Severe Drainage Issues Lead to Persistent Waterlogging in Siwan ड्रेनेज सिस्टम नहीं होने से जलजमाव की समस्या अब स्थायी, Siwan Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsSiwan NewsSevere Drainage Issues Lead to Persistent Waterlogging in Siwan

ड्रेनेज सिस्टम नहीं होने से जलजमाव की समस्या अब स्थायी

सीवान शहर में पुराने और नए दोनों ही ड्रेनेज सिस्टम की कमी के कारण जलजमाव की समस्या बढ़ती जा रही है। नगर परिषद क्षेत्र में कोई भी प्रभावी जल निकासी व्यवस्था नहीं है, जिससे बरसात में स्थिति और गंभीर हो...

Newswrap हिन्दुस्तान, सीवानSun, 8 June 2025 02:35 PM
share Share
Follow Us on
 ड्रेनेज सिस्टम नहीं होने से जलजमाव की समस्या अब स्थायी

सीवान, हिन्दुस्तान संवाददाता। शहर में पुराने क्या नए ही ड्रेनेज सिस्टम नहीं है। लिहाजा ड्रेनेज सिस्टम नहीं होने से जलजमाव की समस्या अब स्थायी समस्या बनती जा रही है। इसकी वजह से शहर की एक बड़ी आबादी जलजमाव से प्रभावित हो रही है। चिंता करने वाली बात यह है कि नगर परिषद क्षेत्र में कहीं भी कोई नया-पुराना ड्रेनेज सिस्टम नहीं है, वहीं, अन्य पुराने नाले गर्त में पहुंच चुके हैं। शहर के जो भी पुराने मुख्य नाला हैं, वह कई जगहों पर अतिक्रमण के कारण न सिर्फ सिकुड़ गए हैं, बल्कि कई जगहों पर विलुप्त होने की स्थिति में पहुंच चुके हैं।

जानकार बताते हैं कि नगर परिषद का क्षेत्रफल बढ़ा, वार्डों की संख्या बढ़ी, आबादी भी बढ़ी, लेकिन अगर कुछ नहीं बढ़ी तो वह है, क्षेत्र बढ़ने के बाद भी सुविधाएं बिल्कुल ही नहीं बढ़ सकीं। नगर परिषद की ओर से हर साल उड़ाही की जाती है, लेकिन जलजमाव को दूर करने के लिए गंभीरता से जलनिकासी का प्रबंध नहीं किया। कुछ जगहों पर आंशिक जलजमाव तो कुछ जगहों पर जनता कर रही त्राहिमाम तकनीकी कारण व राशि नहीं होने का हवाला देकर वर्षों से शहर में ड्रेनेज सिस्टम पर काम करने की आवश्यकता महसूस की गई न सीवर पर ही। यही कारण है कि बरसात में कई जगहों पर जलजमाव की समस्या गंभीर हो जाती है। कुछ जगहों पर आंशिक जलजमाव तो कुछ जगहों पर भारी जलजमाव से जनता त्राहिमाम-त्राहिमाम करती है। शहर में बने पुराने नाले से भारी बारिश होने पर गंदा पानी नहीं निकल पाते, कारण कि जर्जर हो चुके पुराने नालों की वर्षों से सही से सफाई नहीं की गई। गाद व काई के साथ जजर्र हाल में पुराने मुख्य नालों में कूड़ा-कचरा भरे रहने से इनकी सार्थकता दिन ब दिन नए नालों के आगे खत्म होती जा रही है। शहर का लाल कोठी से दाहा नदी तक जाने वाला मुख्य नाला हो या फिर पी देवी मोड़ से दाहा नदी तक या फिर अन्य मुख्य नाला। सबका एक ही हाल है। वहीं, शहर के अन्य सभी छोटे नाले में कई जर्जर हाल में हैं। कूड़े-कचरे की भरमार से जाम होने से उपयोगी साबित नहीं हो रहे हैं। शहर के सभी प्रमुख मुख्य नाला जगह-जगह अतिक्रमण का शिकार शहर का सबसे पुराना लालकोठी, शहीद सराय, तुरहा टोली-जयप्रकाश नगर मुख्य नाला जगह-जगह पर अतिक्रमण का शिकार हो गया है। मुख्य नाला हो या फिर छोटी-बड़ी नालियां, इनसे पानी की निकासी के लिए कच्चे नाले का उपयोग आज भी कई मोहल्ले में हो रहा है। शहर के चूड़ा मंडी मेहिया कुम्हार टोली, पुराना किला अंसारी मोहल्ला, नई बस्ती-महादेवा ऐसे कुछ पुराने मोहल्ले हैं, जहां के लोग जलजमाव की स्थायी समस्या झेल रहे हैं। बरसात से इतर भी इन मोहल्ले में घरों का पानी गलियों पर या सड़कों पर ही जमा रह रहा है। इस कारण आमजनों को न सिर्फ आवाजाही का संकट झेलना पड़ रहा है बल्कि प्रदूषण की फजीहत भी उठानी पड़ रही है। इस प्रकार, जल निकासी की स्थायी व्यवस्था नहीं रहने के कारण जलजमाव की समस्या विकराल होती जा रही है। बताया जा रहा कि इन मोहल्ले में आज भी सड़क व नाला की ऊंचाई एक समान है। पुराना किला अंसारी मोहल्ला में तो पीसीसी सड़क व पक्का नाला बनने के बाद भी पानी की निकासी नहीं हो रही, कारण कि नाला तो बन गया लेकिन नाला जाम होने के कारण पानी ओवरफ्लो कर मुख्य सड़कों पर बह रहा है। लोग बताते हैं कि पुराने मोहल्लों में जलजमाव एक आम समस्या बन कर रह गयी है। कई स्थानों पर स्थिति यह दिख रही कि सड़कें ऊंची हो गयी और नाले नीचे रह गए। लोगों का कहना है कि आबादी कम थी तो काम चल जाता था, लेकिन अब आबादी बढ़ रही तो व्यवस्था में भी बदलाव बहुत जरूरी है। बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए शहर में ड्रेनेज सिस्टम व सीवर का प्रबंध करना अत्यंत ही आवश्यक हो गया है, लेकिन इस दिशा में सार्थक पहल न तो नगर परिषद कर रहा न सांसद या विधायक ही।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।