New TB Treatment Center to Enhance Healthcare Infrastructure in Siwan सदर अस्पताल परिसर में जल्द ही क्षेत्रीय यक्ष्मा केंद्र का होगा निर्माण, Siwan Hindi News - Hindustan
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सदर अस्पताल परिसर में जल्द ही क्षेत्रीय यक्ष्मा केंद्र का होगा निर्माण

सीवान में स्वास्थ्य विभाग बेहतर चिकित्सा सेवा व आधारभूत संरचना को स्थापित करने के लिए प्रयासरत है। जिले में क्षेत्रीय यक्ष्मा केंद्र का निर्माण जल्द शुरू होगा। यक्ष्मा मरीजों के लिए 30 बेड वाला विभाग,...

Newswrap हिन्दुस्तान, सीवानFri, 11 April 2025 04:05 PM
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सदर अस्पताल परिसर में जल्द ही क्षेत्रीय यक्ष्मा केंद्र का होगा निर्माण

सीवान, निज प्रतिनिधि। स्वास्थ्य विभाग बेहतर चिकित्सा सेवा व आधारभूत संरचना को स्थापित करने के लिए कृत संकल्पित है। इसको लेकर जल्द ही जिले में क्षेत्रीय यक्ष्मा केंद्र को भवन मिलने वाला है। इसकी तैयारी जोरों से चल रही है। टीबी मुक्त अभियान के अंतर्गत पहचान, निदान व इसका उचित प्रबंधन का होना आवश्यक होता है। क्योंकि यक्ष्मा बीमारी एक प्रकार से संक्रामक रोग है, सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपचार से संबंधित प्रबंधन का होना बेहद जरूरी है। अस्पताल में 30 बेड वाला यक्ष्मा विभाग स्थापित करने की प्रक्रिया तेजी से की जा रही है, इसमें कुछ मूलभूत और विशेष सुविधाएं भी उपलब्ध करायी जाएंगी ताकि मरीजों को बेहतर देखभाल मिल सके और संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण हो सके। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक सह यक्ष्मा विभाग के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. बाल कृष्ण मिश्र के द्वारा परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक, बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड को विभागीय मंत्री के द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है। बताया गया कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय के द्वारा सदर अस्पताल परिसर में पीकू वार्ड के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान यक्ष्मा विभाग की समीक्षा के दौरान यक्ष्मा के मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही गयी थी। सभी सुविधाएं एक छत के नीचे मिलेंगी जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. अशोक कुमार का कहना है कि सभी सुविधाएं 30 बेड वाले यक्ष्मा विभाग को प्रभावी बनाएगी। टीबी मुक्त अभियान को एक छत के नीचे सभी तरह की मूलभूत सुविधाएं इस कड़ी को मजबूत करती हैं। हालांकि यक्ष्मा विभाग में सामान्य टीबी मरीजों के लिए, मल्टी-ड्रग रेसिस्टेंट मरीजों के लिए और गंभीर स्थिति वाले रोगियों के लिए हाई डिपेंडेंसी यूनिट की अलग-अलग व्यवस्था होनी चाहिए। हर बेड के पास ऑक्सीजन सप्लाई की सुविधा, बायोमेडिकल वेस्ट डिस्पोजल सिस्टम और पर्याप्त रूप वेंटिलेशन होना चाहिए। इसके अलावा डिजिटल एक्स-रे मशीन, सीबी-नैट और ट्रूनैट जैसी अत्याधुनिक जांच सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए। इससे मरीजों की जल्द और सटीक पहचान करने में कोई दिक्कत या परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। टीबी मरीजों के लिए पोषण भी उपचार का अहम हिस्सा वहीं, प्रयोगशाला में बलगम जांच, खून की जांच और अन्य आवश्यक परीक्षण की सुविधा भी होनी चाहिए। लेकिन सबसे अहम बात यह है कि टीबी मरीजों के लिए पोषण भी उपचार का अहम हिस्सा होता है, इसलिए पोषणयुक्त आहार की व्यवस्था, डाइटिशियन की सलाह और काउंसलिंग की सुविधा अनिवार्य रूप से होना चाहिए। मरीजों और उनके परिजनों को यक्ष्मा से संबंधित रोग के बारे में जानकारी देने के लिए स्वास्थ्य शिक्षा और उचित परामर्श काउंटर होना चाहिए। इसके अलावा विभाग में प्रशिक्षित चिकित्सक, नर्स, फार्मासिस्ट और लैब टेक्नीशियन की पर्याप्त संख्या होनी चाहिए। साथ ही मरीजों की गोपनीयता बनाए रखने और उन्हें सामाजिक भेदभाव से बचाने के लिए संवेदनशील वातावरण का निर्माण आवश्यक है।

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