ट्रेन खड़ी रहने से आधे घंटे तक गिरा रहता फाटक
सहरसा में गरीब रथ स्पेशल ट्रेन के चलते रेलवे फाटक लंबे समय तक बंद रहते हैं, जिससे बाजारों में भीषण जाम की समस्या उत्पन्न हो गई है। डीजल भरने के लिए फाटक को बंद किया जाता है, जिससे लोगों को परेशानी का...

सहरसा, निज प्रतिनिधि। सहरसा-आनंद विहार अप डाउन गरीब रथ स्पेशल सुविधा की बजाय लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। इस ट्रेन के कारण शहर का दो रेलवे फाटक बंगाली बाजार और गंगजला ढाला आधा घंटा या उससे अधिक समय तक गिरा रहता है। जिससे बाजार में भीषण जाम की समस्या बन आती है। दोनों फाटक के दोनों ओर लगे जाम का असर बंगाली बाजार, गंगजला चौक, थाना चौक के अलावा डीबी रोड, शंकर चौक, पूरब बाजार, प्रशांत रोड तक पर पड़ता है। दरअसल, वर्ष 2005 की बनी गरीब रथ स्पेशल को चलाने से पहले आगे और पीछे दोनों तरफ डीजल भरने की जरूरत होती है। पीछे तरफ डीजल भरने में रेलवे फाटक को बंद की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन, जब आगे तरफ डीजल भरने की नौबत आती तो बंगाली बाजार रेलवे फाटक को बंद कर दिया जाता है। संट सग्निल व्यवस्था होने के कारण बंगाली बाजार के साथ-साथ गंगजला ढाला स्थित फाटक को भी गिराकर बंद रखा जाता। डीजल भरने में आधा घंटा या उससे अधिक समय लग जाता। इस दौरान जाम में फंसे लोग परेशान होकर दूसरा मार्ग ढूंढने लगते हैं। लेकिन, एक साथ दोनों फाटक गिरा रहने के कारण किसी भी ओर से निकलने की जगह नहीं मिलती। बीते शुक्रवार की रात 9 बजे से पहले और नौ बजे के बाद ऐसा ही नजारा दोनों रेलवे फाटक पर देखने को मिला। हन्दिुस्तान ऑफिस में फोन कर लोग बताते रहे कि सहरसा से सुपौल, झंझारपुर के रास्ते आनंद विहार जाने वाली गरीब रथ स्पेशल में कोई खराबी आ गई है जो फिर से बंगाली बाजार रेलवे फाटक के बीचोंबीच खड़ा है। जब इसकी पड़ताल की गई तो यह सामने आया कि ट्रेन के अगले हस्सिे में डीजल भरा जा रहा है। ऐसे में देखा जाय तो प्रचंड गर्मी के बीच जाम की समस्या उत्त्पन्न करने के साथ लोगों में भ्रम पैदा करने की वजह भी यह ट्रेन बन रही है।
मुंह छोटा रहने के कारण धीरे-धीरे डीजल डालना मजबूरी: वर्षों पुराने गरीब रथ एक्सप्रेस में डीजल डालने में अन्य ट्रेनों के मुकाबले अधिक समय लगता है। सूत्रों की माने तो जिस रास्ते से डीजल भरा जाता उसका मुंह छोटा होने के कारण धीरे-धीरे डीजल भरना पड़ता है। अगर रेलकर्मी तेजी से डीजल भरने की कोशिश करते तो तेल नीचे गिरने लगता है।
कभी एसी नहीं करता काम: गरीब रथ स्पेशल के वर्षों पुराने कोच में तकनीकी रूप से कोई ना कोई समस्या से यात्री और रेलकर्मी जूझते ही रहते हैं। कभी एसी काम नहीं करता तो कभी खराबी की वजह से बोगियों को काटकर हटाना पड़ता है।
एलएचबी रैक से चलाना उपाय: गरीब रथ स्पेशल से बनती परेशानी को दूर करने का उपाय एलएचबी रैक से चलाना भी है। ऐसा इसलिए क्योंकि बंगाली बाजार रेलवे फाटक 31 स्पेशल पर स्वीकृति के बाद भी ओवरब्रिज नर्मिाण होने में किसी ना किसी वजह से देरी होती चली आ रही है।
फाटक शफ्टिगिं का काम भी जल्द होने वाला नहीं है। एलएचबी रैक से चलाने पर रेलवे फाटकों पर जाम लगने सहित अन्य समस्याएं इस रैक के कारण नहीं बनेगी।
दानापुर-सहरसा स्पेशल का 29 से सुपौल तक वस्तिार: सहरसा। दानापुर-सहरसा स्पेशल का 29 अप्रैल से सुपौल तक वस्तिार से संबंधित अधिसूचना पत्र रेलवे ने जारी कर दिया है।यह ट्रेन पिछले साल से दानापुर-सहरसा के बीच अप डाउन चल रही है। हालांकि, इस ट्रेन को सहरसा से पुणे तक एक नंबर से नियमित ट्रेन के रूप में चलाने की मांग भी होने लगी। लोगों की मांग को देखते पूर्व मध्य रेल ने रेलवे बोर्ड को पुणे-दानापुर सुपरफास्ट का वस्तिार सहरसा तक करने का रेलवे बोर्ड को भी प्रस्ताव भेजा। अब नई अधिसूचना मुताबिक यह ट्रेन वस्तिारित अवधि 31 जुलाई तक सुपौल तक चलेगी और वहीं से खुलेगी। दानापुर से दिन के 12.45 में पहुंचकर ट्रेन 12.55 में खुलेगी और गढ़ बरुआरी दोपहर 1.13 व सुपौल 1.45 बजे पहुंचेगी। सुपौल से दोपहर पौने तीन में खुलेगी और गढ़ बरुआरी 3.03 और सहरसा 3.35 बजे पहुंचेगी। सहरसा से शाम 3.45 बजे दानापुर के लिए खुलेगी।
आज चार घंटे लेट खुलेगी वैशाली एक्सप्रेस: सहरसा से नयी दल्लिी वैशाली एक्सप्रेस 27 अप्रैल को चार घंटे पुनर्नर्धिारित कर चलायी जाएगी। वहीं 30 अप्रैल को वाराणसी मंडल पर डेढ़ घंटे नियंत्रित कर चलायी जाएगी। सहरसा नयी दल्लिी वैशाली एक्सप्रेस 2 मई को बदले मार्ग छपरा, परिहार, वाराणसी, अयोध्या कैंट, बाराबांकी के रास्ते चलायी जाएगी। यह जानकारी समस्तीपुर मंडल के पीआरओ रंजीत कुमार ने दी है।
कोट: गरीब रथ स्पेशल में तेल भरने के दौरान रेलवे फाटक नहीं गिरे उसका समाधान निकाला जाएगा।-सरस्वती चन्द्र, सीपीआरओ पूर्व मध्य रेल
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