मिट्टी की जांच से पैदावार हो सकती दोगुनी
मिट्टी की जांच से पैदावार हो सकती दोगुनी

कजरा, एक संवाददाता। जिले में आज भी आम लोगों के आजीविका का मुख्य स्रोत खेतीबाड़ी है। आज भी 70 फ़ीसदी से अधिक की आबादी खेती-बाड़ी कर अपना जीवन यापन करते हैं। ऐसे में कृषि के क्षेत्र में तेज़ी से बढ़ोतरी भी हुई है। इसके पीछे की वजह यह है कि किसान अपनी खेती में वैज्ञानिकता और आधुनिकता को शामिल कर रहा है। किसान सलाहकार अनिल कुमार सिंह ने कहा कि किसान वैज्ञानिक तरीके से खेती कर सब्जी की उपज को काफी बढ़ा सकते हैं। किसी भी सब्जी की खेती करने से पहले हमें खेत की मिट्टी की जांच ज़रूर करवा लेनी चाहिए, ताकि हमें यह पता चल सके कि हमारी मिट्टी में कौन से पोषक तत्वों की कमी है और उस कमी को हम कैसे दूर कर सकते हैं।
इससे फसल बोने से पहले सही जानकारी मिल जाती है और समस्या का हल निकल जाता है। किसान सलाहकार श्री सिंह ने कहा कि वैसे तो सब्जियों की खेती कई बातों पर निर्भर करती है जैसे - मौसम, सिंचाई के साधन, रसायनों की उपलब्धता, बीजों की गुणवत्ता वगैरह लेकिन अगर हम खेत की मिट्टी की बात करें तो सब्जी की खेती के लिए सबसे सही दोमट चिकनी मिट्टी मानी जाती है, क्योंकि इस मिट्टी में सिंचाई करने पर नमी ज्यादा दिनों तक रहती है और इसमें उत्पादन की ताकत भी ज्यादा होती है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।