सुपौल : अग्रिम लिए पांच करोड़ रुपए की वसूली में उदासीन बना है प्रशासन
त्रिवेणीगंज में विधवा, वृद्ध, दिव्यांग और गरीबों को पेंशन देने के लिए 5 करोड़ रुपए की सरकारी राशि डकार ली गई। 18 पंचायत सचिवों ने पेंशन का पैसा नहीं दिया और न ही वापस किया। सरकारी कार्रवाई न होने के...

त्रिवेणीगंज, निज प्रतिनिधि। विधवा, वृद्ध, दिव्यांग, गरीब लोगों को पेंशन देने के लिए सालों पहले अग्रिम के रूप में लिए गए पांच करोड़ रुपए से ज्यादा की सरकारी राशि प्रखंड में पूर्व पदस्थापित रहे 18 पंचायत सचिव डकार गए। पेंशन की यह सरकारी राशि आज तक ना तो लाभुक को मिला और ना ही सरकारी खजाने में वापस हुई। अब तो सैकड़ों पेंशनधारी परलोक भी सिधार चुके हैं। सबसे दुखद स्थिति यह है कि लोकशिकायत निवारण कार्यालय द्वारा पूर्व में सरकारी राशि वसूली सबंधी आधा दर्जन से अधिक आदेश के बाद भी प्रखंड के अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की। अग्रिम लेने वाले अधिकांश पंचायत सचिव रिटायर्ड भी हो चुके हैं, जबकि कुछ अन्य प्रखंड में नौकरी कर रहे हैं।
इन अग्रिम के समायोजन के नाम पर एक स्थानांतरित पंचायत सचिव बैद्यनाथ राय से 40 हजार रुपये घुस लेते तत्कालीन बीडीओ शलेश केसरी 2017 में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के हत्थे चढ़ चुके हैं। इसके बाद के अधिकारियों ने तो इस मामले की तरफ देखने की जहमत उठाना भी मुनासिब नहीं समझा। आरटीआई कार्यकर्ता डॉ. इंद्रभूषण प्रसाद ने इस मामले को मुख्यमंत्री जनता दरबार में उठाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। उन्होंने बताया कि इन पंचायत सचिव को बिहार वित्त नियमावली का उल्लंघन कर तत्कालीन बीडीओ ने गरीब लाभुकों को पेंशन वितरण करने के लिए अग्रिम के रूप में करोड़ों रुपए दिए थे, जबकि इनके जिम्मे पहले से लिए गए अग्रिम के लाखों रुपये ड्यूज थे, जिसके वसूली की ढिलाई के चलते अग्रिम लेने वाले पंचायत सचिव ने गरीब को पेंशन राशि वितरण करने के बदले पॉकेट में रखना ही मुनासिब समझा। उधर, एसडीएम शंभूनाथ ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। पता कर रहे हैं। बीडीओ को सरकारी राशि वसूली के लिए नीलाम पत्र वाद दायर करने का आदेश दिया जाएगा।
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