‘देशभर में बिहार के रसोइयों का सबसे कम मानदेय
समस्तीपुर में बिहार राज्य मिड डे मिल वर्कर्स यूनियन का दूसरा राज्य सम्मेलन हुआ। कार्यक्रम में रसोईयों को मिलने वाले मानदेय की तुलना की गई, जिसमें बिहार का मानदेय सबसे कम 1650 रुपए बताया गया। विभिन्न...

समस्तीपुर। बिहार राज्य मिड डे मिल वर्कर्स (रसोईया) यूनियन का दूसरा राज्य सम्मेलन रविवार को बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के परिसर में खुले अधिवेशन व आमसभा से शुरू हुआ। आमसभा की अध्यक्षता यूनियन के जिला अध्यक्ष राम प्रकाश यादव ने की। कार्यक्रम को सीटू की राष्ट्रीय सचिव एआर सिन्धु, मिड डे मील वर्कर्स यूनियन की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा राय चटर्जी, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सिमी ठाकुर, सीटू के राज्य महासचिव अनुपम कुमार, संगठन के राज्य अध्यक्ष विनोद कुमार व कार्यकारी राज्य अध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता, राज्य सचिव नीतू कुमारी ने संबोधित किया। सैकड़ों की संख्या में राज्य के विभिन्न जिलों से आए रसोईयों से सीटू की राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि देशभर में बिहार के रसोईयों को मिलने वाला मानदेय 1650 रुपए सबसे कम है।
जबकि केरल में 12000, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश एवं पंजाब में 3000, तमिलनाडु में 1008, हिमाचल प्रदेश में 2800 तथा झारखंड में 3000 रूपये मानदेय के रूप में मिलता है। उन्होंने कहा कि बिहार और केंद्र की सरकारों की जनविरोधी नीतियों के कारण ही रसोईयों को सौ रुपए भी प्रतिदिन मानदेय नहीं दिया जा रहा है। खुले सत्र की शुरुआत जनवादी सांस्कृतिक मोर्चा के रामप्रीत सहनी, रामप्रवेश चौरसिया, रौशन कुमार, परमानंद सिंह एवं सदानंद सिंह ने कई जनवादी गीत पेश करते हुए रसोइया प्रतिनिधियों का हौसला बढ़ाया। शाह ज़फ़र इमाम, मनोज प्रसाद सुनील, लक्ष्मीकांत झा, राजीव रंजन प्रसाद, महेंद्र पंडित, बिंदु कुमारी, रामाश्रय महतो, उपेन्द्र राय, सत्य नारायण सिंह, राम सागर पासवान, महेश कुमार, रघुनाथ राय, डॉ अरुण अभिषेक, कासिम सबा,भोला राय ,सुबोध कुमार, नील कमल, छोटू भारद्वाज, सुखदेव रा,मो अयूब एवं राम प्रवेश राय सहित दर्जनों की संख्या में स्वागत समिति के सदस्य उपस्थित थे।
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