अभिभावकों के आर्थिक शोषण के खिलाफ उतरे अभाविप कार्यकर्ता
सुपौल, हन्दिुस्तान प्रतिनिधि। जिले के निजी स्कूलों में ड्रेस, निजी प्रकाशन किताब सहित अन्य

सुपौल, हन्दिुस्तान प्रतिनिधि। जिले के निजी स्कूलों में ड्रेस, निजी प्रकाशन किताब सहित अन्य माध्यमों से अभिभावकों का किए जा रहे आर्थिक शोषण के खिलाफ अभाविप ने आंदोलन का नर्णिय लिया है। अभाविप के एक शष्टिमंडल ने डीएम को ज्ञापन सौंपकर निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने की मांग की है। डीएम को दिए आवेदन में एसएफडी प्रमुख शिवजी कुमार ने कहा कि अधिकांश निजी वद्यिालयों द्वारा प्रत्येक वर्ष मासिक शुल्क में बेतहाशा वृद्धि की जाती है, जो अविभावकों से अवैध उगाही का एक माध्यम है। जिला स्तर पर एक समिति बनाकर ऐसे वद्यिालयों की जांच करते हुए समुचित कार्रवाई होनी चाहिए। इसके अलावा प्रतिवर्ष ड्रेस बदल दिया जाता है, जो एक नश्चिति दुकान से ही खरीदना पड़ता है, यह शक्षिा के व्यापारीकरण का एक उदाहरण है। इस पर अबिलंब रोक लगनी चाहिए। जिला संयोजक रंजीत झा ने कहा कि निजी वद्यिालयों द्वारा प्रतिवर्ष पाठ्य पुस्तक भी बदल दिए जाते है। पहली कक्षा के पाठ्य पुस्तक में तीन से पांच हजार तक का खर्च आता है, जबकि सरकार द्वारा तय मानक के अनुरूप एनसीईआरटी की पुस्तक हीं पढ़ाई जानी है। प्रतिवर्ष पुस्तक परिवर्तन करने से पर्यावरण को बड़ी मात्रा में क्षति पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि निजी वद्यिालय द्वारा की जा रही मनमानी पर रोक लगनी चाहिए। कहा कि अगर विभाग की ओर से मांगों पर विचार कर इसका समाधान नहीं किया गया तो संगठन सड़क पर उतर का आंदोलन को बाध्य होगा। मौके पर प्रदेश कार्य समिति सदस्य राजेश कुमार, विनीत कुमार, सोहन कुमार, आदत्यि कौशिक, राजेश कुमार मल्लिक सहित अन्य मौजूद थे।
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