नदियों के संरक्षण को 150 किमी चलेंगे पैदल
पश्चिमी रामगंगा नदी के संरक्षण के लिए 11 मई को दूधातोली वन से ‘स्रोत से संगम पदयात्रा’ शुरू होगी, जो 22 मई को मोहान पर समाप्त होगी। यह यात्रा पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों के दस्तावेजीकरण और समुदाय-नदी...

चौखुटिया। पश्चिमी रामगंगा नदी के आसपास की पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों के दस्तावेजीकरण, नदियों के संरक्षण के लिए जागरूक करने को स्रोत से संगम पदयात्रा निकाली जानी है। 150 किमी की यह पदयात्रा दूधातोली वन से शुरू होकर मोहान पर समाप्त होगी। इनेहर, हिमगिरी ग्रीन फाउंडेशन और पहर की ओर से ‘स्रोत से संगम पदयात्रा 11 मई को दूधातोली वन से शुरू होकर गैरसैंण, खनसर घाटी, चानोला, खजूरानी, तड़ागताल, चौखुटिया, भिकियासैंण, मरचूला होते हुए 22 मई को मोहान पर जाकर समाप्त होगी। हिमगिरि से पर्यावरण प्रेमी शंकर सिंह बिष्ट और इनेहर से चिन्मय शाह ने बताया कि यह यात्रा पश्चिमी रामगंगा नदी के आसपास की पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों के दस्तावेजीकरण, समुदाय-नदी संबंधों को समझना और उत्तराखंड में नदी पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण को जागरूक करने के लिए की जा रही है।
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