मछंदरा : वार्ड 8 में पेयजल की समस्या है विकराल
कौआकोल, एक संवाददाताप्रखंड की पहाड़पुर पंचायत अंतर्गत मछंदरा गांव के घटवार व महादलित टोला वार्ड संख्या- 8 में पेयजल की समस्या विकराल बनी हुई है।

कौआकोल, एक संवाददाता प्रखंड की पहाड़पुर पंचायत अंतर्गत मछंदरा गांव के घटवार व महादलित टोला वार्ड संख्या- 8 में पेयजल की समस्या विकराल बनी हुई है। लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि उक्त गांव में न तो एक चापाकल है और न ही सबमर्सिबल है। पूरे गांव की आबादी को कुंआ पर निर्भर रहना पड़ रहा है। या फिर बगल के दूसरे गांव से पीने की पानी ढोकर लाना पड़ता है। गांव में सात निश्चय योजना से नल-जल की सुविधा उपलब्ध नहीं है। ग्रामीणों की मानें तो इस संबंध में स्थानीय मुखिया से लेकर बीडीओ तथा विधायक तक पानी उपलब्ध कराए जाने का आग्रह किया गया।
पर आज तक किसी ने उनकी एक भी नहीं सुनी। ग्रामीणों की शिकायत है कि गांव तथा इसके आसपास में कोई चापाकल भी नहीं लगा है कि लोग उसका भी सहारा ले सकें। पहाड़ी क्षेत्र होने के चलते निजी तौर पर सबमर्सिबल या चापाकल लगाना आम लोगों की औकात से बाहर की बात है। चापाकल या सबमर्सिबल लगाने के लिए उन्हें बोरिंग कराने हेतु बड़ी मशीन की जरूरत होती है। लोग चाहकर भी चापाकल नहीं लगा पाते हैं। लिहाजा गांव वालों के सामने पीने की पानी की समस्या बिकराल बनी हुई है। सरकारी महकमा एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों से गांव में चापाकल या सबमर्सिबल लगाने के लिए आग्रह करते करते थक हार गए। पर उनकी किसी ने नहीं सुनी। लिहाजा ग्रामीणों को डेढ़ किलोमीटर दूर के गांवों से पीने के लिए पानी ढोकर लाना पड़ रहा है। ग्रामीणों की शिकायत है वार्ड संख्या-8 में निवास करने वाले लोग हर तरह की मूलभूत सुविधाओं से पूरी तरह से वंचित हैं। बिजली, पानी तथा शिक्षा की सुविधा आदि का घोर अभाव है। बावजूद उन लोगों की कोई भी सूध लेने वाला नहीं है। उस गांव में न तो स्वच्छता अभियान योजना का रोशनी पहुंच सका है और न ही शौचालय निर्माण योजना का ही। लिहाजा आज के युग में भी उस गांव के लोग खुले में शौच करने के लिए विवश हैं। धरातल पर नहीं उतर सकी है सरकारी योजनाएं मछंदरा में स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों की लापरवाही के कारण धरातल पर सरकारी योजनाएं नहीं उतर सकी हैं। जिसके चलते उसे टोले के लोग आवश्यक मूलभूत सुविधाओं से पूरी तरह से वंचित रह रहे हैं। लिहाजा लोगों का समुचित विकास भी नहीं हो पा रहा है। न तो इस गांव में कोई विद्यालय है और न ही नल जल की योजना को ही धरातल पर उतारा जा सका है। जिसके कारण इन योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। यहां तक की आवास योजना तथा शौचालय का भी लाभ उक्त टोले के लोगों को नहीं मिल पा रहा है। विद्यालय नहीं रहने के कारण बच्चों को पढ़ाने करने में भारी परेशानी होती है। चाहकर भी लोग अपने बच्चों को शिक्षित नहीं कर पाते हैं। करीब करीब आबादी आज के युग में हस्ताक्षर की जगह अंगूठा लगाते हैं। जबकि सरकार निरक्षरता रुपी कलंक को मिटाने के लिए कृतसंकल्प है तथा इसके लिए विभिन्न माध्यमों से लोगों को जागरूक करना उन्हें साक्षर बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। पर मछंदरा के लोगों के लिए यह प्रयास भी सार्थक सिद्ध नहीं हो सका है।
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