सुपौल : शरीर में पानी की कमी के कारण बीपी-शुगर हो रही बेकाबू
सुपौल में गर्मी और उमस के कारण डिहाइड्रेशन के मामले बढ़ रहे हैं। पानी की कमी से लोग उल्टी, दस्त और बुखार जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। अस्पतालों में 200 से अधिक मरीज रोजाना इन लक्षणों के साथ...

सुपौल, हिन्दुस्तान संवाददाता। गर्मी और उमस में अधिक पसीना निकलने से लोग डिहाइड्रेशन की चपेट में आ रहे हैं। गर्मी से शरीर में पानी की कमी, उल्टी, दस्त, बुखार समेत दूसरी दिक्कतें होने पर शुगर और बीपी अनियंत्रित हो सकता है। पानी की कमी से सोडियम-पोटेशियम कम होने से लोगों के दिल की धड़कन बढ़ने के साथ ही सांस लेने में तकलीफ, घबराहट और बेचैनी की समस्या बढ़ गई है। सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल समेत दूसरे अस्पतालों की इमरजेंसी और ओपीडी में रोजाना 200 से अधिक लोग इन लक्षणों के साथ पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों को ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने में मुश्किलें आ रही हैं।
डिहाइड्रेशन से हार्ट फेल्योर का खतरा: शहर के जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. राजाराम गुप्ता का कहना है कि डिहाइड्रेशन से ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन अनियंत्रित हो सकती है। ज्यादा पसीना निकलने से शरीर में सोडियम और पोटेशियम की कमी हो जाती है। ओपीडी में दो दर्जन से अधिक रोगी बढ़े हुए ब्लड प्रेशर के साथ आ रहे हैं। इन लोगों में दवाओं में तब्दीली के बाद भी ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करना काफी मुश्किल हो जाता है। सदर अस्पताल की की ओपीडी में गुरुवार को काफी भीड़ थी। मरीजों को इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। मरीज सुबह से ही सदर अस्पताल पहुंच रहे हैं। डॉक्टर की सलाह, नियमित दवाएं लें: डॉ. रामचन्द्र कुमार का कहना है कि गर्मी से शरीर में पानी की कमी, उल्टी, दस्त, बुखार समेत दूसरी दिक्कतें होने पर बीपी के साथ शुगर भी अनियंत्रित हो सकता है। चक्कर व सिर की लक्षण हो सकते हैं। रोगी बढ़ी हुई शुगर के साथ आ रहे हैं। ऐसे में मधुमेह रोगी नियमित दवाएं लें। डॉ. प्रतीक प्रसुन्न ने बताया कि शुगर को नियंत्रित रखें और जांच कराते रहें। गर्मी में हीट स्ट्रोक बच्चे एवं बड़े किसी को भी प्रभावित कर सकता है। नारियल पानी, नींबू पानी और बिना शक्कर वाले जूस का सेवन करें।
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