मैरवा प्रखंड में आरटीपीएस पर प्रमाण पत्र के लिए चक्कर लगा रहे लोग
मैरवा में आरटीपीएस कांउटर पर प्रमाण पत्रों के लिए लोग परेशान हैं। अप्रैल में 6131 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 3062 प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। निवास प्रमाण पत्र के लिए सबसे अधिक 2207 आवेदन मिले हैं।...

मैरवा, एक संवाददाता। प्रखंड में आरटीपीएस कांउटर पर प्रमाण पत्र लेने को लेकर लोग चक्कर काट रहे है। ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत भवन पर भी आरटीपीएस केन्द्र शुरू हो गया है। अप्रैल माह में एक से 28 अप्रैल तक कुल 6131 आवेदन मिला है। जिसमें 3062 आवेदको का प्रमाण पत्र निर्गत हो चुका है। 241 प्रमाण पत्र के आवेदन खारिज हो चुके है।अभी तक टाइमलाईन के तहत 2828 प्रमाण पत्र अब तक निर्गत किया जाना बाकी भी है। ऐसे प्रमाण पत्र के लिए आवेदक प्रखंड कार्यालय का चक्कर काट रहे है।अप्रैल माह में सबसे ज्यादा निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया गया है।निवास प्रमाण पत्र के लिए 2207 आवेदन मिला है।जिसमें 1093 प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है। 1008 आवेदन अब तक निर्गत नहीं हो पाया है। टाईमलाइन के तहत होने से आवेदक अपनी अवधि के अंदर प्रमाण पत्र लेने के लिए कार्यालय में आ रहे है। जाति प्रमाण पत्र के लिए 1714 आवेदन लोगों ने किया है। ईडब्लूएस के लिए 78 आवेदन भी मिला है। प्रमाण पत्र देने को लेकर कुछ मामले में समय अवधि के बहुत पहले तो कुछ के समय अवधि के अंतिम समय पर प्रमाण पत्र देने की शिकायत लोग कर रहे है। मुख्यालय के साथ पंचायत में भी आरटीपीएस केन्द्र सांचालित हो रहे है। ग्राम पंचायत कार्यालय में आरटीपीएस सेवा कार्यपालक सहायकों के द्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रही है। प्राप्त आवेदन के त्वरित निष्पादन के लिए सीओ और बीडीओ द्वारा लगातार समीक्षा किया जा रहा है।ग्राम पंचायत के कार्यालय में आरटीपीस सेवा मिलने से ग्रामीणों को साइबर कैफे, सीएससी तथा बिचौलियों का सहारा नहीं लेना पड़ रहा है। जिससे उनको आय,जाति, निवास, ईडब्लूएस वृद्धा पेंशन,श्रम कार्ड तथा अन्य कई प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कोई शुल्क नहीं लगता है। साथ ही उनके गांव में ही सभी सुविधाएं आरटीपीएस के माध्यम से पंचायत कार्यपालक सहायकों द्वारा उपलब्ध कराने से मुख्यालय में आने के लिए समय की बचत हो रही है।हालाकिं कई आरटीपीएस काउंटर पर कुछ मूलभूत सुविधाओं की कमी भी है।जिससे कार्य संपादित करने में परेशानी हो रही है। कार्यपालक सहायक और पंचायत के जनप्रतिनिधि लगातार इन समस्याओ को उठाते रहे है। पंचायत स्तर पर सुविधा को बेहतर करने से आम लोगों की परेशानी कम हो सकती है।
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