Struggling Small Hotel Operators in Aurangabad Face Rising Costs and Low Income बोले औरंगाबाद: गैस सिलेंडर और कोयला महंगा होने से छोटे होटल वालों की आमदनी घटी, Patna Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsPatna NewsStruggling Small Hotel Operators in Aurangabad Face Rising Costs and Low Income

बोले औरंगाबाद: गैस सिलेंडर और कोयला महंगा होने से छोटे होटल वालों की आमदनी घटी

औरंगाबाद जिले के छोटे होटल संचालकों का कारोबार चाय से शुरू होता है, लेकिन महंगाई के कारण उनकी हालत खराब हो रही है। उन्हें कम आमदनी के चलते सामाजिक प्रतिष्ठा का हनन सहना पड़ता है।

Newswrap हिन्दुस्तान, पटनाFri, 21 Feb 2025 06:04 PM
share Share
Follow Us on
बोले औरंगाबाद: गैस सिलेंडर और कोयला महंगा होने से छोटे होटल वालों की आमदनी घटी

औरंगाबाद जिले के छोटे होटल संचालकों का कारोबार सुबह चाय से शुरू होता है। गांव के चौक-चौराहों पर भी अब छोटे होटल संचालक मिल जाएंगे। इन होटलों पर चाय, समोसा, कचौड़ी, लिट्टी मिलेगी, वह भी कम पैसों में। इन होटल संचालकों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कम आमदनी वाले इन होटल संचालकों की सामाजिक प्रतिष्ठा हनन प्रत्येक दिन होती है। होटलों पर सुबह चाय की चुस्की लेने जरूर पहुंचते हैं लेकिन इन छोटे होटल संचालकों की हालत खराब होती जा रही है। कभी सिलेंडर और कोयला की महंगाई उन्हें परेशान करती है। सभी छोटे होटल संचालक परेशानियों को झेल रहे हैं। हिन्दुस्तान के संवाद कार्यक्रम में शहर के छोटे होटल संचालकों ने खुलकर अपनी समस्याओं पर चर्चा की। इसमें उन्होंने कई सुझाव भी दिए। दीपक कुमार, गोल्डन कुमार, धीरज कुमार, लाला साव, बिट्टू कुमार, सत्येंद्र कुमार, सूचित कुमार, पप्पू गुप्ता, प्रमोद प्रसाद, अंशु कुमार आदि छोटे होटल संचालकों ने कहा कि हम सभी को बैंकों से कम ब्याज पर लोन की सुविधा हो। इससे कारोबार को बढ़ाने में मदद मिलेगी। आज कल दुकान के संचालन से इतनी भी आमदनी नहीं होती है कि इसे अपने बाल बच्चों का भविष्य बना सकें। अच्छे स्कूलों में पढाने तक की हमारी हैसियत नहीं है। ऐसे में सरकारी स्कूलों में ही बच्चों को भेजना पड़ता है। कभी कभार तो भीड़ अधिक होने या पर्व त्यौहार में भी बच्चों से दुकान पर मदद लेनी पड़ती है। इसके पीछे प्रमुख कारण आमदनी को बढ़ाना है।

होटल संचालकों ने कहा कि तीन साल पहले तक एक लीटर दूध 30 से 35 रुपए में मिलता था लेकिन अब 55 से 60 प्रति लीटर दूध लाना पड़ता है। इससे चाय और मिठाई बनाते हैं। चीनी, चाय पत्ती, मैदा, रिफाइन तेल और गैस सिलेंडर की कीमत भी काफी बढ़ गई है। इसके बावजूद हम आज भी चाय पांच रुपए प्रति कप और समोसा 8 रुपए प्रति पीस बेचने को मजबूर है। इससे मुनाफा काफी कम हो गया है। पहले ग्रामीण इलाकों में कम दर पर दूध आसानी से मिल जाया करता था। महंगाई के कारण 50 से 55 रुपए प्रति लीटर तक वसूल रहे हैं। इसी वजह से चाय बनाना पहले की तुलना में बहुत महंगा हो गया है। होटल संचालकों ने बताया कि मजबूरी के चलते छोटे होटल संचालक घरेलू गैस सिलेंडर का इस्तेमाल करते हैं, ताकि लागत कम हो। प्रशासन की सख्ती से उन्हें हर समय कार्रवाई का डर रहता है क्योंकि यह गैरकानूनी है। इसके बावजूद पेट की खातिर ऐसा करने के लिए वह मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि कॉमर्शियल गैस सिलेंडर लेना आसान नहीं होता। इसके लिए ढेरों कागजात चाहिए। एक बार में दो हजार रुपए से ज्यादा खर्च होते हैं।

यह हम जैसे छोटे होटल संचालकों के लिए बहुत मुश्किल है। छोटे होटल संचालकों ने कहा कि उनका पूरा परिवार इसी दुकान पर निर्भर है। हम सुबह 4 बजे उठ जाते हैं और दुकान लगाते हैं। इसके बाद दिन भर ग्राहकों की सेवा में लगे रहते हैं। महंगाई इतनी बढ़ गई है कि बच्चों की फीस, घर का राशन और बाकी खर्चे पूरा करना मुश्किल हो गया है। पहले ग्राहकों की संख्या ज्यादा थी लेकिन अब लोग ज्यादा खर्च से बचने के लिए होटल में आना कम कर रहे हैं। ऐसे में हमारी आमदनी लगातार कम होती जा रही है। उन्होंने कहा कि कोयला भी सस्ता नहीं रहा। यह पहले 15 रुपए किलो मिलता था और अब 35 से 40 रुपए प्रति किलो मिलता है।

एनएच के किनारे होटल चलाने वाले लोगों को हमेशा कार्रवाई का भय बना रहता है। अतिक्रमण के नाम पर उन पर भी कार्रवाई हो जाती है। इसके अलावा असामाजिक तत्व उन्हें परेशान करते हैं। वह चाह कर भी शिकायत नहीं कर पाते हैं। कम बचत पर वे व्यवसाय करते हैं। इस ओर सरकार को ध्यान देने की आवश्यकता है। हमारी अपनी जिंदगी संघर्ष भरी है। सुबह से लेकर रात तक होटल में काम करते हैं। वहीं कॉमर्शियल गैस सिलेंडर महंगा है।

घरेलू सिलेंडर का उपयोग करने पर प्रशासन का डर बना रहता है। सरकार को छोटे दुकानदारों को राहत देने के लिए उचित नीति बननी चाहिए। कोयला की दुकान भी लगभग बंद हो चुकी है। काफी मुश्किल से कोयला लाना पड़ रहा है। इस कारोबार से जुड़े लोगों के लिए किसी तरह की कोई नीति नहीं बनाई गई है। जिले में छोटे-छोटे कई होटल संचालित हो रहे हैं जिनकी आजीविका का मुख्य साधन होटल ही है।

कब मुनाफे पर छोटे होटल संचालक करते हैं व्यवसाय

होटल संचालकों ने बताया कि जैसे-जैसे महंगाई बढ़ रही है, वैसे होटल संचालन करने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा सामाजिक प्रतिष्ठा का हनन भी होता है। होटल संचालकों के साथ दुर्व्यवहार भी होता है। उनकी शिकायतें सुनने वाला कोई नहीं है। ग्रामीण इलाके में रोजगार के नाम पर यही उनका धंधा है लेकिन उन्हें सहयोग नहीं मिलता है।

बोले जिम्मेदार

मुख्यमंत्री उद्यमी योजना से इस तरह के व्यवसायी लाभ उठा सकते हैं। छोटे स्तर के होटल संचालक इस योजना का लाभ लेने के लिए संपर्क करें। विभाग में उनके लिए कई तरह की सुविधा रहती है।

-डा. अवतुल्य कुमार आर्य, बीडीओ, मदनपुर

सुझाव

1. छोटे होटल संचालकों के लिए विशेष अनुदान वाली योजना लागू की जाए।

2. छोटे कारोबारी को कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जाए।

3. सभी होटल संचालकों को सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ मिले।

4. घरेलू सिलेंडर पर निर्भरता खत्म हो, छोटे दुकानदारों के लिए किफायती कीमत पर कॉमर्शियल गैस की सुविधा हो।

5. सर्वे करवा कर इस कारोबार से जुड़े लोगों को सरकारी लाभ दिया जाए।

शिकायतें

1. कॉमर्शियल गैस सिलेंडर महंगा होने और कागजी कार्रवाई जटिल होने से घरेलू सिलेंडर का उपयोग करने पर प्रशासन का डर बना रहता है।

2. महंगाई के कारण होटल की बिक्री से होने वाली कमाई से परिवार का खर्च निकालना मुश्किल हो गया है।

3. बैंक से लोन लेना बेहद कठिन है। कागजी कार्रवाई के बावजूद छोटे दुकानदारों को लोन नहीं मिलता है।

4. छोटे होटल संचालक से जुड़े कारोबारी के पास किसी तरह का कोई पहचान पत्र नहीं है।

5. सरकार की ओर से छोटे होटल संचालक के लिए कोई योजना नहीं चलाई जा रही है।

उभरा दर्द

हमारा काम सिर्फ चाय बनाना ही नहीं है। इसके अलावा होटल में नाश्ता भी बनाते हैं। लोगों के दिन की शुरुआत छोटे होटल से ही होती है। -अंशु कुमार

हम छोटे होटल संचालक भी मेहनतकश लोग हैं लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं होती। हमें किसी तरह की मदद नहीं दी जाती है। हमें भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। -पप्पू गुप्ता

अगर सरकार छोटे-छोटे दुकानदारों को सुरक्षा दे और व्यापार के लिए अनुकूल माहौल बनाए तो हमारा जीवन थोड़ा आसान हो सकता है। बस दुकानदारों को सहयोग व उचित माहौल चाहिए।-डब्लू गुप्ता

हर दिन ग्राहकों की सेवा करते हैं जबकि आमदनी कम ही होती है। व्यापार बढ़ाने के लिए सरकार को मदद करनी चाहिए। आश्वासन तो कई बार मिला पर मदद नहीं मिली।-प्रमोद प्रसाद

छोटे दुकानदारों को व्यापार बढ़ाने के लिए सस्ते लोन की सुविधा दी जानी चाहिए। इससे हम अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकेंगे।-राजेश कुमार

अगर बैंक छोटे दुकानदारों को लोन देने में मदद करें तो हम भी अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकते हैं और ज्यादा लोगों को रोजगार दे सकते हैं। इसके लिए जगह चिन्हित की जाए।- विश्वजीत कुमार

हर दिन होटल में चाय से लेकर खाने वाली सामग्री बनाते हैं लेकिन हमारी जिंदगी में सुकून नहीं है। जरूरत है कि सरकार हमें भी व्यापार में आगे बढ़ने का मौका दे।-सूचित कुमार

अगर हमें सही सरकारी योजनाओं का लाभ मिले तो हम भी अपने काम में सुधार कर सकते हैं और अच्छी कमाई कर सकते हैं। हमें सरकारी स्तर पर किसी तरह की कोई मदद नहीं मिल रही है।-धीरज कुमार

गैस, कोयला और दूध के दाम बढ़ते जा रहे हैं लेकिन हमारी आमदनी जस की तस है। सरकार को हमारी समस्याओं को समझना चाहिए। उसका निदान भी किया जाना चाहिए।-लाल साव

अगर छोटे होटल संचालकों को संगठित किया जाए। उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए तो हमारा भविष्य सुधर सकता है।-धीरज कुमार

इस पेशे में हमें राहत कहीं नहीं दिख रही है। हमें सरकारी मदद की सख्त जरूरत है। हम घर परिवार को चलाने की जद्दोजहद रहे हैं।-गोल्डन कुमार

होटल संचालन करने के लिए हमें हर दिन संघर्ष करना पड़ता है। यदि सरकारी मदद मिले तो हम अपने परिवार को बेहतर भविष्य दे सकते हैं। -सूरज कुमार

होटल संचालन करना अब आसान नहीं रहा। महंगाई काफी तेजी से बढ़ रही है। ग्राहक भी ज्यादा कीमत देने से बचते हैं। हमें इसका हल चाहिए।-दीपक कुमार

हमने जिंदगी भर होटल चलाया लेकिन हमारी स्थिति कभी नहीं बदली। उम्मीद है कि सरकार हमारे लिए भी कुछ सोचेगी। छोटे लोन से भी हम अपना कारोबार काफी बढ़ा सकते हैं। -हरेराम चौहान

सरकार छोटे-छोटे होटल संचालकों को सब्सिडी दे तो हम भी अपने परिवार को अच्छे से चला सकते हैं। समाज में सम्मान पा सकते हैं।-राजू साव

महंगाई के इस दौर में छोटे होटल संचालकों को हालत बदतर होती जा रही है। दूध, चीनी, गैस और कोयले के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। -अशोक साव

हम दिन भर मेहनत करके होटल में लोगों को गर्म खाना चाय परोसते हैं लेकिन हमारी जिंदगी संघर्ष भरी है। सरकार को इस ध्यान देने की आवश्यकता है।-मनोज प्रसाद

होटल में सुबह से रात तक मेहनत करने के बावजूद इतनी बचत नहीं हो पाती कि बच्चों की पढ़ाई लिखाई और घर का खर्च आसानी से चला सके। -जीतू कुमार

जाड़ा हो या गर्म या फिर बरसात का गर्जन हर मौसम में हम अपनी दुकान संचालित करते हैं। इस कारोबार से जुड़े लोगों को आर्थिक मदद मिलनी चाहिए ताकि वे अपने कारोबार को बढ़ा सके।-अखिलेश प्रसाद

हर दिन लोग हमारे यहां आकर नाश्ता पानी करते हैं। एक कप चाय पीकर तरोताजा होते हैं लेकिन हमारी परेशानियों की तरफ ध्यान नहीं जाता है।-सत्येंद्र प्रसाद

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।