वार्षिक रैंकिंग में खगड़िया-अररिया निबंधन कार्यालय अव्वल
खगड़िया और अररिया के जिला निबंधन कार्यालय ने वार्षिक रैंकिंग में अव्वल स्थान प्राप्त किया है। शेखपुरा दूसरे और बेगूसराय तीसरे स्थान पर रहा। सभी कार्यालयों को सात मानकों के आधार पर परखा गया, जिसमें...

निबंधन कार्यालयों की वार्षिक रैंकिंग में खगड़िया और अररिया का जिला निबंधन कार्यालय सूबे में अव्वल रहा। दूसरे स्थान पर शेखपुरा, जबकि तीसरे स्थान पर बेगूसराय जिला निबंधन कार्यालय ने जगह बनाई है। अवर निबंधन कार्यालयों की अलग से हुई रैंकिंग में आठ अवर निबंधन कार्यालयों को टॉप तीन की सूची में जगह मिली है। इनमें बांका का अमरपुर अवर निबंधन कार्यालय प्रथम स्थान पर रहा। दूसरे स्थान पर बनमनखी, जोकीहाट, मनिहारी, शाहपुर पटोरी और बेलसंड अवर निबंधन कार्यालय, जबकि कहलगांव और ढेंग अवर निबंधन कार्यालय ने तीसरे स्थान पर जगह बनाई। गुरुवार को राजधानी पटना में आयोजित निबंधन पक्ष के वार्षिक समारोह में मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन मंत्री रत्नेश सदा ने इन जिला व अवर निबंधन कार्यालयों के रजिस्ट्रारों को सम्मानित किया।
मौके पर विभाग के सचिव अजय यादव, निबंधन महानिरीक्षक रजनीश कुमार सिंह, निबंधन उप महानिरीक्षक सुशील कुमार सुमन आदि मौजूद रहे। सात मानकों पर परखे गए निबंधन कार्यालय विभाग के मुताबिक, वार्षिक रैंकिंग तय करने के लिए सूबे के सभी निबंधन कार्यालयों को सात मानकों पर परखा गया। इनमें राजस्व को लेकर अधिकतम 50 अंक निर्धारित थे। स्थल निरीक्षण को लेकर अधिकतम 15 अंक, रेकॉर्ड रूम में तलाशी के आवेदनों के निस्तारण पर 10 अंक, कार्यालयों के अंकेक्षण व निरीक्षण पर 10 अंक, जन शिकायत संधारण व उसके निष्पादन पर 10 अंक और स्कोर (सिस्टम ऑफ कंप्यूटराइज्ड रजिस्ट्रेशन) के अंकेक्षण व बैठक को लेकर अधिकतम पांच अंक का निर्धारण किया गया था। वार्षिक समीक्षा के बाद खगड़िया और अररिया जिला निबंधन कार्यालय ने 100 में 98 अंक हासिल कर प्रथम रैंकिंग पाई। दूसरे स्थान पर रहे शेखपुरा को 90 अंक, जबकि तीसरे स्थान पर रहे बेगूसराय को 89 अंक मिले। खास बात रही कि टॉप तीन में शामिल रहे सभी निबंधन व अवर निबंधन कार्यालयों ने रेकॉर्ड (अभिलेखों) की तलाशी के आवेदनों के निस्तारण में 10 में 10 अंक हासिल किए। मुख्य सचिव के निर्देश पर रैंकिंग का बदला पैटर्न निबंधन कार्यालयों की रैंकिंग पहले राजस्व के आधार पर ही होती थी, लेकिन मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा के निर्देश पर 2024-25 से रैंकिंग का पैटर्न बदल दिया गया। अब सभी निबंधन कार्यालयों को सात मानकों पर खरा उतरना होता है।
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