बिहार में एक कॉल पर जमीन सर्वे से जुड़ी हर समस्या का समाधान, सेव कर लीजिए ये टोल फ्री नंबर
बिहार में भूमि सर्वे और जमीन से जुड़ी हर समस्या का समाधान अब एक टोल फ्री नंबर पर मिलेगा। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने हेल्पलाइन सेंटर की शुरुआत की है। टोल फ्री नंबर 18003456215 के जरिए अब नागरिकों को भूमि संबंधी दस्तावेज, विभागीय योजनाओं, शिकायत और समाधान से जुड़ी सेवाएं एक ही नंबर पर मिलेंगी।

जमीन से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने बड़ी पहल करते हुए राज्य के पहले हेल्पलाइन सेंटर की शुरुआत की है। इस टोल-फ्री कॉल सेंटर में नंबर 18003456215 के माध्यम से अब राज्य के नागरिकों को भूमि संबंधी दस्तावेज, विभागीय योजनाओं, शिकायत और समाधान से जुड़ी सेवाएं एक ही नंबर पर उपलब्ध होंगी।
हेल्पलाइन सेंटर का उद्घाटन रविवार को पटना के दानापुर स्थित सीएससी कार्यालय में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने किया। राजस्व मंत्री ने कहा कि यह सेंटर 3 जून से आम लोगों के लिए शुरू हो जाएगा और सोमवार से शनिवार तक सुबह साढ़े 9 बजे से शाम 6 बजे तक सेवा देगा।
इस कॉल सेंटर की स्थापना का उद्देश्य ग्रामीण और दूरदराज के नागरिकों तक राजस्व व भूमि संबंधी जानकारी पहुंचाना और उनकी शिकायतों का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करना है। अब लोगों को दफ्तरों का चक्कर लगाना नहीं पड़ेगा।
उन्होंने बिहार सरकार के डिजिटल मिशन को जमीनी स्तर पर सफल बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम बताया। विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि राजस्व व भूमि सुधार जैसे विषय आम लोगों के लिए जटिल होते हैं, लेकिन प्रशिक्षित कॉल एजेंट की मदद से यह हेल्पलाइन आम नागरिकों के लिए सहज बनाएगा। बहुत दिनों से इस कॉलसेंटर की जरूरत महसूस हो रही थी।
विभाग के सचिव जय सिंह ने इसे सरकार और जनता के बीच मजबूत संवाद का माध्यम बताते हुए कहा कि जब तक योजनाओं की जानकारी अंतिम व्यक्ति तक नहीं पहुंचेगी, वे प्रभावी नहीं बनेंगी। सीएससी की मदद से हम सेवा को और अधिक पारदर्शी, सुलभ और उत्तरदायी बना पाएंगे।
सीएससी बिहार के स्टेट हेड संतोष तिवारी ने कहा कि सीएससी नेटवर्क की पहुंच हर पंचायत तक है और यह हेल्पलाइन एक सूचना केंद्र से कहीं अधिक नागरिक अधिकारों और डिजिटल जागरूकता का मंच बनेगा। इस अवसर पर विभाग के विशेष सचिव अरुण कुमार सिंह, संयुक्त सचिव अनिल कुमार पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।