बूढ़ी गंडक और बागमती नदी के कटाव से तटबंध पर खतरा
कल्याणपुर में बूढ़ी गंडक और बागमती नदी के कटाव से तटबंध के पास संकट बढ़ रहा है। पिछले पांच वर्षों में लगभग 50 एकड़ उपजाऊ जमीन नदी में समा चुकी है। जलस्तर बढ़ने पर तटबंध टूटने का खतरा है, जिससे स्थानीय...

कल्याणपुर। बूढ़ी गंडक एवं बागमती नदी की गोद में बसा हुआ कल्याणपुर जिले का सबसे बड़ा प्रखंड है। हर साल आने वाले बाढ़् के कारण क्षेत्र का भुगोल बदल रहा है। नदी के लगातार कटाव से तटबंध पर संकट मंडरा रहा है। करीब पांच साल में लोगों के 50 एकड़ उपजाऊ जमीन नदी की गोद में समा चुका है। तटबंध से करीब नदी की मुख्य धारा दो किलोमीटर दूर थी। जो अब धीरे धीरे तटबंध के पास आ गई है। मोरवाड़ा गांव के पूर्व जिला पार्षद मो. नूरुद्दीन, भाजपा मंडल अध्यक्ष अभिजीत शर्मा, कमलेश राय, विद्यानंद राय, पूर्व मुखिया रविशंकर सिंह आदि कई लोगों ने बताया कि बागमती नदी पूर्व में दरभंगा जिला की सीमा में थी परंतु कटाव के कारण नदी धीरे-धीरे खिसकते हुए कल्याणपुर के मोरवाड़ा, गोबर सीठा, बलुआहा तटबंध के समीप पहुंच गई है।
जलस्तर में बढ़ोतरी होने पर नदी का कटाव अगर होती है तो उत्क्रमित मध्य विद्यालय गोबर सीठा, एवं मोरवाड़ा आंगनवाड़ी केंद्र के अलावे ग्रामीण सड़क भी कटाव की चपेट में आ सकती है। वही मधुरापुर के सुरेंद्र प्रसाद सिंह, राजीव कुमार, मुखिरा राधा देवी एवं बालापुर के विपिन कुमार ठाकुर, राकेश कुमार ठाकुर, सहित कई लोगों ने बताया की प्रतिवर्ष बुढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होने पर नदी की धारा तटबंध की ओर खिसक जाती है। वर्ष 2004 में माधोपुर भुआल के समीप तटबंध टूटा था तो हजपुरवा, मधुरापुर, माली नगर, सैदपुर, जितवारिया, लदौरा और कल्याणपुर सहित वारिसनगर एवं खानपुर के लोगों को भी परेशानी हुई थी। वहीं कई मुख्य सडक क्षतिग्रस्त हो गई थी। वही बालापुर एवं अकबरपुर गांव में तटबंध के समीप नदी की धारा पहुंच गई है अगर के जलस्तर में बढ़ोतरी होती है और तटबंध पर पानी का दबाव बढ़ता है तो तटबंध को टूटने से कोई रोक नहीं सकता है। इस जगह तटबंध टूटने पर समस्तीपुर दरभंगा मुख्य सड़क सहित बालापुर, बिरसिंहपुर, गोपालपुर, खजूरी, वारिसनगर एवं खानपुर प्रखंड के लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ सकती है। हालांकि बरसात में तथा बाढ़ के दौरान नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होने पर विभाग के द्वारा प्लास्टिक के बैग में बालू डालकर कटाव वाली जगह पर रखकर कटाव रोकने का प्रयास किया जाता है परंतु बुढ़ी गंडक एवं बागमती नदी के कटाव की रोकथाम को लेकर अब तक कोई भी कारगर उपाय नहीं किया गया है। जिसके कारण नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होने पर तटबंध किनारे में रहने वाले लोग संभावित बाद की खतरा से सहमे हुए रहते हैं। वही सीओ शशि रंजन ने बताया की तटबंध का निरीक्षण के उपरांत आगे की कार्रवाई के लिए संबंधित विभाग को सूचित किया जाएगा। आपदा से बचाव को लेकर प्रशासनिक पहल जारी है। संभावित बाढ़ केे मद्देनजर जल्द ही बैठक होगी। इससे पूर्व बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल को सभी बांध का निरीक्षण कर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। इसके आधार पर बांध की सुरक्षा को लेकर व्यापक स्तर पर कदम उठाया जाएगा। संबंधित सभी एसडीओ अपने अपने क्षेत्र के बांध का निरीक्षण करने को कहा गया है। -रोशन कुशवाहा, डीएम
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