बिहार: डॉक्टरों ने 12 घंटे तक अस्पतालों में कामकाज किया ठप
सूबे के सभी निजी एवं सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों ने सुबह आठ बजे से लगातार 12 घंटे तक सामान्य कामकाज व आउटडोर मरीजों के इलाज का काम बाधित किया और इससे दूर रहें। सिर्फ इमरजेंसी में तैनात मरीजों की ही...

सूबे के सभी निजी एवं सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों ने सुबह आठ बजे से लगातार 12 घंटे तक सामान्य कामकाज व आउटडोर मरीजों के इलाज का काम बाधित किया और इससे दूर रहें। सिर्फ इमरजेंसी में तैनात मरीजों की ही देखभाल एवं इलाज किया। सूबे के डॉक्टरों ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए), बिहार शाखा और बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ (भासा) के संयुक्त आहृवान पर आयोजित एकदिवसीय हड़ताल में शामिल हुए और नालंदा में तैनात डॉ. प्रियरंजन प्रियदर्शी की जघन्य हत्या को लेकर विरोध जताया।
अपराधियों की गिरफ्तारी व पांच करोड़ मुआवजा की मांग
डॉक्टरों ने डॉ. प्रियरंजन प्रियदर्शी हत्याकांड के आरोपी अपराधियों की गिरफ्तारी व पांच करोड़ रुपये मुआवजा, स्वास्थ्य संस्थानों में नोडल पदाधिकारियों की नियुक्ति तथा सशस्त्र सुरक्षा बल का राज्य स्तर पर गठन करने, वर्तमान सुरक्षा कानून, 2011 में संशोधन की मांग की। डॉक्टरों के हड़ताल से राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल एवं 38 में 37 जिलों के स्वास्थ्य संस्थान प्रभावित हुए। सिर्फ मधेपुरा स्थित मेडिकल कॉलेज में मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा उदघाटन कार्यक्रम को देखते हुए वहां काला बिल्ला लगाकर कार्य करने तक आंदोलन सीमित रहा।
होली के बाद आंदोलन की रूपरेखा तय होगी
आईएमए से प्राप्त जानकारी के अनुसार होली के मद्देनजर आंदोलन को फिलहाल स्थगित रखा गया है। होली के बाद डॉक्टरों के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक् आइएमए भवन, पटना में आयोजित की जाएगी। इस बैठक् में आगे के संघर्ष की रूपरेखा तय की जाएगी। इस बीच मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य एवं पुलिस महानिदेशक से डॉक्टरों का एक प्रतिनिधिमंडल मिलकर उन्हें समस्याओं की जानकारी देगा। डॉक्टरों के प्रमुख संगठनों के पदाधिकारियों ने शनिवार को संयुक्त बयान जारी कर कहा कि राज्य के डॉक्टरों के सुरक्षा के इंतजाम नहीं हुए तो जल्द ही सभी संगठन मिलकर संयुक्त रुप से आंदोलन करने को बाध्य होंगे।