प्लेसमेंट में गिरावट बढ़ा रही चिंता, बेहतर प्रदर्शन में शीर्ष तीन में आईआईटी पटना
देश के 23 आईआईटी में प्लेसमेंट सीजन चल रहा है, लेकिन ट्रंप की टैरिफ नीति से छंटनी की चिंता बढ़ गई है। आईआईटी पटना में इस साल पहली बार 100% प्लेसमेंट हुआ है। हालांकि, संसद की रिपोर्ट में 2023-24 में...

देश के 23 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में अभी प्लेसमेंट सीजन चल रहा है। चयन प्रक्रिया के अंतिम नतीजे जून के बाद आएंगे। इधर ट्रंप की ताजा टैरिफ नीति से विभिन्न कंपनियों में छंटनी की चिंता भी बढ़ने लगी है। इसका असर कंपनियों की चयन प्रक्रिया या छात्रों के पैकेज पर भी पड़ने के आसार जताए जा रहे हैं। लेकिन आईआईटी पटना की हालिया रिपोर्ट अलग है। आईआईटी पटना में एमएसएसी पाठ्यक्रम में इस साल पहली बार शत-प्रतिशत प्लेसमेंट हुआ है। इससे संस्थान के छात्रों शिक्षकों में खुशी है। बीटेक कोर्सेज के छात्रों को इस बार बेहतर नतीजों की उम्मीद है। लेकिन इन सबके बीच बीते दिन की एक रिपोर्ट ने सभी की चिंता बढ़ा दी है। उच्च शिक्षा पर संसद की एक स्थायी समिति की रिपोर्ट में शैक्षणिक वर्ष 2021-22 और 2023-24 के बीच 23 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में प्लेसमेंट में 10 प्रतिशत से अधिक की कमी को असामान्य गिरावट बताया गया है। 2022-23 की तुलना में 2023-24 में 20 आईआईटी में प्लेसमेंट के औसत में 4% से 20% तक कमी आई है। आईआईटी पटना में यह कमी सात प्रतिशत तक देखी गई है।
प्लेसमेंट के मामले में शीर्ष तीन आईआईटी में पटना
रिपोर्ट के अनुसार 2023 -24 में देश के केवल तीन आईआईटी में 90 प्रतिशत से अधिक प्लेसमेंट हुए। ये हैं- आईआईटी जोधपुर, आईआईटी पटना और आईआईटी गोवा। जोधपुर आईआईटी में सबसे अधिक 92.98 प्रतिशत, आईआईटी धारवाड़ में सबसे कम 65.56 प्रतिशत रहा। आईआईटी पटना में प्लेसमेंट 90.03 प्रतिशत रहा। रिपोर्ट में बताया गया है कि आईआईटी दिल्ली में प्लेसमेंट में 17 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जिसमें 2023-24 में 72.81 प्रतिशत छात्रों को प्लेसमेंट मिला, जबकि 2022-23 में यह आंकड़ा 89.88 प्रतिशत था। आईआईटी-बॉम्बे में 2023-24 में 83.39 प्रतिशत छात्रों को प्लेसमेंट मिला, जबकि 2022-23 में यह आंकड़ा 88.07 प्रतिशत था। आईआईटी-रुड़की में भी लगभग 18 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। 2023-24 में प्लेसमेंट के लिए उपस्थित होने वाले केवल 79.66 प्रतिशत छात्र ही थे, जबकि 2022-23 में यह संख्या 97.76 प्रतिशत थी। वहीं, आईआईटी-खड़गपुर, जो सबसे पुराने आईआईटी में से एक है, में 22 संस्थानों में से सबसे कम 2.28 प्रतिशत अंकों की गिरावट देखी गई, जो 86.79% से 83.91% हो गई।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस गिरावट के कई कारण हो सकते हैं, जैसे छात्रों द्वारा उच्च शिक्षा लेना या स्टार्ट-अप उद्यम शुरू करना। हालांकि प्लेसमेंट बाजार के रुझान पर निर्भर करता है, लेकिन विभाग को इसके अनुसार रोजगार क्षमता बढ़ाने के तरीके खोजने चाहिए और उपाय करने चाहिए।
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