Sand mining will be banned in Bihar for these many days Government said there will be no shortage of sand बिहार में इतने दिन बैन रहेगा बालू खनन; सरकार बोली- रेत की कमी नहीं होगी, Bihar Hindi News - Hindustan
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बिहार में इतने दिन बैन रहेगा बालू खनन; सरकार बोली- रेत की कमी नहीं होगी

राज्य की सभी नदियों के घाटों से बालू खनन पर नीतीश सरकार ने 15 जून से 30 सितंबर तक पाबंदी लगा दी है। इस अवधि में बंदोबस्तधारी भी नदियों से बालू का खनन नहीं कर सकेंगे। जानकारी के मुताबिक बिहार में बालू की सालाना खपत 50 करोड़ सीएफटी की है। लेकिन, अवैध खनन के कारण वास्तविक निकासी कम हो जाती है।

sandeep हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाSat, 14 June 2025 09:03 PM
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बिहार में इतने दिन बैन रहेगा बालू खनन; सरकार बोली- रेत की कमी नहीं होगी

बिहार के सभी नदी घाटों से बालू उठाव पर रविवार से पाबंदी लग जायेगी। यह पाबंदी 15 जून से प्रारंभ होकर 30 सितंबर 2025 तक लागू रहेगी। इस अवधि में बंदोबस्तधारी भी नदियों से बालू का खनन नहीं कर सकेंगे। हालांकि खान एवं भूतत्व विभाग ने दावा किया है कि इस दौरान सूबे में बालू की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी। करीब साढ़े तीन महीने की इस अवधि के दौरान बालू की मांग को पूरा करने के लिए नदी घाटों के आस-पास 30 लाख क्यूबिक फीट (सीएफटी) से अधिक बालू का भंडारण किया गया है। इसके साथ ही अन्य स्टॉकिस्टों को भी बालू भंडारण का लाइसेंस दिया गया है। जब्त बालू भी बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। इसके बारे में सभी डीएम को पत्र लिख कर जानकारी दे दी गयी है।

विभागीय सूत्रों के मुताबिक मानसून के दौरान निजी क्षेत्र में बालू की खपत घट जाती है। निर्माण कार्य से जुड़े लोगों के खेती में लगने की वजह से बालू की मांग कम होती है। हालांकि सरकारी क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्यों को देखते हुए बालू की कमी नहीं होने दी जायेगी। मांग के अनुसार विभागों को पर्याप्त बालू उपलब्ध कराया जायेगा। एक अनुमान के मुताबिक राज्य में बालू की सालाना खपत 50 करोड़ सीएफटी की है। लेकिन, अवैध खनन के कारण वास्तविक निकासी कम हो जाती है।

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पाबंदी के दौरान राज्य के बाहर बालू भेजने पर रोक रहेगी। उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे कैमूर और झारखंड की सीमा से सटे नवादा, गया आदि जिलों से दूसरे राज्य में भी बालू की आपूर्ति होती है। चूंकि पाबंदी के दौरान बालू की उपलब्धता सीमित रहेगी, इसलिए दूसरे राज्यों के लिए ई-चालान निर्गत नहीं किया जायेगा। विभाग का आपदा प्रबंधन समूह इस पर नजर रखेगा। मालूम हो कि राज्य में पीला बालू के 457 घाट हैं, जिनमें से 161 चालू हैं। 37 घाट सरेंडर किए जाने की वजह से उनके दोबारा बंदोबस्ती की प्रक्रिया चल रही है।

मानसून अवधि में पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर बालू खनन पर रोक लगाई जाती है। नदियों में रहने वाले जीवों की संख्या बढ़ाने और उनको नुकसान से बचाने के लिए ऐसा किया जाता है। एनजीटी के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी संबंधित जिले के डीएम व एसपी को सौंपी गयी है।

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इस मामले पर खान एवं भूतत्व विभाग के सचिव दिवेश सेहरा ने बताया कि मानसून अवधि में सिर्फ खनन पर रोक है, बालू के परिवहन पर नहीं। घाटों के सेकेंड्री लोडिंग प्वाइंट पर पर्याप्त बालू का भंडारण कर रखा गया है। इसके अलावा जब्त बालू और लाइसेंस स्टॉकधारी के पास भी बालू उपलब्ध रहेगा। उपलब्धता में कोई कमी नहीं होगी।