कार्बाइड के बदले चीनी पड़िया का आम पकाने में धड़ल्ले से हो रहा इस्तेमाल
भवानीपुर में आम की मांग को पूरा करने के लिए व्यापारी केमिकल्स का उपयोग कर रहे हैं। कैल्शियम कार्बाइड और चीनी की जहरीली पुड़ियों से आम को जल्दी पकाया जा रहा है, जो लोगों की सेहत के लिए खतरा है।...

भवानीपुर, एक संवाददाता। आम की मांग को बाजार में पूरा करने के लिए इस समय व्यवसायियों के द्वारा केमिकल्स का भरपूर प्रयोग किया जा रहा है। समय से पहले आम को पकाने के लिए कारोबारी कई प्रकार के जहरीले रसायन के उपयोग कर रहे हैं। इससे आम तो समय से पूर्व पक अवश्य जाते हैं परन्तु इन जहरीले रासायनिक केमिकल्स का बुरा प्रभाव लोगों की सेहत पर पड़ रहा हैं। बाजार में रासायनिक केमिकल्स के उपयोग पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं लगाया जा रहा है। ...आम हो जाते हैं झटपट तैयार: बजार में विभिन्न प्रकार के आमों की एंट्री हो चुकी है।
जानकारों के मुताबिक 15 जून के बाद आम का सीजन पूरी तरह अपने शबाव पर होता है। खास बात यह है कि इससे पहले बाजार में जो भी आम बिक रहे हैं, सभी को कैमिकल की मदद से पकाया गया है। आम को पकाने वाला रसायन कैल्शियम कार्बाइड बाजार में आमतौर पर 5 रुपए प्रति पुड़िया मिलता है। महज एक पुड़िया के इस्तेमाल से करीब 22 किलो आम को तैयार कर लिया जाता है । ज्यादातर व्यापारी इसी रसायन का आम पकाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। ....चीन से भी आती है आम पकाने की जहरीली पुड़िया: आम की मांग को बाजार में पूरा करने के लिए कैमिकल्स का भरपूर उपयोग किया जा रहा है। इसमें चीन से आने वाली पुड़िया आम पकाने के लिए प्रयोग में लाई जा रही है। इस चीनी पुड़िया से आम महज 48 घंटे में ही पक जाते हैं और इस पर 5 रुपए ही खर्च आता है। पहले यह आम कार्बाइड से पकाया जाता था लेकिन अब इसे चीनी पुड़िया से पकाया जाता है। डाक्टरों के मुताबिक यह बेहद ही खतरनाक है और यह एक धीमा जहर है। भवानीपुर बाजार के आम व्यवसायी कारेलाल मंडल, बिलट साह,बिजय मंडल के मुताबिक मंडी में कार्बाइड से आम पकाने का चलन पूरे तौर पर खत्म हो चला है। उन्होंने इस बात का खुलासा किया कि अब चीन से आने वाली पुड़िया कार्बाइड की जगह लेती जा रही है। पुड़िया को गीला कर आम की पेटी में डाल दिया जाता है जिससे दो दिन के भीतर आम पक जाता है। ....रसायन से पके आम को पकड़ा मुश्किल : आम को पकाने के लिए कार्बाइड का उपयोग किया गया है या नहीं, इसका पता लगाना आसान नहीं है जिसके कारण दोषियों को सजा दिलवाना टेढ़ी खीर साबित होती है। विशेषज्ञों के मुताबिक यही वजह है कि संबंधि विभाग के अधिकारी इस दिशा में मशक्कत करना नहीं चाहते। आम के पकते ही व्यापारी पुड़िया बाहर फैंक देते हैं। आम पकाने के लिए पेटी में व्यापारी ने पुड़िया डाली या थोक विक्रेताओं ने इसे डाला, यह पता लगाना चुनौतियों से भरा होता है। ....कहते हैं डॉक्टर: धमदाहा अनुमंडलीय अस्पताल के सेवानिवृत्त उपाधीक्षक डॉ. जेपी पाण्डेय ने बताया की जहरीले केमिकल में पकाये गए इन फलों के खाने से लोगों में लीवर एवं किडनी की बीमारियों का खतरा बना रहता है। उन्होंने बताया कि इन केमिकल के प्रयोग पर सरकारी स्तर से रोक लगनी चाहिए। सर्वप्रथम लोगों को इस तरह के फलों से परहेज करना अतिआवश्यक है। अगर लोग प्रयोग करते हैं तो इन फलों के उपयोग से पूर्व अच्छी तरह से धो लेना चाहिए।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।