नल-जल की टंकी तो लगी नहीं मिला कनेक्शन, पानी को भटक रहे लोग
समस्तीपुर के मोरदीवा मोहल्ले के लोग स्वच्छ पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। सात निश्चय योजना के तहत हर घर तक पानी पहुँचाने का वादा किया गया था, लेकिन लोग अब भी बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज हैं। महिलाएं...
समस्तीपुर। समस्तीपुर के मोरदीवा मोहल्ले के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। यहां लोग स्वच्छ पेयजल की समस्या से भी जूझ रहे हैं। सात निश्चय योजना के अंतर्गत हर घर नल का जल पहुंचाने का वादा भले ही किया गया हो, लेकिन हकीकत यह है कि अब भी मोहल्ले के लोग बूंद-बूंद पानी को मोहताज हैं। जलमीनार बनायी गयी लेकिन आज तक लोगों को एक बूंद पानी नसीब नहीं हो सका। अब इसकी उपयोगिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। आज भी यहां के अधिकतर लोग पानी के लिए तालाब, कूप और सबमर्सिबल पंप वाले घरों पर निर्भर हैं। स्थिति यह है कि गर्मी के इस भीषण दौर में लोगों को पेयजल के लिए भी मशक्कत करनी पड़ रही है।
महिलाओं और बच्चों को कई किलोमीटर दूर जाकर पानी लाना पड़ रहा है। सरकारी योजना का लाभ उन्हें अब तक नहीं मिल पाया है, जिससे नाराजगी और असंतोष साफ झलकता है। इस समस्या को लेकर कई बार लोगों ने आवाज उठाई लेकिन अब तक समस्या का निदान नहीं हो सका। लोगों ने कहा कि जब सरकार की योजनाएं सिर्फ फाइलों और कागजों तक ही सीमित रह जाएं, तो आम जनता कहां जाए। स्थानीय बैकुंठ यादव, दिलीप बैठा आदि बताते हैं कि पानी जैसी बुनियादी सुविधा के लिए वर्षों से इंतजार करना अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। बैंकुठ यादव, दिलीप दास बताते हैं कि यहां पाइपलाइन बिछाई ही नहीं गई, जिससे जलमीनार से जलापूर्ति संभव हो सके। पानी की समुचित व्यवस्था को लेकर लगे चापाकल की भी सही से मरम्मत नहीं की गई, न ही कोई वैकल्पिक जलस्रोत स्थापित किया गया। चापाकल मरम्मत पर भी कोई ध्यान नहीं दिया गया। पुराने चापाकल खराब हैं और तालाब का पानी दूषित हो चुका है। इसके बावजूद ज्यादातर लोग उसी गंदे पानी से नहाना, कपड़ा धोने का काम करते हैं। इस जल संकट से गरीब और वंचित तबका बुरी तरह प्रभावित है। रोजाना पानी की तलाश में लोग समय और पैसा दोनों गंवा रहे हैं। महिलाएं दूर-दूर तक पानी लाने जाती हैं और कई बच्चों की पढ़ाई भी इससे प्रभावित हो रही है। गर्मियों में यह स्थिति और भी भयावह हो जाती है। सड़क निर्माण की योजना भी लंबित : स्थानीय संतोष कुमार बताते हैं कि विभागीय अनदेखी के कारण जल संकट का निदान नहीं हो रहा है। सड़क निर्माण की योजना क्षेत्र में वर्षों पूर्व पारित हुई, वह आजतक शुरू ही नहीं हो सकीं। इसी तरह जलमीनार निर्माण के बाद पाइपलाइन का काम अधूरा छोड़ दिया गया। पुराने चापाकलों की मरम्मत की जिम्मेदारी किसी को नहीं दी गयी। यह सब तब हो रहा है जब जिला प्रशासन की ओर से आयोजित होने वाली सभी विभागों की समन्वय समिति की बैठक में डीएम ने सभी अधिकारियों को हर इलाके में पानी की व्यवस्था दुरुस्त करने की हिदायत दे रखी है। स्थानीय विजय दास कहते हैं मोहल्ले में सरकारी योजनाओं का लाभ सही से नहीं दिया जाता है। वार्ड में गरीब लोग जैसे-तैसे रहते आ रहे है। कैंप लगाया जाता है तो इसकी भी जानकारी सही से नहीं रहती है। जहां लोग जाकर अपनी बात रख सकें। वहीं लालू यादव कहते हैं कि क्षेत्र में नाला बनने से परेशानियां दूर हो सकती हैं। नाला निर्माण नहीं होने से होती है बरसात के दिनों में फजीहत शांति देवी ने कहा कि क्षेत्र में नाला का निर्माण नहीं होने से भारी फजीहत होती है। खासकर बरसात के दिनों में तो यह स्थिति और भी विकराल हो जाती है। सड़क पर पैदल चलना खतरे से खाली नहीं रहता है। सड़क का जलजमाव हेलना फजीहत वाला काम हो जाता है। मनोज कुमार ने कहा कि क्षेत्र में नाला बनने से परेशानियां दूर हो सकती हैं। सड़क पर पानी नहीं लगने से लोगों को आवागमन में जहां सुविधा होगी। वहीं कई तरह की बीमारियों से लोगों को निजात मिलेगी।
बोले जिम्मेदार
मोरदीवा में पानी की समस्या के निदान हो लेकर अविलंब पहल की जाएगी। लोगों को शुद्ध जल उपलब्ध हो इसको लेकर नल-जल योजना क्रियान्वित है। यहां किस कारण से योजनाएं सही से संचालित नहीं है, इस संबंध में अधिकारियों से भी बात की जाएगी। वहीं उन समस्याओं का निदान कर लोगों की परेशानियां दूर की जाएगी। संबंधित विभाग के पदाधिकारियों से बात कर समस्या का निराकरण कराया जाएगा। -डॉ. तरुण कुमार चौधरी, एमएलसी
मोरदीवा में अगर नल जल की समस्या है तो इसके लिए पूर्ण रूपेण संबंधित विभागीय पदाधिकारी जिम्मेवार हैं। इस संबंध में पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता से बात कर जल्द से जल्द समस्या का निराकरण करने का निर्देश दिलाया जाएगा। हर हाल में लोगों को पानी की कतई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। इसको लेकर विभागीय पदाधिकारी के साथ बैठक भी की जाएगी।
-अख्तरूल इस्लाम शाहीन, विधायक
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