सस्ता लोन और प्रशिक्षण मिले तो कारोबार को मिलेगी रफ्तार
समस्तीपुर में मोबाइल रिपेयरिंग से जीवन यापन करने वाले पांच हजार लोग नई तकनीकों और असली पार्ट्स की कमी से जूझ रहे हैं। सर्विस सेंटर खुलने से ग्राहकों की संख्या में कमी आई है। दुकानदारों की मांग है कि...
समस्तीपुर। जिले में पांच हजार से अधिक लोग मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान से जीवन-यापन कर रहे हैं। इनकी परेशानी यह है कि हर पखवाड़े बाजार में नया मोबाइल आ जाता है और इसे ठीक करने का इनके पास कोई हुनर नहीं होता है। शहर में सभी कंपनियों के सर्विस सेंटर खुल गये हैं। इस कारण ग्राहक उनके पास आना नहीं चाहते। मोबाइल के असली पार्ट्स नहीं मिलने से भी दुकानदारों को दिक्कत होती है। आए दिन इसको लेकर ग्राहकों से विवाद हो जाता है। इनकी मांग है कि उन्हें प्रशिक्षण के साथ पूंजी मिले तो उनका व्यवसाय भी पटरी पर लौट सकता है। समस्तीपुर शहर के अलग-अलग मोहल्लों व गांवों के चौक-चौराहों पर मोबाइल रिपेयरिंग के हजारों मैकेनिक के रोजगार पर कई तरह के संकट मंडरा रहे हैं। प्रत्येक दिन नई-नई तकनीक से लैस मोबाइल लांच हो रहे हैं। सभी कंपनियों ने अपने सर्विस सेंटर स्थापित कर लिए हैं। वहां के मिस्त्री व इंजीनियरों को नई तकनीक का प्रशिक्षण मिल जाता है, लेकिन इन्हें नई तकनीक की जानकारी के लिए खुद पर ही भरोसा करना पड़ता है। सर्विस सेंटर खुलने से इनके ग्राहक कम हो गये हैं। इससे इनकी आय लगातार घटती जा रही है। पहले अच्छी कमाई हो जाती है तो अब परिवार का गुजर-बसर करना भी मुश्किल हो गया है। अपनी दुकान शुरू करने को बड़ी पूंजी की आवश्यकता होती है, जिसकी व्यवस्था करना बड़ी चुनौती है।
मोबाइल मैकेनिक बाबर सिद्दीकी, हिमांशु सिंह, अजित कुमार, अतुल कुमार, मुकुल कुमार आदि ने बताया कि सबसे बड़ी समस्या तो यह है कि मोबाइल के पार्ट्स बदलते समय उसकी कीमत को लेकर होती है। इसके लेकर अक्सर ग्राहकों से विवाद होता है। ग्राहकों का दुकानदारों पर भरोसा नहीं होता है। इसके पीछे मूल कारण यह है कि हमारे पास उपलब्ध पार्ट्स असली नहीं होते हैं। अगर उनके पास भी कंपनियां असली पार्ट्स उपलब्ध कराये तो ये समस्याएं खत्म हो जाएंगी और उनका रोजगार भी पटरी पर लौट जाएगा।
कीमत को लेकर संशय की स्थिति में ग्राहक कई बार दुकान पर आने के बाद भी लौट जाते हैं। दुकानदारों ने बताया कि मोबाइल में अगर सीसी बोर्ड चेंज करना है तो उसकी कीमत 150 होती है, लेकिन मजदूरी मिलकर कई बार हम 170 अथवा 200 की मांग करते हैं लेकिन ग्राहक उतने पैसे भी नहीं देना चाहते। अगर डिस्प्ले का फोल्डर बदलना हो तो ग्राहकों से 600 से लेकर ब्रांड के अनुरूप इससे उंची कीमत की मांग की जाती है लेकिन ग्राहक हर बार कीमत कम करने पर ही डटे रहते हैं। इसमें हमारा मेहनत भी लगता है। कई बार काम करते समय स्क्रीन डैमेज हो जाता है अथवा छोटे उपकरण नष्ट हो जाते हैं, ऐसी स्थिति में हमें अपनी जेब से भरपाई करनी पड़ती है।
इन दुकानदारों ने बताया कि समस्तीपुर के अलावे मुजफ्फरपुर, पटना, दिल्ली और कोलकाता से भी मोबाइल रिपेयर करने वाले पर्ट्स मंगवाए जाते हैं। समस्तीपुर में अब अधिकांश मोबाइल ब्रांडों का केयर शोरूम खुल गया है, जिसके कारण ग्राहक वारंटी पीरियड के अंदर अथवा वारंटी पीरियड खत्म हो जाने के बाद भी केयर सर्विस सेंटर पर जाना ही पसंद करते हैं। इससे हमारे दुकानदारी पर बहुत बुरा असर पड़ता है। दुकानदारों ने बताया कि ग्राहकों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है। पेस्टिंग फोल्डर के लिए हम लोग ग्राहकों को 3 माह की गारंटी देते हैं, फिर भी कई बार परेशानी हो ही जाती है।
गारंटी दी जाती है फिर भी सही मजदूरी देने में ग्राहकों को काफी परेशानी होती है। रिपेयर का काम करते समय अगर मोबाइल में किसी प्रकार की त्रुटि हो जाती है तो ग्राहक बिना हमारी मजबूरी समझे हमसे मारपीट करने पर भी उतारू हो जाते हैं। ऐसे में हमें हमेशा खतरनाक माहौल का भी सामना करना पड़ता है। इन कारीगरों ने यह भी बताया कि पूरे समस्तीपुर जिले भर में लगभग पांच हजार की संख्या में मोबाइल रिपेयर करने की दुकानें हैं।
बोले-जिम्मेदार
जिले में मोबाइल रिपेयर करने वाले सैकड़ों मिस्त्रियों को बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत ऋण अथवा अनुदान की राशि देने के लिए चयनित किया गया है। अंतिम सूची में भी कुछ के नाम हैं। इनको प्रशिक्षण देने के लिए सरकार की ओर से कोई योजना चलायी जाएगी तो इन्हें नके कौशल विकास के लिए शामिल किया जाएगा। उद्योग विभाग के पोर्टल पर भी जानकारी उपलब्ध है। इच्छुक कारीगर विभाग से संपर्क कर सकते हैं। -विवेक कुमार, जिला प्रबंधक, उद्योग विभाग, समस्तीपुर
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