आजु धनवा कुटाबु चारु वरवा से,बड़ बनि ठनी आयला अवधवा से
पूसा में शारदा सावित्री अनिल संगीत कॉलेज में विवाह गीत कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रशिक्षक कृष्ण कुमार कन्हैया ने छात्राओं को मिथिला के विवाह गीत सिखाए। समस्तीपुर में गुरु अर्जन देव का शहीदी दिवस...

पूसा। शारदा सावित्री अनिल संगीत कॉलेज, वैनी (पूसा रोड) में जारी स्नेहलता सावित्री रंग मंच विवाह गीत कार्यशाला के चौथे दिन सोमवार को प्रशिक्षक मिथिला रत्न कृष्ण कुमार कन्हैया ने छात्राओं को स्नेहलताजी रचित ओठंगर गीत के रूप में आजु धनवा कुटावु चारु वरवा से, कमर खोलाई गीत धोती पहिरू हमर बात मानु पहुना आदि गीत गाकर सिखाया। उन्होंने कहा कि जब मिथिला में शादी करने के लिए पाहुन (दूल्हा)आते हैं तो धान कुटवाया जाता है। धान को समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। विवाह के दौरान धान कुटवाने का मतलब नवदम्पत्ति के जीवन में धन और खुशहाली की कामना करना होता है।
वही गीत को लय में बांधे रखने का काम तबला पर संगत कर रहे मनोरंजन झा कर रहे थे। मौके पर गुरु डॉ.सुनील कुमार सिंह ने कहा विलुप्त होते मिथिला के विवाह गीत को बचाने की दिशा में यह एक खास पहल है। मौके पर संगीत महाविद्यालय के सचिव अरुण कुमार सिंह, दिवाकर झा शास्त्री, तबला वादक प्रभात कुमार तुलसी, नंदकिशोर शर्मा आदि उपस्थित रहे। गुरु अर्जन देव का शहीदी दिवस 30 को समस्तीपुर। समस्तीपुर गुरुद्वारा साहिब में 40 दिवसीय सुखमणि साहिब जी का पाठ प्रतिदिन सिख स्त्री साद संगत के द्वारा किया जा रहा है। गुरु अर्जन देव की रचित वाणी सुखमणि साहिब का सामुहिक पाठ के श्रृंखला का समापन 30 मई को होगा। उसके बाद गुरु अर्जन देव जी का शहादत दिवस श्रद्धापूर्वक मनाया जाएगा। इस क्रम में मंगलवार को अखंड पाठ की शुरुआत हुई। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सरदार पपिंदर सिंह हरजीत सिंह ने कहा कि 30 मई को गुरुद्वारा साहिब में अखण्ड पाठ की समाप्ति के बाद विशेष दीवान सजाया जाएगा। जिसमें सुरजीत सिंह, हरदमन सिंह, परमजीत सिंह, तरविंदर सिंह, कमलजीत सिंह रॉकी के द्वारा शब्द कीर्तन किया जाएगा। गुरु के लंगर की अटूट सेवा होगी और गुरुद्वारा परिसर के बाहर छबील (मीठे जल) की भी सेवा होगी। उन्होंने कहा कि गुरु अर्जन देव जी की शहादत अतुलनीय है। मानवता के सच्चे सेवक धर्म के रक्षक शांत और गंभीर स्वभाव के स्वामी गुरु अर्जन देव सर्वमान्य लोकनायक थे। उन्होंने दिन रात जनता की सेवा में लगाए। उनके मन में सभी धर्म के प्रति अथाह सम्मान था, सिख धर्म में सबसे पहली सहादत गुरु अर्जन देव जी की हुई थी।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।