Weather Update Monsoon Anticipated in Nawada with Rain Forecast छिटपुट बारिश से तपिश में कमी, मेघगर्जन और वज्रपात की आशंका , Nawada Hindi News - Hindustan
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छिटपुट बारिश से तपिश में कमी, मेघगर्जन और वज्रपात की आशंका

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता।सोमवार से एक बार फिर जिले का मौसम बदलने लगा है। सुबह से ही बादल मंडराने लगे थे। जबकि दोपहर बाद जिला मुख्यालय के अलावा एक-दो प्रखंडों में बूंदाबांदी हुई।

Newswrap हिन्दुस्तान, नवादाTue, 17 June 2025 03:32 PM
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छिटपुट बारिश से तपिश में कमी, मेघगर्जन और वज्रपात की आशंका

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। सोमवार से एक बार फिर जिले का मौसम बदलने लगा है। सुबह से ही बादल मंडराने लगे थे। जबकि दोपहर बाद जिला मुख्यालय के अलावा एक-दो प्रखंडों में बूंदाबांदी हुई। हालांकि सोमवार को मौसम सामान्यत: शुष्क ही बना रहा। तापमान गिरा लेकिन उमस के कारण रियल फील सामान्य से तीन डिग्री अधिक रहा। बादल मंडराने के साथ ही हवा की दिशा बदल गयी है। पछुआ की जगह पूरवैया चलने लगी है और इसकी गति 14 किमी प्रति घंटे वाली रही। सोमवार को उमस की मात्रा बढ़ कर 57 फीसदी तक पहुंच गयी, जिससे लोग उमस से परेशान रहे।

मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक सोमवार से मौसम बदलने लगा है, जिसके बाद यह अनुमान है कि अब मंगलवार से लगातार बारिश के साथ ही मेघ गर्जन व वज्रपात भी रह सकता है। इधर, वर्तमान में मानसून की गति सामान्य बनी हुई है, जिस कारण से मौसम पूर्वानुमान में कहा गया है कि अब कायदे से 19 जून तक जिले में मानसून का प्रवेश संभावित है। सोमवार को मौसम रहा शुष्क, गर्मी से नहीं छूटा पीछा सोमवार बादलों के कारण तापमान में गिरावट दर्ज किया गया, उमस के कारण गर्मी का अहसास कम नहीं रहा। सोमवार को 37 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तथा 28 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रहा। बारिश की संभावना भी 78 फीसदी बनी रही, जबकि 3.1 एमएम बारिश की संभावना बनी रही। आगामी पांच दिनों तक मौसम बारिश वाली ही रहने का पूर्वानुमान है। कृषि मौसम वैज्ञानिक रौशन कुमार ने बताया कि मंगलवार से तापमान में क्रमिक गिरावट दर्ज की जाएगी। मंगलवार को अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस और 28 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम रहने के साथ ही 88 फीसदी बारिश की संभावनाओं के बीच 19.5 एमएम बारिश हो सकती है। बुधवार को बारिश की संभावना 71 प्रतिशत है और 9.0 एमएम बारिश हो सकती है, जबकि तापमान क्रमश: 33 और 26 डिग्री सेल्सियस ही रह सकता है। गुरुवार को अच्छी बारिश की संभावना है। 82 फीसदी संभावना के बीच 20.6 एमएम बारिश हो सकती है और बारिश भरे मौसम के कारण अधिकतम तापमान 31 जबकि न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस बना रहेगा। शुक्रवार को भी अच्छी बारिश संभावित है। 80 प्रतिशत संभावनाओं के बीच 24.0 एमएम बारिश की संभावना है। साथ ही तापमान में अच्छी गिरावट रहेगी और यह क्रमश: 32 और 26 डिग्री सेल्सियस रह सकती है। इसके अलावा शनिवार को 46 प्रतिशत बारिश की संभावनाओं के बीच 2.8 एमएम बारिश हो सकती है, जबकि तापमान क्रमश: 34 और 27 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। इन पांच दिनों के अलावा इसके आगे भी बारिश के दिनों का पूर्वानुमान है। उल्लेखनीय इसी क्रम में मानसून का आगमन भी संभावित है। अगले 24 घंटों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के अनुकूल है परिस्थितियां अगले 24 घंटों के दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून के अनुकूल परिस्थतियां बन रही हैं। कृषि मौसम वैज्ञानिक रौशन कुमार ने बताया कि सोमवार की मौसम प्रणाली के अनुसार, मानसून की उत्तरी सीमा वेरावल, भावनगर, वडोदरा, खरगोन, अमरावती, दुर्ग, बरगढ़, चांदबाली, सैंडहेड द्वीप, बालुरघाट से होकर गुजर रही है। गुजरात और मध्य प्रदेश के कुछ और हिस्सों, विदर्भ के बचे हुए हिस्सों, अगले 24 घंटों के दौरान छत्तीसगढ़ और ओडिशा के कुछ और हिस्सों और उसके बाद के दो दिनों के दौरान पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम और आसपास के इलाकों में चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है और अब यह समुद्र तल से 1.5 और 5.8 किमी ऊपर देखा जा रहा है, जो ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है। कोंकण के मध्य भागों और उससे सटे पूर्व-मध्य अरब सागर पर ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण अब दक्षिण गुजरात और आसपास के क्षेत्रों में स्थित है और औसत समुद्र तल से 7.6 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। इसके प्रभाव में, अगले 24 घंटों के दौरान उसी क्षेत्र में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है और अगले 24 घंटों के दौरान इसके और अधिक स्पष्ट होने और उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। दक्षिणी हिमाचल प्रदेश और उससे सटे उत्तरी उत्तराखंड के ऊपर ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण अब पूर्वोत्तर पंजाब और आसपास के इलाकों में समुद्र तल से 3.1 किमी ऊपर स्थित है। मध्य क्षोभमंडलीय पश्चिमी हवाओं में एक गर्त के रूप में पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है, जिसकी धुरी समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर है, जो मोटे तौर पर अक्षांश 26°डिग्री उत्तर के उत्तर में देशांतर 70°डिग्री के साथ बना हुआ है। पूर्वोत्तर असम और आसपास के इलाकों में एक ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है, जो समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर तक फैला हुआ है।

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