नवादा जिले में स्थापित होंगी 455 वर्मी कम्पोस्ट इकाइयां, लक्ष्य तय
नवादा। राजेश मंझवेकर नवादा जिले में 455 वर्मी कम्पोस्ट इकाइयां स्थापित होंगी। इसका लक्ष्य तय कर लिया गया है। योजना का लाभ लेने वाले किसानों को लागत मूल्य का आधा यानी 50 प्रतिशत अनुदान के तहत एक यूनिट...

नवादा। राजेश मंझवेकर नवादा जिले में 455 वर्मी कम्पोस्ट इकाइयां स्थापित होंगी। इसका लक्ष्य तय कर लिया गया है। योजना का लाभ लेने वाले किसानों को लागत मूल्य का आधा यानी 50 प्रतिशत अनुदान के तहत एक यूनिट की स्थापना पर पांच हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। जिले में केंचुआ खाद उत्पादन को बढ़ावा दिए को लेकर यह योजना संचालित की जा रही है। केंचुआ खाद उत्पादन की रफ्तार जिले में बढ़ी तो फिर रासायनिक उर्वरकों पर किसानों की निर्भरता घटेगी। सरकार की इस पहल से वर्मी खाद का उत्पादन तो बढ़ेगा ही और रासायनिक उर्वरकों पर से निर्भरता घटेगी, जबकि साथ ही साथ खेतों की मिट्टी की सेहत भी सुधरेगी।
उल्लेखनीय है कि फसल अवशेषों के जरिए ही केंचुआ खाद उत्पादन किया जाना संभव है अर्थात वेस्टेज का उपयोग कर किसान अपनी लागत को भी घटा सकते हैं और यह अंतत: अधिक मुनाफा वाला सौदा साबित होगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना है। आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 15 जुलाई आवेदन की आखिरी तारीख निर्धारित की गयी है। अधिकतम तीन इकाइयों के लिए एक किसान को मिलेगा अनुदान योजना के तहत एक किसान को अधिकतम तीन इकाइयां स्थापित करने पर अनुदान का लाभ दिया जाएगा। प्रति इकाई की स्थापना पर सामान्यत: 10 हजार रुपए लागत आती है। इस पर 50 फीसदी यानी पांच हजार अनुदान का प्रावधान किया गया है। इस प्रकार, एक किसान अधिकतम 15 हजार रुपए तक की प्रोत्साहन राशि पा सकते हैं। ईंट, बालू और सीमेंट से बनी वर्मी कम्पोस्ट पीट की लम्बाई 10 फीट , चौड़ाई तीन फीट तो ढाई फीट ऊंचाई रखनी है। पक्का वर्मी कम्पोस्ट यूनिट को पूरी तरह से वर्षारोधी छप्पर बनाने की शर्त है। पीट को फूस, करकट अथवा अन्य चीजों से ढंकना आवश्यक है। पांच वर्षों तक अनिवार्य रूप से करना होगा उत्पादन योजना का लाभ पाने वाले किसानों को कम से कम पांच वर्षों तक वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन करना अनिवार्य किया गया है। जिला कृषि पदाधिकारी सह योजना के नोडल पदाधिकारी संतोष कुमार सुमन ने बताया कि किसानों से इस संबंध में शपथ पत्र भी लिया जाएगा। अच्छी तरह से देखभाल करने पर एक वर्मी पीट से सालाना करीब 25 सौ किलो वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया जा सकता है। किसानों की अरुचि के कारण कम इकाइयां हो पा रहीं स्थापित नवादा जिले में पिछले साल भी 455 वर्मी कम्पोस्ट इकाइयां स्थापित करने की योजना बनी थी। लेकिन विडंबना यह है कि 242 इकाइयां ही स्थापित हो सकीं थीं। ऐसा किसानों की अरुचि के कारण हो रहा है। जिले के किसान रासायनिक खाद पर इस बुरी तरह से निर्भर हो चुके हैं कि वेस्टेज से बनाए जाने वाले केंचुआ खाद को मामूली खर्चे पर पर भी बनाना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। यही कारण रहा कि तय लक्ष्य से पिछड़ने के कारण योजना के लिए आवंटित कुल राशि का एक बड़ा भाग विभाग को गत वर्ष सरेंडर करना पड़ा था। ------------------------ वर्जन: वर्मी कम्पोस्ट इकाइयां स्थापित कर केंचुआ खाद का उत्पादन करने के इच्छुक किसान आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। शर्तों के अनुसार, पीट बनाने पर 50 फीसद अनुदान दिया जाएगा। -संतोष कुमार सुमन, डीएओ सह नोडल पदाधिकारी, नवादा।
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