जॉर्ज साहब का जीवन सामाजिक न्याय के लिए समर्पण का प्रतीक: संजय पासवान
पूर्व केंद्रीय मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस की जयंती बाबू जगजीवन राम शोध संस्थान में मनाई गई। संजय पासवान और अरुण कुमार ने उनके संघर्ष और सामाजिक न्याय के प्रति समर्पण को याद किया। जॉर्ज फर्नांडिस ने...

पूर्व केंद्रीय मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस की जयंती मंगलवार को बाबू जगजीवन राम शोध संस्थान सभागार में मनाई गई। इसका आयोजन 'कबीर के लोग' की ओर से किया गया। जयंती समारोह का शुभारंभ पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री संजय पासवान एवं पूर्व सांसद अरुण कुमार ने किया। संजय पासवान ने कहा कि जॉर्ज साहब का जीवन संघर्ष, सादगी और सामाजिक न्याय के लिए समर्पण का प्रतीक रहा है। उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा ट्रेड यूनियन आंदोलन से शुरू की थी। संजय पासवान ने कहा कि जॉर्ज फर्नांडिस मजदूरों, रेलवे कर्मचारियों और श्रमिक वर्ग की आवाज बने और 1974 के ऐतिहासिक रेलवे हड़ताल के नेतृत्वकर्ता रहे।
यह हड़ताल स्वतंत्र भारत के श्रमिक आंदोलन का मील का पत्थर बनी। बिहार से उनका गहरा नाता रहा। मुजफ्फरपुर से लेकर नालंदा तक उन्होंने कई बार चुनाव लड़ा और जीता। उन्होंने लोकसभा में बिहार की जनता की आवाज को बुलंद किया। पूर्व सांसद अरुण कुमार ने कहा कि आपातकाल के दौर में जार्ज साहब ने भूमिगत रहकर तानाशाही के खिलाफ संघर्ष किया और लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपने प्राणों की बाजी लगाई। बाद में, जब राष्ट्रीय राजनीति में उन्होंने अहम भूमिका निभाई, तो उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को खड़ा किया और बीजेपी को राजनीतिक अछूत की स्थिति से बाहर निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी सादगी आज भी प्रेरणा देती है। वे सत्ता में रहकर भी जनता के बीच बने रहे। इस अवसर पर लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया।
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