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अनजान नंबर से कॉल मर्ज के पहले सोच लें, खाली हो जाएगा खाता? ओटीपी के बाद साइबर फ्रॉड का नया पैंतरा

  • साइबर मामलों के जांचकर्ता अधिकारी पंकज कुमार ठाकुर ने बताया कि हाल ही में जिले के अलग-अलग बैंकों की विभिन्न शाखाओं में कई ऐसी शिकायतें आई हैं। इनमें ग्राहकों ने बिना ओटीपी, पासवर्ड या अन्य महत्वपूर्ण जानकारी शेयर किए ही खातों से पैसे निकाल लिए जाने के आरोप लगाए हैं।

Sudhir Kumar लाइव हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाताSat, 19 April 2025 09:40 AM
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अनजान नंबर से कॉल मर्ज के पहले सोच लें, खाली हो जाएगा खाता? ओटीपी के बाद साइबर फ्रॉड का नया पैंतरा

ओटीपी मांगकर बैंक खातों से पैसे उड़ाने वाले साइबर अपराधियों ने ठगी का नया तरीका ढूंढ़ लिया है। वे अब ओटीपी शेयर करने की जगह खाताधारकों को फोन कर झांसे में लेते हैं और फिर दूसरे नंबर से आई कॉल को मर्ज करने को कहते हैं। जैसे ही खाताधारक उस कॉल को मर्ज करते हैं, उनके खातों से राशि निकाल ली जाती है। इस पूरी प्रक्रिया में कॉल मर्ज होते ही साइबर अपराधियों के पास बैंक खाताधारकों के मोबाइल का पूरा एक्सेस आ जाता है।

इसका खुलासा जिले के कुछ बैंकों में ऐसी घटनाओं को लेकर आई आधा दर्जन शिकायतों की जांच से हुआ है। इसमें न तो ग्राहक ओटीपी शेयर करते हैं और न ही पासवर्ड या किसी और तरह की अन्य जानकारी। महज एक कॉलर की कॉल को दूसरे कॉलर की कॉल के साथ मर्ज करते ही ठगी का खेल पूरा हो जाता है। इसको लेकर बैंक प्रबंधनों ने ग्राहकों को सावधान करते हुए जागरूक किया है।

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बैंक ऑफ इंडिया में कार्यरत और साइबर मामलों के जांचकर्ता अधिकारी पंकज कुमार ठाकुर ने बताया कि हाल ही में जिले के अलग-अलग बैंकों की विभिन्न शाखाओं में कई ऐसी शिकायतें आई हैं। इनमें ग्राहकों ने बिना ओटीपी, पासवर्ड या अन्य महत्वपूर्ण जानकारी शेयर किए ही खातों से पैसे निकाल लिए जाने के आरोप लगाए हैं।

इनकी जांच के दौरान यह बात सामने आई कि उन्होंने एक अनजान आदमी का कॉल रिसीव किया था। उसने एक व्यक्ति का हवाला देते हुए उसके द्वारा कॉल करने पर उसे मर्ज करने को कहता है। कॉल को मर्ज करने के बाद दूसरे कॉलर ने कोई बातचीत नहीं की। दो से तीन मिनट की कॉल के बाद वह स्वत: कट गया।

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इसके बाद बैंक से राशि निकाले जाने का मैसेज मोबाइल पर मिला। पंकज ने ग्राहकों को ऐसे किसी कॉल को नजरअंदाज करने को कहा। कहा कि ओटीपी जाने की तकनीक पुरानी हो चुकी है। इसलिए अपराधियों ने नया तरीका ढूंढ़ निकाला है।

अनजान नंबर से आई कॉल को मर्ज करने से करें परहेज

साइबर थाने से जुड़े विशेषज्ञ अनिकेत ने बताया कि आने वाला दूसरा कॉल एक लिंक से जुड़ा होता है। इसको मर्ज करते ही ग्राहक उस लिंक से जुड़ जाते हैं और उनके मोबाइल का एक मिरर हैकर को मिल जाता है। इससे वह ग्राहक के मोबाइल का पूरा नियंत्रण अपने हाथों में ले लेता है। इसके सहारे वह ठगी करता है। उन्होंने ठगी से बचने के लिए बैंकिंग एप को बायोमेट्रिक तरीके से चलाने का सुझाव दिया। साथ ही अनजान नंबर से आई कॉल को मर्ज करने से परहेज करने को कहा।