बेतिया राज की 15358 एकड़ जमीन समेत परिसंपत्तियां अब बिहार सरकार की
बिहार विधानसभा ने बेतिया राज की 15358 एकड़ जमीन और सभी परिसंपत्तियों को बिहार सरकार में निहित करने वाले विधेयक-2024 को मंजूरी दी। यह निर्णय अतिक्रमण और संपत्ति के खराब प्रबंधन के कारण लिया गया। अब...

बेतिया राज की 15358 एकड़ जमीन समेत सारी परिसंपत्तियां अब बिहार सरकार की होगी। विधानसभा ने मंगलवार को बेतिया राज की संपत्ति को निहित करने वाला विधेयक-2024 पर मुहर लगा दी। इसके पहले राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल ने विधेयक को सदन में पेश किया। हालांकि, विपक्षी सदस्यों के वाकआउट के बीच ही सदन ने विधेयक पर अपनी सहमति प्रदान कर दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में मौजूद थे। मंत्री ने बताया कि बेतिया राज की 15 हजार एकड़ से अधिक जमीन और अन्य संपत्तियां अब राज्य सरकार में निहित की जा रही है। उनकी जमीन बिहार के साथ-साथ यूपी में भी है। बिहार में बेतियाराज की 15213 एकड़ जमीन जबकि यूपी में 143 एकड़ जमीन है। बिहार में राज की अधिकतर जमीन और परिसंपत्ति पूर्वी व पश्चिमी चंपारण में है। इसके अलावा सारण, सीवान, गोपालगंज और पटना में भी बेतिया राज की जमीन व परिसंपत्ति है। इसके अलावा यूपी के इलाहाबाद, बस्ती, फैजाबाद, गोरखपुर, महाराजगंज, कुशीनगर, मिर्जापुर और वाराणसी में है। तत्कालीन बेतिया राज के महाराज हरेन्द्र किशोर सिंह की नावल्द मृत्यु के बाद उनकी पत्नी जानकी कुंवर को अंग्रेजों की ओर से अक्षम घोषित कर एक अप्रैल 1897 से बेतिया राज को प्रतिपाल्य अधिकरण अधिनियम के अधीन कर लिया गया था। इधर, पिछले कई वर्षों से यह प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन था कि उस अधिनियम की ओर से संपत्ति की देखरेख भली भांति नहीं हो पा रही है और बेतियाराज की संपत्ति पर लगातार अतिक्रमण हो रहा है। ऐसे में सरकार की ओर से यह निर्णय लिया गया कि यूपी समेत बेतियाराज की पूरी परिसंपत्ति बिहार सरकार में निहित की जाए। मंत्री ने कहा कि ऐसा करने के बाद संबंधित जिले के समाहर्ता बेतिया राज की भूमि का उसी प्रकार प्रबंधन करेंगे जिस प्रकार राज्य सरकार की अन्य भूमि का करते हैं। जहां तक यूपी स्थित परिसंपत्तियों की बात है तो उसके लिए यूपी सरकार से समन्वय करके आगे की कार्रवाई की जाएगी।
श्री जायसवाल ने कहा कि विधेयक के विधानमंडल से पारित होने के बाद सरकार बेतिया राज की सभी परिसंपत्तियों को सूचीबद्ध करते हुए अधिसूचना निकालेगी। इसमें यह स्पष्ट इंगित रहेगा कि कौन-कौन सा खाता-खेसरा की भूमि अब राज्य सरकार में निहित हो रही है। ऐसा करने के पश्चात प्रभावित व्यक्तियों से आपत्ति प्राप्त होने पर इन आपत्तियों का निस्तारण विधेयक में इंगित प्रावधानों के तहत किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि बेतिया राज की संपत्ति राज्य सरकार में निहित होने के बाद सरकार के पास अपनी सामुदायिक परियोजनाओं के लिए काफी भूमि उपलब्ध हो सकेगी। यहां अस्पताल, मेडिकल कालेज, विश्वविद्यालय व अन्य सरकारी संस्थान खोले जा सकेंगे।
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