‘देश विरोधी गतिविधियों पर रखें कड़ी नजर
सीतामढ़ी में नेपाल सीमा के निकट संदिग्ध उड़न यंत्रों की गतिविधियों ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। स्थानीय ग्रामीणों ने इन यंत्रों को ड्रोन समझा, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। इस पर...
सीतामढ़ी, हिन्दुस्तान संवाददाता। नेपाल सीमा से सटे भारतीय क्षेत्रों में बढ़ रही गतिविधियों को लेकर सुरक्षा एजेंसियों की चिंता गहराती जा रही है। नेपाल सीमा सटा भिट्ठामोड़ समेत विभिन्न इलाकों में हाल के दिनों में आसमान में उड़ते डेढ़ दर्जन से अधिक संदिग्ध उड़न यंत्रों के देखे जाने की घटनाओं ने न केवल स्थानीय लोगों के बीच डर और कौतुहल बढ़ा दिया है, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों को भी हाई अलर्ट पर ला दिया है। ग्रामीणों द्वारा इन उड़न यंत्रों को ड्रोन के रूप में पहचानने के बाद, सीमावर्ती इलाकों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस घटनाक्रम के मद्देनजर बुधवार को जिला मुख्यालय डुमरा के पकटोला स्थित एसएसबी 20वीं बटालियन के मुख्यालय में लीड इंटेलिजेंस एजेंसी (एलआईए) की बैठक आयोजित की गई।
अध्यक्षता एसएसबी के डीआईजी सरोज कुमार ठाकुर ने की। बैठक में सीतामढ़ी डीएम रिची पांडे, 20वीं बटालियन के कमांडेंट गिरीश चंद्र पांडेय, 51वीं बटालियन के कमांडेंट संजीव कुमार, 48वीं एवं 71वी बटालियन के कमांडेंट, इंटेलिजेंस के अधिकारी, मुख्यालय डीएसपी, शिवहर डीएसपी एवं पूर्वी चंपारण के डीएसपी सहित कई आला अधिकारी शामिल हुए। बैठक में डीआईजी ने इंडों-नेपाल सीमा पर सीमा पर चौकसी और गश्त को और मजबूत करने, ड्रोन जैसे संदिग्ध उपकरणों पर विशेष निगरानी, स्थानीय ग्रामीणों से सूचना संकलन और सामुदायिक सहभागिता, अवैध गतिविधियों जैसे नशीले पदार्थ, हथियार तस्करी और घुसपैठ पर रोकथाम के लिए विशेष सतर्कता रखने का निर्देश दिया। उन्होंने एसएसबी, स्थानीय पुलिस एवं अन्य एजेंसियों से ताल मेल रख कर काम करने की सलाह दी। ताकि इंडो-नेपाल सीमा सुरक्षित रहे। उन्होंने बॉर्डर पर गतिविधि बढ़ाने एवं जवानों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया। बैठक में ड्रोन की गतिविधि पर विस्तृत रुप चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि आकाश में उड़ता हुआ ड्रोन नहीं, बल्कि सैटेलाइट था। डीआईजी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पुलिस, एसएसबी सहित अन्य एजेंसियों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की।
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