padmashree phanishwar nath renu literary heritage and manuscripts stealing in patna बेखौफ चोर: पद्मश्री फणीश्वरनाथ रेणुजी की अमूल्य कृतियां चोरी, फ्रिज, टीवी समेत अन्य कीमती सामान को छुआ तक नहीं, Bihar Hindi News - Hindustan
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बेखौफ चोर: पद्मश्री फणीश्वरनाथ रेणुजी की अमूल्य कृतियां चोरी, फ्रिज, टीवी समेत अन्य कीमती सामान को छुआ तक नहीं

बेखौफ चोरों ने साहित्य के मंदिर को भी नहीं बख्शा। मंगलवार की रात कदमकुआं थाना क्षेत्र के राजेंद्रनगर रोड नंबर 16 स्थित ब्लॉक 2 में प्रसिद्ध साहित्यकार पद्मश्री फणीश्वरनाथ रेणु के बंद फ्लैट 30 बी का...

Malay Ojha पटना, हिन्दुस्तान टीम, Wed, 30 Sep 2020 07:31 PM
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बेखौफ चोर: पद्मश्री फणीश्वरनाथ रेणुजी की अमूल्य कृतियां चोरी, फ्रिज, टीवी समेत अन्य कीमती सामान को छुआ तक नहीं

बेखौफ चोरों ने साहित्य के मंदिर को भी नहीं बख्शा। मंगलवार की रात कदमकुआं थाना क्षेत्र के राजेंद्रनगर रोड नंबर 16 स्थित ब्लॉक 2 में प्रसिद्ध साहित्यकार पद्मश्री फणीश्वरनाथ रेणु के बंद फ्लैट 30 बी का ताला तोड़कर चोर उनकी साहित्यिक विरासत व पांडुलिपियां चुरा ले गये।

शातिर चोर रेणुजी के हस्ताक्षर वाली परती परिकथा, मैला आंचल, पलटू बाबू रोड्र, ठुमरी, अधूरा हस्तलिखित कागज की नाव, दर्जनों दुर्लभ चिट्ठियां, अन्य राइटर्स की दर्जनों पुस्तकें, उनके पूर्व विधायक बेटे पद्मपराग राय वेणु की महत्वपूर्ण फाइलें, फारबिसगंज जिला अररिया व विस से जुड़ी कई अहम फाइलें, अंगवस्त्र तथा कीमती बर्तन चुरा कर भाग गये, जबकि फ्लैट में रखे फ्रिज, टीवी समेत अन्य महंगे सामानों को छुआ तक नहीं।

रेणु जी की साहित्यिक विरासतों को उनकी स्मृति में बने संग्रहालय में रखने की तैयारी थी, लेकिन कोरोना काल की वजह से इसे अभी स्थानांतरित नहीं किया जा सका था। चोरी के इस मामले में रेणु जी के नाती प्रशांत कुमार की ओर से कदमकुआं थाने में अज्ञात चोरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। चोरी की इस घटना से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।

सिटी एसपी विनय तिवारी ने बताया कि पुलिस हर स्तर पर जांच करते हुए चोरों को गिरफ्तार करने तथा चोरी हुई साहित्यिक विरासतों को बरामद करने के प्रयास में जुट गई है।

फ्लैट में बंद था ताला

रेणु जी की बेटी नवनीता सिन्हा राजेंद्रनगर के ही मैला टंकी के पास रहती हैं। उनके मुताबिक पिता जी के फ्लैट में उनके छोटे भाई दक्षिणेश्वर कुमार राय पप्पू का साला गौरव कुमार रहकर पढ़ाई करता था। 10 दिन पूर्व वह फ्लैट में ताला बंदकर अपने घर पूर्णिया चला गया। चाभी मेरे ही पास थी। मंगलवार की रात चोर बंद फ्लैट का ताला तोड़कर दुर्लभ पांडुलिपियां चुरा ले गये। बुधवार की सुबह घटना की सूचना मिलने पर वह मौके पर पहुंचीं तो महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब मिले। सूचना के बाद सिटी एसपी विनय तिवारी समेत पुलिस के कई आलाधिकारी भी मौके पर पहुंचे और निरीक्षण कर घटना की बिन्दुवार जानकारी ली।

सीसीटीवी में दिखे संदिग्ध

मिली सूचना के अनुसार राजेन्द्र नगर रोड नंबर 12 में लगे एक सीसीटीवी फुटेज में दो लोग कुछ सामान का बंटवारा करते दिख रहे हैं। इसमें एक चापाकल भी दिख रहा है। इससे लग रहा है कि इन्हीं दो लोगों ने किताबों की चोरी की है। चोरों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस घटनास्थल के आसपास लगे अन्य दर्जनों सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाल रही है।

जनवरी में पैतृक घर हिंगना औराही में भी हुई थी चोरी

रेणुजी के साहित्यिक धरोहरों पर चोरों की नजर पहले से ही है। इसी साल जनवरी में उनके पैतृक गांव हिंगना औराही में रेणु स्मृति भवन में भी चोरी की घटना हुई थी। सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ बेबाक लिखने वाले साहित्यकार की लोकप्रिय कहानी मारे गए गुलफाम पर हिन्दी फिल्म तीसरी कसम बनी थी। मैला आंचल पर टीवी धारावाहिक भी बन चुका है, जो बेहद लोकप्रिय रहा था।

पांच साल तक विधायक भी रहे थे फ्लैट में

रेणु जी की बेटी नवनीता सिन्हा ने बताया कि उनके भाई पद्म पराग राय वेणु जी जब विधायक थे, तो वह इसी फ्लैट में 5 साल तक रहे थे। उन्होंने सरकारी आवास नहीं लिया था।

वारदात को बयां कर भावुक हो गये पप्पू

पिता फणीश्वरनाथ रेणु की प्रसिद्ध रचना मैला आंचल, परती परिकथा, ठुमरी, पलटू बाबू रोड के प्रथम संस्करण और कुछ रचनाओं की मूल प्रतियों के चोरी होने से परिजन बेहद दुखी और हतप्रभ हैं। मीडिया के समक्ष चोरी की वारदात को बयां करते हुए रेणुजी के छोटे पुत्र दक्षिणेश्वर प्रसाद राय पप्पू बेहद भावुक हो गये। बताया कि चोर अपने साथ कई हस्तलिखित रचनाएं भी ले गए हैं। कहा कि यह घटना रेणुजी की आत्मा की चोरी है। कहा कि आज मेरे पिताजी की दूसरी मृत्यु हो गयी है। उनके अंगवस्त्र और चिठ्ठियां चोरी गयी हैं। यह बहुत ही दुखद है।

अधूरा रह गया था उपन्यास कागज की नाव

उनके बेटे ने बताया कि रेणुजी ने 1972 में फारबिसगंज विधानसभा से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव भी लड़ा था। इस दौरान उन्होंने यह संकल्प लिया था कि अगर वे विजयी होते हैं तो अपने अनुभवों के आधार पर एक किताब लिखेंगे, लेकिन अगर वे हार जाते हैं तो फिर वे एक उपन्यास की रचना करेंगे। हालांकि, वे चुनाव हार गए थे और इसके बाद उन्होंने एक उपन्यास लिखना शुरू किया था। स्वास्थ्य कारणों से वे इसे पूरा नहीं कर सके। इस उपन्यास का नाम कागज की नाव था। मंगलवार की रात चोरों ने इसे भी अपना निशाना बनाया और उनकी हस्तलिखित इस रचना को चुरा ले गए।