रेड लाइट एरिया में नहीं बंद हो रहा देह व्यापार
सहरसा के रेड लाइट एरिया में मानव तस्करी का बड़ा केंद्र है। नेपाल की एक लड़की को मुक्त करने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की। एक महिला ने 7 साल के संघर्ष के बाद रेड लाइट एरिया से मुक्ति पाई, जबकि कई...

सहरसा, सदर थाना क्षेत्र के सिमरीबख्तियारपुर सोनवर्षा कचहरी मुख्य मार्ग पर स्थित भारतीय नगर रेड लाइट एरिया में मानव तस्करी का एक बहुत बड़ा केंद्र बना हुआ है। लगातार गिरफ्तारी, कारवाई के बाद भी यहां देह व्यापार बंद नहीं हो रहा है। हालांकि नेपाल कि लड़की मिलने के बाद पुलिस ने एक आवासीय परिसर को सील कर दिया।इससे पहले भी कई बार रेड लाइट एरिया से काफी लड़की बरामद हो चुकी है। वर्ष 2008 में कुसहा त्रासदी के दौरान सैकड़ों की संख्या में लोगों को अपना घरबार छोड़कर जाना पड़ा था। जिसमें सुपौल की एक महिला भी शामिल थी। जो सहरसा रेलवे स्टेशन से दिल्ली के लिए रवाना हो रही थी। लेकिन भीड़भाड़ के दौरान वह अपनी छोटी बच्ची के साथ सहरसा रेलवे स्टेशन पर ही छूट गई। जिसके बाद एक रिक्सा चालक ने उस महिला का सौदा एक लाख रुपये में रेड लाइट एरिया के बिचौलिया हाथों कर दिया। जिसके बाद वह महिला अपनी मासूम बच्ची के साथ रेड लाइट एरिया के दलदल में पहुंच गई। जहां से उसे मुक्त होने में सात साल गए। वर्ष 2015 में जब वह कई लोगों के प्रयास बाद पुलिस के सहयोग से मुक्त हुई तो उसकी मासूम बच्ची सात साल की हो चुकी थी।सुपौल की रहने वाली महिला का सौभाग्य था कि वह सात साल बाद ही सही रेड लाइट एरिया से बाहर निकल आयी। लेकिन आज भी ऐसी दर्जनों लड़कियां है जो इस गंदे दलदल से बाहर नहीं निकल सकी। अगर प्रशासन सही तरीके से कार्रवाई करे तो काफी लड़कियों को मुक्ति मिल सकती है।
देह व्यापार में सिराज सहित पत्नी, बच्चे व दामाद भी शामिल :रेड लाइट एरिया से नेपाल की मुक्त हुई लड़की के बयान पर गिरफ्तार बिचौलिया सिराज नट और उसकी पत्नी रहिमा खातुन और सीतामढ़ी निवासी सिराज नट के दामाद के खिलाफ भी देह व्यापार कराने का रिपोर्ट दर्ज कराया गया है। सहरसा रेड लाइट एरिया में नाम बदलकर रह रही नाबालिग लड़की के पिता राज मिस्त्री का काम करते थे। जबकि उसकी तीन बहनों की शादी हो चुकी है। लड़की जब 10 वर्ष की थी तब वह अपने माता-पिता के साथ पटना गई थी। जहां ट्रेन छूट जाने के कारण वह माता-पिता से बिछड़ गई। वहीं एक महिला एवं एक पुरुष ने उसे घर पहुंचा देने का आश्वासन देकर उसे सीतामढ़ी लाया। जहां लड़की को सिराज नट के दामाद सीतामढ़ी बौआ टोला निवासी बिलो खलीफा के पुत्र मो लाडला के हाथों बेच दिया।लाडला ने करीब डेढ़-दो साल घर में रखकर नाबालिग लड़की से घर का काम करवाया। लाडला ने एक बार देह व्यापार करने पर मजबूर कर दिया था। इसी दौरान सीतामढ़ी में छापामारी के बाद लाडला ने बाद में उसे अपने ससुर भारतीय नगर बटराहा निवासी कारी खलीफा के पुत्र सिराजनट के हवाले करते हुए कहा कि इसे ले जाइए और ले जाकर घर का काम-काज करवाइयेगा।सहरसा में करीब एक डेढ़ साल तक लड़की से घर का काम करवाने के बाद सिराज ने साल भर पहले देह व्यापार करवाना शुरू कर दिया। इसी बीच मौका पाकर नाबालिग लड़की ने डायल 112 पर कॉल कर दिया। जिसके बाद प्रशासन ने नाबालिग लड़की को बरामद किया। लड़की ने बताया कि सिराज नट के परिवार में उनकी पत्नी रहिमा खातून तथा उनकी बेटी के साथ ही रह रही थी। रहिमा खातुन लड़की के देह व्यापार से मिलने वाले लगभग 10 ग्राहकों से प्राप्त होने वाले लगभग ढाई से 3 सौ रूपया प्रति ग्राहक अपने पास रख लेती थी।जबकि लड़की को सिर्फ खाना और वर्ष में एक बार कपड़ा देती थी।मुक्त लड़की ने बताया कि उसके साथ सिराज नट की बेटी द्वारा मारपीट भी की जा रही थी।सदर थानाध्यक्ष सुबोध कुमार ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर लिया गया है। लड़की के परिजनों से सम्पर्क किया गया। मामले में कार्रवाई की जा रही है।
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