किसी ने भी ग्रामीणों की आग्रह को साकार रूप देने का प्रयास नहीं किया।

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