Yogini Ekadashi: योगिनी एकादशी कब? जानें योगिनी एकादशी की व्रत व पूजन-विधि
Yogini Ekadashi Kab hai: हर साल आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि योगिनी एकादशी पर व्रत रखने व संसार के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख-सौभाग्य बढ़ता है।

Yogini Ekadashi Kab hai : इस साल जून के महीने में योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। हर साल आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। योगिनी एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि योगिनी एकादशी पर व्रत रखने व संसार के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख-सौभाग्य बढ़ता है। आइए जानते हैं योगिनी एकादशी कब है, पूजन शुभ मुहूर्त, व्रत व पूजन विधि-
योगिनी एकादशी कब: हिन्दू पंचांग के अनुसार, 21 जून को सुबह 07:18 बजे एकादशी तिथि की शुरुआत होगी। तिथि का समापन 22 जून को सुबह 04:27 बजे तक होगा। उदया तिथि के अनुसार, 21 जून को योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा।
योगिनी एकादशी की व्रत विधि
1. सूर्योदय से पहले स्नान- व्रती को प्रात: काल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए।
2. भगवान विष्णु की पूजा- भगवान विष्णु की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं और उन्हें फूल, तुलसी दल, पीले वस्त्र और मिठाई अर्पित करें। व्रत रखने का संकल्प जरूर लें।
3. व्रत कथा सुनें- इस दिन व्रत कथा सुनने और सुनाने का विशेष महत्व है।
4. भोजन- व्रती को योगिनी एकादशी के दिन अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए। केवल फलाहार करें या जल ग्रहण करें।
पूजन-विधि
1. स्नान आदि कर मंदिर की साफ-सफाई करें
2. भगवान श्री हरि विष्णु का जलाभिषेक करें
3. प्रभु का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें
3. विष्णु भगवान को पीला चंदन और पीले पुष्प अर्पित करें
4. मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें
5. संभव हो तो व्रत रखें और व्रत संकल्प करें
6. योगिनी एकादशी की व्रत कथा का पाठ करें
7. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें
8. पूरी श्रद्धा के साथ भगवान श्री हरि विष्णु और लक्ष्मी जी की आरती करें
9. प्रभु को तुलसी दल सहित भोग लगाएं
10. अंत में क्षमा प्रार्थना करें
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।